• July 6, 2016

सतत विकास का लक्ष्य के लिये संयुक्त राष्ट्र विकास समूह द्वारा तकनीकी सहायता :- मुख्यमंत्री

सतत विकास का लक्ष्य  के लिये  संयुक्त राष्ट्र  विकास समूह द्वारा तकनीकी सहायता :- मुख्यमंत्री

चंडीगढ़  —–    हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिए हैं कि वे अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा चिह्निïत 169 प्रमुख संकेतकों तथा 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) का प्रदेश में निचले स्तर तक प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य करें।

मुख्यमंत्री सैक्टर-3 स्थित हरियाणा निवास में ‘सतत् विकास लक्ष्य- हरियाणा में सतत् विकास लक्ष्यों का क्रियान्वयन : 2030 कार्य योजना’ पर आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ करने उपरांत उच्च अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि राज्य के सतत विकास का लक्ष्य हासिल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र  विकास समूह द्वारा तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी, जोकि एक सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि विश्व का हर देश अपने तरीके से सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करेगा।

उन्होंने कहा कि एसडीजी का उद्देश्य सार्वभौमिक रूप से व्यवहार्य लक्ष्य स्थापित करना है जोकि स्कीमों की उचित योजना तथा समेकन के माध्यम से सतत् विकास के तीनों आयामों-पर्यावरणीय, सामाजिक तथा आर्थिक आयामों को संतुलित करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की निचले स्तर के लाभार्थियों तक पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ‘अन्त्योदय’ की भावना से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सभी विभागों में सूचना प्रौद्योगिकी के अधिक से अधिक उपयोग पर बल दिया गया है।

सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग में पहले हरियाणा देश में 23वें स्थान पर था लेकिन आज आधार कार्ड पंजीकरण में पहले स्थान पर पहुंच गया है। राज्य सरकार के कार्यालयों में आधार सक्षम बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू की गई है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं का फीडबैक देने के लिए 25 सदस्यों की गुड गवर्नेंस एसोएट्स की टीम तैयार की गई है जो 18 जुलाई से फील्ड में जाकर काम करेगी। इसके अलावा, हर विधानसभा क्षेत्र में 11-11 सदस्यों की निगरानी कमेटियां गठित की गई हैं। पूरे प्रदेश के लोगों का नागरिक डाटाबेस तैयार किया जा रहा है, जो संयुक्त राष्ट्रा विकास कार्यक्रमों के लिए आकड़े उपलब्ध करवाने में भी काफी मददगार साबित होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की शिकायतें सुनने के लिए सीएम विण्डो वैब पोर्टल की शुरूआत की गई। इसके माध्म से 1.5 लाख से अधिक शिकायतें व सुझाव प्राप्त हुए हैं। प्रत्येक शिकायतकर्ता के पास उसकी शिकायत की स्थिति की जानकारी एसएमएस के माध्यम से दी जाती है। उन्होंने कहा कि पानी का प्रबंधन आने वाले समय की चुनौती बनता जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को बढ़ावा दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्ट-अप और कौशल विकास जैसे कार्यक्रमों की शुरूआत की है। हरियाणा में भी इस दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। पलवल में कौशल विकास विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है, जहां युवाओं के लिए उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार रोजगापरक कोर्स करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विश्व में भौतिक विकास के साथ-साथ अशांति व संघर्ष की बात भी बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में सदैव विश्व-शांति की बात कही गई है। मुख्यमंत्री ने पंजाब की सीमा के लगते जिलों में युवाओं में नशे के प्रति बढ़ रही समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने सर्वप्रथम राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन को अलग कर राज्य स्वास्थ्य मिशन किया तथा कुपोषण की समस्या के समाधान के लिए राज्य पोषाहार का गठन किया गया है।

सतत विकास लक्ष्यों के लिए भारत में संयुक्त राष्ट्र विकास समूह पर गठित टीम के संयोजक यूरी आफनासिव ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने सितम्बर, 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर 169 प्रमुख संकेतकों के साथ 17 सतत विकास लक्ष्य निर्धारित किए हैं । इन कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन में भारत की भागीदारी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में 93 देशों ने एक साथ इसका समर्थन किया था।

विकासशील देशों के 77 समूहों द्वारा इसके क्रियान्वयन में सहयोग दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के दस अन्य राज्यों में सत्ता विकास लक्ष्यों के संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम क्रियान्वित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में सत्ता विकास के पहले चरण के चार महीनों के कार्यक्रम का ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि जिन 17 एसडीजी पर काम किया जाएगा उनमें गरीबी व भुखमरी को खत्म करना, बेहतर स्वास्थ्य तथा बेहतर जीवन, गुणवत्तापरक शिक्षा, लैंगिक समानता, स्वच्छ पानी तथा स्वच्छता, सस्ती तथा स्वच्छ ऊर्जा, शिष्ट कार्य तथा आर्थिक वृद्धि, उद्योग, नवाचार तथा अवसंरचना, असमानतओं को कम करना, स्थायी शहर तथा समुदाय, उत्तरदायी खपत तथा उत्पादन, पर्यावरण के लिए कार्य करना, पानी के नीचे तथा धरती पर जीवन, शांति, न्याय तथा मजबूत संस्थान और भागीदारी शामिल हैं।

इस अवसर पर वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रदेश सरकार श्रेष्ठï प्रशासनिक अधिकारियों की टीम के साथ कार्य करके न केवल सत्ता विकास लक्ष्यों को समय पर हासिल करेगी बल्कि लोगों की जीवनशैली सुधारने पर भी बल देगी।

उन्होंने कहा कि 53 विभागों के माध्यम से लगभग 450 योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। औद्योगिक विकास के लिए सात-आठ कलस्टर ग्रुप बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में व्यवस्था परिवर्तन के माध्यम से लोगों को भ्रष्ट्राचार मुक्त व पारदर्शी सुशासन देने की पहल की गई है।

मुख्य सचिव श्री डी.एस.ढेसी ने सत्ता विकास लक्ष्य प्राप्त करने के रोडमैप पर प्रकाश डाला और तकनीकी सत्र की अध्यक्षता करते हुए संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि को आश्वासन दिया कि सरकार की ओर से हर प्रकार का सहयोग किया जाएगा। वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने मुख्यमंत्री व अन्य सभी विशिष्टï अतिथियों का स्वागत करते हुए सतत विकास लक्ष्यों के क्रियान्वयन में वित्त एवं योजना विभाग की वचनबद्घता दोहराई।

कार्यशाला में लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह, स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज, परिवहन मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्रीमती कविता जैन, खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री श्री कर्ण देव काम्बोज, अक्षय ऊर्जा व खनन राज्य मंत्री श्री नायब सिंह सैनी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. राकेश गुप्ता, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती धीरा खण्डेलवाल के अलावा विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव भी उपस्थित थे।

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