सड़क परिवहन और राज मार्ग मंत्रालय : राजमार्गों के अवार्ड और निर्माण में 2.5 गुना बढ़ोतरी

सड़क परिवहन और राज मार्ग मंत्रालय : राजमार्गों के अवार्ड और निर्माण में 2.5 गुना बढ़ोतरी
पेसूका ———————— केंद्रीय सड़क परिवाहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने वर्ष 2016-17 के लिए राष्‍ट्रीय राजमार्गों के अवार्ड और निर्माण के लक्ष्‍य में 2.5 गुना बढ़ोतरी निर्धारित की है। अपने मंत्रालय की वर्ष 2015-16 के अच्‍छे प्रदर्शन से उत्‍साहित होकर श्री गडकरी ने यह विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि पिछले वर्ष जो विकास की गति स्‍थापित हुई है उसके परिणामस्‍वरूप चालू वर्ष के दौरान उससे बेहतर परिणाम प्राप्‍त होंगे।
उन्‍होंने 2016-17 में 25,000 किलोमीटर राष्‍ट्रीय राजमार्ग का लक्ष्‍य निर्धारित किया है, जबकि 2015-16 में 10,000 किलोमीटर अवार्ड दिया गया था। निर्माण लक्ष्‍य 15,000 किलोमीटर निर्धारित किया गया है, जबकि पिछले वर्ष 6,000 किलोमीटर राजमार्ग का निर्माण हुआ था।
अवार्ड के लिए लक्षित राष्‍ट्रीय राजमार्ग की कुल लम्‍बाई में से 15,000 किलोमीटर भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और 10,000 किलोमीटर मंत्रालय तथा राष्‍ट्रीय राजमार्ग एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम (एनएचआईडीसीएल) के लक्ष्‍य के अधीन आएगी। निर्माण के लिए एनएचएआई का लक्ष्‍य 8,000 किलोमीटर जबकि मंत्रालय और एनएचआईडीसीएल का लक्ष्‍य 7,000 किलोमीटर निर्धारित किया गया है।

वर्ष 2015-16 सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए बहुत सकारात्‍मक परिणामों वाला रहा है। पहली बार 10,000 किलोमीटर से भी अधिक सड़क लम्‍बाई के कार्य का अवार्ड दिया गया है। 6,000 किलोमीटर का निर्माण पूरा होने से वर्ष दर वर्ष लगभग 36 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई। अनेक नीतिगत हस्‍तक्षेपों से सड़क परियोजनाओं में तेजी से काम करना संभव हुआ ।

इन हस्‍तक्षेपों में मंत्रालय को आपूर्ति की प्रणाली में निर्णय लेने का अधिकार दिया जाना, परियोजनाओं के अनुमोदन की सीमा रेखा में बढ़ोतरी, अंतर-मंत्रालयी समन्‍वय निकास नीति में वृद्धि, हाइब्रिड वार्षिकी मॉडल की तरह नवाचार परियोजना कार्यान्‍वयन मॉडल को बढ़ावा देना, बीओटी परियोजनाओं के लिए मॉडल रियायत अनुबंध (एमसीए) में संशोधन, मूल्‍यांकन और अनुमोदन के लिए राष्‍ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए सिविल लागत को पूंजीगत लागत से अलग करना, देरी के लिए बीओटी प्रणाली में रुकी पड़ी राष्‍ट्रीय राजमार्ग परियोजना के लिए कंसेसियनार को युक्तिसंगत मुआवजा, आवधिक नवीकरण के संबंध में चीफ इंजीनियरों को अधिकार सौंपना, उपयोगिता स्‍थानांतरण एवं 300 करोड़ रुपये तक की निविदाओं की समीक्षा और अवार्ड के लिए मोर्थ आर ओ को अधिकार सौंपना शामिल हैं।

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