- April 24, 2015
सामूहिक विवाह सम्मेलन सामाजिक समरसता का महाकुंभ : 1350 नव-दम्पत्ति
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सामूहिक विवाह सम्मेलन को सामाजिक समरसता का महाकुम्भ बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन में समाज की हर जाति और सम्प्रदाय की कन्याओं के विवाह एक मण्डप के नीचे उनकी धार्मिक पद्धति के अनुसार करवाये जाते हैं। मुख्यमंत्री आज सागर जिले के गढ़ाकोटा में सामूहिक विवाह सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन का आयोजन पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव की अगुवाई में हुआ। श्री भार्गव के पुत्र श्री अभिषेक और पुत्री डॉ. अवंतिका का विवाह भी सामूहिक विवाह समारोह में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में 1350 गरीब कन्याओं के विवाह हुए। इस अवसर पर मंत्री-मण्डल के सदस्य, राजनैतिक दलों के पदाधिकारी, संत श्री प्रभाकर शास्त्री और अनेक गणमान्य विभूतियों ने नव-दम्पत्तियों को आशीर्वाद दिया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार का काम सड़क, बिजली, पानी जैसे विकास कार्य करवाने के साथ समाज-सुधार भी करना है। उन्होंने कहा कि जिस देश में माता-बहनों का सम्मान नहीं होता, वह देश कभी विकसित नहीं हो सकता। मध्यप्रदेश सरकार ने समाज में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिये स्थानीय निर्वाचन में 50 प्रतिशत का आरक्षण लागू किया है। हाल में पुलिस की भर्ती में 30 प्रतिशत पद महिलाओं के लिये आरक्षित किये गये हैं। श्री चौहान ने कहा कि सामूहिक सम्मेलन में शामिल होने वाले ऐसे नव-दम्पत्ति को सरकार 12 हजार रुपये की राशि दे रही है, जिनके यहाँ शौचालय नहीं हैं। इस राशि का उपयोग वे शौचालय के निर्माण में कर सकेंगे। उन्होंने नव-विवाहित जोड़ों के भविष्य की मंगल-कामना करते हुए कहा कि वे सदा सुखी रहें, शतायु हों और ईश्वर उन्हें सुखी रखकर उनके दु:ख मुझे दे दे।
कुशल-क्षेम सम्मेलन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सम्मेलन में शामिल नव-दम्पत्तियों के आगे का जीवन कैसा चल रहा है, इसकी जानकारी लेने के लिये कुशल-क्षेम सम्मेलन आयोजित किये जायेंगे। सम्मेलन में विवाहित जोड़ों को आमंत्रित कर उनकी कुशल-क्षेम पूछी जायेगी तथा आवश्यकतानुसार मदद की जायेगी। यह परम्परा पूरे प्रदेश में लागू होगी।
श्री गोपाल भार्गव ने बताया कि गढ़ाकोटा के 14वें सम्मेलन में ऐसी परम्परा शुरू हो चुकी है। पुराने आयोजन में विवाह करने वाले दम्पत्तियों को सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है। श्री भार्गव ने बताया कि गढ़ाकोटा में सामूहिक विवाह सम्मेलन वर्ष 2001 से प्रारंभ हुआ था। यह 14वाँ समारोह है, जिसमें 30 मुस्लिम कन्याओं के निकाह भी हो रहे हैं। इसके अलावा विभिन्न जाति के कन्या विवाह वैदिक परम्परा से हो रहे हैं। हर वर्ग और जाति को एक मण्डप में बैठाकर परिणय बँधन में बाँधने की परम्परा सामाजिक समरसता के लिये किया गया प्रयास है। सभी जोड़ों को भोजन, ठहरने और आने-जाने की व्यवस्था समान रूप से उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने बताया कि 4 साल पहले के आयोजन के बारे में कुछ लोगों ने व्यक्त किया था कि गरीब कन्याओं का विवाह करवाकर दिखावा किया जाता है। यदि वे अपने बच्चों की शादी सम्मेलन में करवायें तभी उन्हें सच्चा जन-प्रतिनिधि समझा जायेगा। इसी बात को ध्यान में रखकर सम्मेलन में अपने इकलौते पुत्र और पुत्री का विवाह गरीब कन्याओं के साथ सम्पन्न करवाया है। समारोह को श्री विनय सहस्रबुद्धे ने भी संबोधित किया।
मुख्यमंत्री ने इकलौते पुत्र-पुत्री का विवाह सम्पन्न करवाने के निर्णय की प्रशंसा की। उन्होंने श्री भार्गव को पुष्प-हार पहनाकर सम्मानित भी किया। विवाह सम्मेलन में मुख्यमंत्री के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री श्री कैलाश जोशी, वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, जनसंपर्क मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री कुँवर विजय शाह, राजस्व मंत्री श्री रामपाल सिंह, सांसद और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री नंदकुमार सिंह चौहान, श्री अरविंद मेनन, सांसद श्री अनूप मिश्रा एवं श्रीमती रीति पाठक, विधायक सर्वश्री शैलेन्द्र जैन, प्रदीप लारिया, हरवंश सिंह राठौर, महापौर श्री अभय दरे, पूर्व मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया सहित अनेक जन-प्रतिनिधि भी मौजूद थे।