• October 3, 2015

सड़क सुरक्षा सतत प्रक्रिया, गांव-गांव में सड़क सुरक्षा जरूरी -प्रमुख शासन सचिव

सड़क सुरक्षा सतत प्रक्रिया, गांव-गांव में सड़क सुरक्षा जरूरी -प्रमुख शासन सचिव

जयपुर -जिले के प्रभारी सचिव एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री डी.बी.गुप्ता ने कहा है कि राज्य में 70 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं का ग्रामीण क्षेत्रों में होना यह जाहिर करता है कि अब गांव-गांव में हर व्यक्ति को सड़क सुरक्षा का महत्व पता होना चाहिए। इसीलिए सरकार ने 2 अक्टूबर को एक साथ राज्य की हर ग्राम पंचायत में सड़क सुरक्षा जन जागृति अभियान के रूप में एक अभिनव कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि बच्चों में शुरू से ही सड़क सुरक्षा नियमों की पालना के संस्कार डालकर एवं हेलमेट, सीटबैल्ट के उपयोग जैसी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर ही सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों में कमी लाई जा सकती है और दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की तुरन्त मदद कर कई अमूल्य जीवन बचाए जा सकते हैं।
श्री गुप्ता अभियान के अन्तर्गत जयपुर जिले की आमेर पंचायत समिति के ग्राम नांगल सुसावतान एवं कूकस स्थित अटल सेवा केन्द्रों में ग्राम सभा में उपस्थित ग्रामीणों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के बारे में चर्चा करना एक दिवस या एक कार्यक्रम की औपचारिकता मात्र नहीं है बल्कि यह सतत प्रक्रिया है और इसे जारी रखना और इसके नियमोंं को आत्मसात करना हम सभी के लिए जरूरी है।
उन्होंने ऑस्टे्रलिया का उदाहरण देते हुए बताया कि 1998 में जब एक 2 साल के बच्चे की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई तो पूरे महीने वहां के अखबारों ने उसे प्रथम पृष्ठ पर स्थान दिया और यह बहस जारी रही कि इसके कारण क्या रहे और इससे बचाव कैसे हो। प्रधानमंत्री तक उस दुर्घटना के बारे में बोलते दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि इसी तरह की जागरूकता हमें भी सड़क सुरक्षा के प्रति रखनी होगी। भारत में दुर्घटनाओं में विश्व में सबसे ज्यादा मृत्यु होती है और राज्य में भी यह आंकड़ा भयावह है। पिछले वर्ष ही यहां 10 हजार लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए जबकि यहां जनसंख्या घनत्व कम है, गाडियों की संख्या भी और राज्यों की तुलना में इतनी नहीं, सड़कें भी चौड़ी हैं, इससे जाहिर होता है कि सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रति लापरवाही ही है जो असमय कई प्रतिभाएं और कई परिवारों के कमाऊ पूत छीन रही है। उन्होंने बताया कि सड़क पर घायलों की मदद के लिए आगे आने वालों को कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए कानून बनाया जा रहा है। इसी प्रकार गांव की सड़क से हाईवे को जोडऩे वाले स्थान पर स्लिप लेन बनाने पर भी विचार किया जाएगा।
श्री गुप्ता ने स्वच्छ राजस्थान, स्वस्थ्य राजस्थान और सुरक्षित राजस्थान के नारे को सरकार का मूलमंत्र बताते हुए इसकी व्याख्या की और सभी को घरों में शौचालय बनाने, सफाई रखते हुए स्वस्थ्य रहने और सड़क सुरक्षा नियमों की पालना करते हुए सुरक्षित रहने और दूसरों को सुरक्षित रखने का संदेश दिया। भामाशाह कार्ड के महत्व के बारे में भी ग्रामीणों को जानकारी दी।
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी श्री वी.पी.सिंह ने भी उपस्थित ग्रामीणों को सड़क सुरक्षा अभियान की जानकारी दी। उन्होंने उपस्थित महिलाओं से अपील की कि वे अपने बच्चों को हेलमेट, सीटबेल्ट, निर्धारित स्पीड में गाड़ी चलाने सड़क पर उनकी सुरक्षा से जुड़ी जैसी छोटी-छोटी लेकिन कारगर बातें समझाएं ताकि दुर्घटनाओं में किसी की जान न जाए।
अटल सेवा केन्द्रों में अभियान के लिए तैयार विशेष सड़क सुरक्षा किट की सामग्री का करीने से प्रदर्शन किया गया और लीफलेट आदि वितरित किए गए। सड़क सुरक्षा पर तैयार विशेष फिल्म का एलसीडी पर प्रदर्शन किया गया एवं ऑडियो सीडी में सड़क सुरक्षा गीत चलाए गए।
कार्यक्रम के आरम्भ में नांगल सुसावतान एवं कूकस के ग्राम सचिवों ने मुख्यमंत्री महोदय का ग्रामीणों के नाम सड़क सुरक्षा संदेश पढ़कर सुनाया। नागल सुसावतान में सरपंच चांदनी मीणा ने सड़क सुरक्षा पर चर्चा प्रारम्भ। कूकस में भी सरपंच श्री रामगोपाल शर्मा ने इस चर्चा में हिस्सा लिया। कार्यक्रम के अंत में प्रभारी सचिव ने ग्रामीणों को सड़क सुरक्षा शपथ दिलाई। इस अवसर पर आमेर पंचायत समिति के प्रधान श्री सीताराम शर्मा, जिला परिषद सदस्य श्री गिर्राज जांगिड़, एडीपीसी श्री प्रेम सिंह चारण, उपखण्ड अधिकारी आमेर श्री बीरबल सिंह सहित जिला प्रशासन, पंचायत राज एवं परिवहन एवं अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
ग्रामीण गौरव पथ की जानकारी दी, प्रस्ताव मांगा
प्रभारी सचिव एवं सानिवि के प्रमुख शासन सचिव श्री डी.बी.गुप्ता ने इस अवसर पर ग्रामीण गौरव पथ योजना के बारे में जानकारी देते हुए नांगल सुसावतान में अटल सेवा केन्द्र के बाहर से मुख्य सड़क तक एवं इसी प्रकार कूकस ग्राम पंचायत में भी एक सड़क को ग्रामीण गौरवपथ के निर्माण की योजना के अन्तर्गत विकसित कराने के लिए ग्राम सभा में प्रस्ताव लेने के लिए विकास अधिकारी एवं तहसीलदार को निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि ग्रामीण गौरव पथ योजना के अन्तर्गत राज्य में प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर अधिकतम 60 लाख की लागत से सीसी सड़क का मय नाली निर्माण कराया जा रहा है। प्रस्ताव मिलने पर अगले वित्तीय वर्ष में इन प्रस्तावों को शामिल कर लिया जाएगा।

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