• March 8, 2015

हाईरिस्क मरीजों में लक्षण प्रतीत होते ही स्वाइन फ्लू उपचार प्रारंभ करें -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री

हाईरिस्क मरीजों में लक्षण प्रतीत होते ही स्वाइन फ्लू उपचार प्रारंभ करें  -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री

जयपुर -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने प्रदेश स्वाइन फ्लू की प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए हाईरिस्क मरीजों में स्वाइन फ्लू के लक्षण प्रतीत होते ही उन्हें तत्काल टेमीफ्लू उपलब्ध कराकर उपचार प्रारंभ करने के निर्देश दिये है। उन्होंने उदयपुर में अतिरिक्त निदेशक को भिजवाकर स्वाइन फ्लू की रोकथाम की गतिविधियों की मॉनिटरिंग कराने एवं उदयपुर, जोधपुर, अजमेर व कोटा मेडिकल कॉलेजों में जयपुर से विशेषज्ञ चिकित्सको को भिजवाने के भी निर्देश दिये है।

श्री राठौड शनिवार को सायं स्वास्थ्य भवन में आयोजित राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने स्वाइन फ्लू के उपचार में निरंतर सतर्कता बरतने एवं स्वाइनफ्लू पॉजीटिव पाये जाने वाले मामलों में आस-पास के 50 घरों में गंभीरता से स्क्रीनिंग कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू के उपचार व रोकथाम के प्रयासों में लापरवाही बरतने वालों के विरूद्घ नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में स्वाइन फ्लू की रोकथाम के प्रयासों के तहत स्वाइन फ्लू जॉच की रिर्पोट यथाशीघ्र प्राप्त करने की व्यवस्थाएं की है। उन्होंने  बताया कि एस.एम.एस. मेडिकल कॉलेज में 12 घंटों में एवं अन्य मेडिकल कॉलेजों में 24 घंटे में जॉच रिर्पोट उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा हैं। निजी चिकित्सालयों को भी उनकी मांग पर निशुल्क टेमिफ्लू उपलब्ध करवाई जा रही है। प्रदेश में 15 फरवरी के बाद स्वाइन फ्लू की रोगियों की संख्या में कमी आ रही है।

स्वाइन फ्लू के गठित राज्यस्तरीय टॉस्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. अशोक पनगडिय़ा ने चिकित्सालयों के स्वाइन फ्लू आउटडोर में रोगियों की संख्या में कमी आने की स्थिति में भी स्वाइन फ्लू की जांच एवं उपचार सेवाओं को सतर्कता के साथ सुचारू रखने की आवश्यकता प्रतिपादित की है। उन्होंने हाईरिस्क (कैन्सर, हृदयरोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप के रोगियों व गर्भवती महिलाओं इत्यादि) मरीजों को इन्फ्लूऐन्जा के लक्षण प्रतीत होते ही तत्काल टेमिफ्लू देने पर बल दिया । उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश प्रदान कर सभी चिकित्सकों को इस दिशा में विशेष सावधानी बरतने के लिये कहा जाये।

प्रमुख शासन सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री मुकेश शर्मा ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को हाईरिस्क मरीजों में आई एल आई प्रतीत होने पर, सामान्य व्यक्तियों में बुखार व कफ की शिकायत होने पर एवं सांस लेने में कठिनाई प्रारंभ होते ही स्वाइन फ्लू की जॉच कराने एवं तत्काल दवा प्रारंभ करने के निर्देश दिये। उन्होंने गर्भवती महिलाओं एवं प्रसूताओं के मामलों में विशेष सावधानी बरतने एवं संबंधित आशा कार्यकताओं को इस संबंध में सक्रिय कर गर्भवती महिलाओं में स्वाइन फ्लू के लक्षण प्रारंभ होते ही उपचार प्रारंभ कराने के निर्देश दिये।

प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री जे.सी.महान्ति ने बताया कि प्रदश के सभी मेडिकल कॉलेजों में अलग से आउटडोर, आइसोलेशन वार्ड, आईसीयू  व वेन्टीलेटर्स की व्यवयस्था निरन्तर जारी हैं। शनिवार को सवाई मानसिंह कॉलेज में 15, उदयपुर में 3, जोधपुर व अजमेर में 2-2 स्वाइनफ्लू के मरीज वेन्टीलेटर्स पर थे।

स्वाइन फ्लू के प्रदेश में अब तक कुल 16 हजार 446 सेम्पल की जॉच में 5 हजार 898 सेम्पल पॉजीटिव पाये गये है। इनमें 3 हजार 63 पुरूष एवं 2 हजार 835 महिलाएं शामिल है। स्वाइन फ्लू के कारण 6 मार्च तक 148 पुरूष एवं 157 महिलाओं सहित कुल 305 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है।

बैठक में संयुक्त सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ.एस.पी.सिंह, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. बी. आर. मीणा, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. यू. एस. अग्रवाल  व अधीक्षक डॉ. मानप्रकाश शर्मा, जे.के.लॉन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एस.डी.शर्मा सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।

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