- April 19, 2017
समस्या समाधान निचले स्तर —662 मामलों की समीक्षा
जयपुर——————–मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के धौलपुर में गत प्रवास के दौरान उन्हें सौंपी गई शिकायतों , मॉंगों और ज्ञापनों को राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज कर एक-एक प्रकरण की गहराई से जाॅंंच और सत्यापन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के सचिव (जन अभियोग निराकरण) श्री के के पाठक के नेतृत्व में अधिकारियों ने मंगलवार को इन मामलों की समीक्षा की।
श्री पाठक ने बताया कि आमजन की व्यक्तिगत और सार्वजनिक समस्याओं का समय पर और उसके घर के पास ही समाधान करना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है। समस्या समाधान के लिए उसे ऊपरी स्तर पर न जाना पडे।
न्याय आपके द्वार, आपका जिला आपकी सरकार, सरकार आपके द्वार कार्यक्रम चलाये गये। सभी अधिकारी प्रत्येक कार्य दिवस पर अपने कार्यालय में जनसुनवाई करने के साथ ही रात्रि चौपाल, दौरों, निरीक्षण के समय भी समस्या समाधान कर रहे हैं।
इन सभी मामलों को राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज किया जाता है। सम्बन्धित अधिकारी से जॉंच करवा कर सत्यापन और पुनः सत्यापन करवाया जाता है। मामले मुख्य रूप से 2 प्रकार के हैं। एक श्रेणी में वे मामले हैं जिनमें राहत पाना शिकायतकर्ता का अधिकार है, जैसे पालनहार का लाभ।
दूसरी श्रेणी में वे मामले हैं जिनमें बजट उपलब्ध हो और औचित्य बनता है तो मॉंग पूरी की जा सकती है, जैसे नई सड़क बनवाना। उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आये हैं।
श्री पाठक ने इनका निस्तारण करते समय मानवीय दृष्टिकोण अपनाने के निर्देश दिए। जिले का कुल औसत 69 प्रतिशत से ऊपर नहीं होना चाहिए। आवश्यकता होने पर किसी ग्राम पंचायत या पंचायत समिति में 69 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या भी इस सूची में शामिल हो सकती है लेकिन जिले का औसत 89 प्रतिशत ही रहे।
सैंपऊ तहसील के फरियादी के आवेदन का निरीक्षण करते हुए श्री पाठक ने बताया कि 1966 से रेकार्ड में कोई व्यक्ति भूमि पर गैर खातेदारी अधिकार रखता है तो उसे खातेदारी का अधिकार मिलना चाहिए।
करीमपुरा निवासी संतोष कुशवाह ने स्थानीय राजकीय विद्यालय के भवन विस्तार के लिए भूमि आवंटन की मॉंग की थी। पाठक ने इस मामले में धौलपुर तहसीलदार को मौके पर जाकर भूमि तलाशने के निर्देश दिए।
बसई सामन्ता के सरेखी को राजस्व ग्राम घोषित करने की मॉंग पर उन्होंने कहा कि गॉंव की आबादी 250 हो तो जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रस्ताव राज्य सरकार और राजस्व मण्डल को भिजवाया जाये।
कंचनपुर निवासी शोभाराम ने कब्जा काश्त की आराजी भूमि पर कब्जा दिलवाने की मॉंग की है। इस मामले में तहसीलदार को मौके पर जाकर वस्तुस्थिति की रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए। राजाखेडा तहसील निवासी भूपसिंह ने खुद की भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटवाने की मॉंग की थी। पाठक ने इस भूमि की पैमाइश करने के निर्देश दिए।
श्री के के पाठक ने अधिकारियों को विभागों का आवंटन कर पृथक-पृथक समीक्षा करवाई। शिक्षा, राजस्व, मुख्यमंत्री सहायता कोष, शस्त्र लाइसेन्स, मुआवजे आदि मामलों की उन्होंने स्वयं समीक्षा की।
मुख्यमंत्री कार्यालय के ओएसडी ओ पी सहारन ने सार्वजनिक निर्माण, जल संसाधन, ऊर्जा, पीएचईडी सम्बन्धी मामलों की, ओएसडी आर सी गुप्ता ने आबकारी, महिला एवं बाल विकास, रसद, सहकारिता, अतिरिक्त जिला कलेक्टर नरेन्द्र सिंह चौहान ने उद्योग, परिवहन और रतनलाल योगी ने आयुर्वेद, पशुपालन, खेलकूद, अल्पसंख्यक कल्याण, रोजगार संवर्धन आदि विभागों से सम्बन्धित प्रकरणों की समीक्षा की।
कुल 662 मामलों की समीक्षा की गई। इनमें से 199 को सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज किया गया है। शेष आवेदन मोबाइल नम्बर अंकित न होने या स्थानान्तरण जैसे सर्विस मेटर होने के कारण पोर्टल पर दर्ज नहीं किए जा सके।
अधिकारी मौके पर जाकर एक बार फिर वस्तुस्थित देखकर रिपोर्ट बनायेंगे। जिन मामलों में पहले ही रिपोर्ट दी जा चुकी है, उसमें देखा जायेगा कि रिपोर्ट पूरी तरह से सही है या नहीं।