• September 23, 2016

समेकित बाल संरक्षण योजना – स्कूली बच्चों को प्रशिक्षण

समेकित बाल संरक्षण योजना – स्कूली बच्चों को प्रशिक्षण

सीधी-(विजय सिंह)- किशोरावस्था में यदि बच्चा गलत संगत से बहकावे में आकर या जानकारी के अभाव में गलती कर बैठा है तो इस पर संवेदनशीलता के साथ विचार करते हुये उसे समाज की मुख्यधारा से जोड़े रखने का प्रयास किया जाना चाहिये। यह सामाजिक दायित्व तो है ही, इसके लिये कानूनी प्रावधान भी है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (मॉडल) बमुरी में दिनांक 22 सितम्बर को समेकित बाल संरक्षण योजनांतर्गत् आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण में यह जानकारी परियोजना अधिकारी एवं खंड महिला सशक्तिकरण अधिकारी सिहावल श्रीमती माधुरी सिंह ने कक्षा 9 से 12 वीं तक अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं को दी।good-touch-bad-touch

श्रीमती सिंह ने बताया कि 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों के लिये बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम 2015 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 लागू है। महिला सशक्तिकरण, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेश में जरूरतमंद, संकटग्रस्त, अनाथ बच्चों को संरक्षण एवं सहायता हेतु फास्टर केयर योजना, दत्तक ग्रहण योजना, शिशु गृह, बाल गृह, सम्प्रेषण गृह संचालित किये जा रहे हैं। विधि विवादित बच्चों को न्याय एवं आदतन अपराध से छुटकारा दिलाने के लिये पृथक न्यायालय, पृथक सुधार गृह व सम्प्रेषण गृह की व्यवस्था है, ताकि वह समाज की मुख्य धारा से अलग न हो सके, मध्य प्रदेश शासन इसके लिये विशेष रूप से प्रयासरत् है।

लैंगिक अपराध क्या है ? कौन सा कृत्य इस परिधि में आता है ?

श्रीमती सिंह ने इस पर विस्तार से चर्चा की। गुड टच- बैड टच की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गलत स्पर्श, गलत कमेन्ट्स-ईशारा, फब्तियां कसना, चूमना, अश्लील साहित्य पढ़ने के लिये मजबूर करना, अश्लील चित्र दिखाना, आलिंगन आदि यह सभी कृत्य लैंगिक शोषण की परिधि में आते हैं। इसके विरुद्ध आवाज उठाने एवं विरोध करने का अधिकार बच्चों को है। यदि बच्चों के साथ यह हो रहा है तो वह इसकी जानकारी सबसे पहले अपने माता-पिता, विश्वसनीय परिजन, शिक्षक या जिस पर उन्हें भरोसा है उसे साहस पूर्वक दें। इसकी शिकायत पुलिस, महिला सशक्तिकरण अधिकारी या बाल कल्याण समिति के समक्ष की जा सकती है और करना भी चाहिये। पास्को एक्ट के सम्बंध में जानकारी देते हुये बालकों के सम्बंध में गठित किशोर न्याय बोर्ड में चालान, व सुनवाई की प्रक्रिया पर श्रीमती सिंह ने विस्तार से प्रकाश डाला।

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (मॉडल) के छात्र- छात्राओं ने अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिये प्रश्न पूंछे,श्रीमती सिंह ने उनकी शंकाओं का समाधान किया। अंत में बालिकाओं से बात की गई और विद्यालय के प्राचार्य से शिकायत पेटी रखे जाने का आग्रह किया गया। प्राचार्य कृष्ण कुमार पटेल नेअतिशीघ्र पेटी रखवाये जाने हेतु आश्वस्त किया। इस अवसर पर विद्यालय के समस्त शिक्षक, अतिथि शिक्षक उपस्थित रहे।

स्वतंत्र पत्रकार
19/ अर्जुन नगर सीधी

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