• September 30, 2016

सर्जिकल स्ट्राइक’ लिये सेना बधाई के पात्र- सुश्री मायावती

सर्जिकल स्ट्राइक’ लिये सेना बधाई के पात्र- सुश्री मायावती

पाकिस्तान की सीमा के भीतर सफल ’सर्जिकल स्ट्राइक’ लिये सेना बधाई के पात्र।

अगर पठानकोट में आतंकी हमले के बाद ऐसी त्वरित कार्रवाई की गयी होती तो उरी की दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण घटना को रोककर 18 सैनिकों को वीरगति प्राप्त होने से बचाया जा सकता था: सुश्री मायावती जी।

भाजपा के अध्यक्ष श्री अमित शाह का यह बयान राजनीति से प्रेरित व जल्दबाजी का बयान है कि कल की इस घटना के फलस्वरुप नये भारत का उदय हुआ है।

नई दिल्ली, 30 सितम्बर, 2016: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती ने अपने देश की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा को हर प्रकार से सुरक्षित व सेना को उस कार्य के लिये हर प्रकार के आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित करने की मांग करते हुये कहा कि देश की एकता व अखण्डता को कभी कोई ख़तरा नहीं पैदा हो, इसके लिये आवश्यक है कि पाकिस्तान के साथ-साथ हमारे देश को हर पड़ोसी देशों से मिलती हुई सीमा को सुरक्षित किया जाये।

सुश्री मायावती ने आज जारी एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा के भीतर आतंकी कैम्पों पर सेना को कार्रवाई करने की अनुमति देना सही है लेकिन यह “देर से उठाया गया क़दम है’’।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार को सरहद पार की आतंकी गतिविधियों की रोकथाम के लिये वहाँ स्थापित आतंकी शिविरों को नष्ट करने की कार्रवाई काफी पहले करनी चाहिये थी।download

इस सम्बन्ध मे ख़ासकर जनवरी सन् 2016 में जब पंजाब राज्य के पठानकोट स्थित वायुसेना के हवाई अड्डे पर आतंकी हमला हुआ था तभी उसके फौरन बाद ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार अगर सेना को आतंकी कैम्पों पर हमले की अनुमति दे देती तो बहुत संभव था कि दिनांक 18 सितम्बर की उरी की अत्यन्त ही दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण घटना नहीं घटती और हमारे 18 वीर सैनिक बलिदान होने से बच जाते अर्थात उन सैनिकों की जान बचायी जा सकती थी।

बी.एस.पी. प्रमुख सुश्री मायावती ने कहा कि भारतीय सेना बधाई की पात्र है कि उसने सरहद पार करके वहाँ चलने वाले आतंकी कैम्पों को नष्ट कर दिया और उन्हें काफी जानी-माली नुकसान भी पहुंचाया और इस प्रकार सेना ने अपना वह वायदा पूरा कर दिया है जो उरी की अत्यन्त ही दुःखद व अप्रिय घटना के बाद देशवासियों से किया था।

परन्तु भाजपा व उसकी केन्द्र की सरकार तथा ख़ासकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के लिये अति-उत्साहित होकर जश्न मनाने का समय नही है क्योंकि ख़ासकर वर्तमान घटनाक्रम के बाद देश के समक्ष चुनौतियों का ख़तरा काफी ज़्यादा बढ़ गया है।

केन्द्र की वर्तमान सरकार को भारत-पाक के सम्बंध में व ख़ासकर सीमा की सुरक्षा के बारे में अब अपनी पुरानी ढुलमुल नीति त्याग कर सेना को देशहित मेें अपना काम करते रहने की छूट दे देनी चाहिये और उसे कूटनीतिक स्तर पर अपनी जिम्मेदारी और भी ज़्यादा तत्परता से निभाने का प्रयास करते रहना चाहिये।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह के इस दावे को कि वर्तमान घटनाक्रम के परिप्रेक्ष्य में ’नये भारत का उदय हुआ है’ को राजनीति से प्रेरित बयान बताते हुये सुश्री मायावती ने कहा कि देश की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा को पूरी तरह से सुरक्षित बनाने के साथ-साथ अपने सैनिकों व आम नागरिकों को ख़ासकर आतंकी ख़तरों से बचाने के लिये अभी बहुत कुछ ठोस व जरूरी बुनियादी काम करना बाक़ी है।

बी.एस.पी. केन्द्रीय कार्यालय
4, गुरूद्वारा रकाबगंज रोड,
नई दिल्ली – 110001

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