साढ़े सात हजार राशन दुकानें कैशलेस : श्री मोहले

साढ़े सात हजार राशन दुकानें  कैशलेस : श्री मोहले

रायपुर (छत्तीसगढ)—– खाद्य, नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण, ग्रामोद्योग, योजना, आर्थिक-सांख्यिकी तथा बीस सूत्रीय कार्यान्वयन मंत्री श्री मोहले ने अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान आज यहां विधानसभा में बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और अधिक मजबूत तथा पारदर्शी बनाने के लिए शत-प्रतिशत राशन दुकानों का कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है।

अब तक राज्य की 12 हजार 240 राशन दुकानों में से 12 हजार 58 राशन दुकानों का कम्प्यूटरीकरण हो चुका है। आगामी वित्तीय वर्ष 2017-18 के पहले तीन माह में शेष सभी दुकानों का कम्प्यूटरीकरण पूरा कर लिया जाएगा। श्री मोहले ने बताया कि भारत सरकार के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन कार्डधारकों को कैशलेस भुगतान की सुविधा देने के लिए तेजी से कार्य शुरू कर दिया है।

प्रदेश में संचालित 12 हजार 240 राशन दुकानों में से इंटरनेट कनेक्टीविटी वाली सात हजार 467 दुकानों में डिजिधन एप्प के जरिए कैशलेस लेनदेन लागू किया जा रहा है। अब तक 4 हजार 448 राशन दुकानों में बायोमेट्रिक उपकरण उपलब्ध करायी जा चुकी है।

कैशलेस व्यवस्था से राशन कार्ड धारकों को राशन दुकान में नगद राशि लाने की जरूरत नहीं होगी। उन्हें अपना फिंगरप्रिंट देकर नकदरहित भुगतान करने की सुविधा मिल जाएगी।
श्री मोहले द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए उनके विभागों की अनुदान मांगों की कुल राशि 1938 करोड़ 85 लाख 69 हजार रूपए को आज विधानसभा में ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण विभाग के लिए 1794 करोड़ 35 लाख 80 हजार रूपए, ग्रामोद्योग विभाग के लिए 102 करोड़ 99 लाख आठ हजार रूपए, योजना, आर्थिक तथा सांख्यिकी विभाग के लिए 39 करोड़ 51 लाख 21 हजार रूपए और बीस सूत्रीय कार्यान्वयन विभाग के लिए एक करोड़ 99 लाख सात हजार रूपए शामिल हैं।
श्री मोहले ने बताया कि राशन कार्डधारकों की त्रुटि रहित पहचान के लिए राशन कार्ड में आधार नम्बर की सिडिंग की जा रही है।

प्रदेश में 58 लाख 24 हजार राशन कार्ड धारकों में दो करोड़ नौ लाख सदस्य शामिल हैं। इनमें से अब तक एक करोड़ 90 लाख सदस्यों के आधार नम्बर की सिडिंग राशन कार्ड में की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि पीडीएस के केरोसिन का लाभ केवल पात्र राशन कार्डधारकों को मिले, इसके लिए कैश ट्रांसफर योजना तैयार की गई है।

इस योजना को लागू करने के लिए राज्य के सभी 58 लाख 24 हजार राशन कार्ड धारकों के बैंक खातों की जानकारी संकलित की जा रही है। अब तक 54 लाख 34 हजार राशन कार्ड धारकों के बैंक खातों की जानकारी राशन कार्ड से जोड़ी जा चुकी है।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए बजट प्रावधान
खाद्य मंत्री श्री मोहले ने बताया कि अन्त्योदय और प्राथमिकता वाले 58 लाख 24 हजार राशन कार्ड धारकों को सिर्फ एक रूपए प्रति किलो की दर से हर महीने पात्रतानुसार अनाज प्रदाय किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत राज्य सरकार को हर महीने एक लाख 15 हजार टन चावल प्राप्त हो रहा है।

प्रदेश में हर महीने एक लाख 69 हजार टन खाद्यान की आवश्यकता है। अतिरिक्त अनाज की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जा रही है। इसके लिए आगामी वित्तीय वर्ष 2017-18 में मुख्यमंत्री खाद्यान सहायता योजना के तहत तीन हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

अन्त्योदय एवं प्राथमिकता वाले परिवारों के पोषण सुरक्षा के लिए अनुसूचित क्षेत्रों में हर महीने दो किलो और गैर अनुसूचित क्षेत्रों में हर महीने एक किलो निःशुल्क आयोडिन युक्त नमक तथा अनुसूचित क्षेत्रों में पांच रूपए किलो की दर से दो किलो चना दिया जा रहा है। इसके लिए आगामी वित्तीय वर्ष 2017-18 में चना के लिए 400 करोड़ रूपए, नमक के लिए 75 करोड़ 81 लाख रूपए और शक्कर के लिए 40 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी
श्री मोहले ने बताया कि इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कार्य 15 नवम्बर 2016 से 31 जनवरी 2017 तक किया गया। खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में 13 लाख 27 हजार पंजीकृत किसानों से 69 लाख 58 हजार मिटरिक टन धान खरीदी गयी।

किसानों को 10 हजार 317 करोड़ 62 लाख रूपए का भुगतान उनके खातों में कर दिया गया है। श्री मोहले ने बताया कि समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान में से अब तक 57 लाख मिटरिक टन धान का मिलिंग के जरिये निराकरण हो चुका है। शेष धान की मिलिंग मई 2017 को करने का लक्ष्य रखा गया है।

ग्रामोद्योग में 3.24 लाख से अधिक लोगों को मिला रोजगार
ग्रामोद्योग मंत्री श्री मोहलेे ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामोद्योग विकास को ध्यान में रखते हुए आगामी वित्तीय वर्ष 2017-18 के वार्षिक बजट में 13.33 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

उन्होंने बताया कि ग्रामोद्योग के विभिन्न घटकों हाथ करघा, रेशम, बुनकर संघ, हस्तशिल्प, माटीकला और खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड की विभिन्न योजनाओं के तहत चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 में तीन लाख 24 हजार 352 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि आगामी वित्तीय वर्ष 2017-18 में तीन लाख 49 हजार लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। श्री मोहले ने बताया कि वर्ष 2016-17 में 50 हजार से अधिक बुनकरों को हाथ करघा कपड़ा बुनाई से रोजगार दिया जा रहा है। बुनकरों द्वारा अब तक उत्पादित 157 करोड़ 77 लाख रूपए के कपड़े विभिन्न शासकीय विभागों में आपूर्ति की गई है। बुनकरों को बुनाई पारिश्रमिक के रूप में 38 करोड़ 73 लाख रूपए का वितरण किया गया।

उन्होंने बताया कि हाथ करघा संघ के माध्यम से प्रदेश के 502 महिला स्वसहायता समूहों से आठ करोड़ 33 लाख रूपए के लगभग 48 लाख सेट गणवेश तैयार कराया गया। स्कूलों के लिए गणवेश सिलाई कार्य से राज्य में 502 महिला स्वसहायता समूहों की चार हजार 950 महिलाओं को रोजगार मिल रहा है।

श्री मोहले ने बताया कि आगामी वित्तीय वर्ष 2017-18 में समग्र हाथ करघा विकास योजना के लिए चार करोड़ 50 लाख रूपए, राजनांदगांव जिले में छुई खदान बुनकर सहकारी समिति में सामान्य सुविधा केन्द्र की स्थापना के लिए तीन करोड़ रूपए और छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा संचालित परिवार मूलक स्व रोजगार योजना में अनुदान के लिए पांच करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

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