• September 15, 2016

श्री मुलायम सिंह यादव को राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिये: सुश्री मायावती

श्री मुलायम सिंह यादव  को राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिये: सुश्री मायावती

कांग्रेस पार्टी अस्तित्व (पहचान) को बचाने के लिए यहाँ आये दिन अपनी ’रथयात्रा, पदयात्रा व खाटयात्रा’

लखनऊ, 15 सितम्बर, 2016: उत्तर प्रदेश बी.एस.पी. के समस्त वरिष्ठ पदाधिकारियों व ज़िम्मेवार लोगों की आज यहाँ पार्टी के स्टेट कार्यालय 12 माल एवेन्यू में एक अति महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई। बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने इस बैठक में स्वयं भाग लिया और अपने सम्बोधन में सर्वप्रथम प्रदेश के चारों कोनों अर्थात् आगरा, आज़मगढ़, इलाहाबाद व सहारनपुर में बी.एस.पी. की ज़बर्दस्त कामयाब हुई समुन्द्री महारैली के लिये पार्टी के सभी छोटे-बड़े पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का तहेदिल से आभार प्रकट किया।

प्रदेश में आयोजित ‘‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय विशाल महारैली‘‘ के बाद पार्टी की यह पहली मासिक बैठक थी, जिसमें सुश्री मायावती जी स्वयं शामिल होकर बैठक को सम्बोधित किया और सर्वप्रथम उन्होंने बी.एस.पी. मूवमेन्ट के जन्मदाता व संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम जी की पुण्यतिथि पर दिनांक 9 अक्टूबर को लखनऊ में वी.वी.आई.पी. रोड स्थित ‘‘मान्यवर श्री कांशीराम जी स्मारक स्थल‘‘ पर पार्टी के लोगों को भारी तादाद् में आकर अपनी श्रद्धासुमन अर्पित करने का आग्रह किया।

उन्होंने महारैलियों के कारण पार्टी संगठन के अधूरे पड़े कार्यों को यथाशीघ्र पूरा करने के लिये विशेष दिशा-निर्देश भी दिये। प्रदेश में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के साथ-साथ सर्वसमाज को बी.एस.पी. से जोड़ने के मिशनरी काम में और भी तेज़ी लाने का आह्वान करते हुये कहा कि इन कामों को पूरी लगन व निष्ठा के साथ पूरा करने का प्रयास लगातार जारी रहना चाहिये।

उन्होंने प्रदेश व केन्द्र सरकार की कोताही व लापरवाही के कारण राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में आयी बाढ़ से लोगों की जान-माल की हानि की भी रिपोर्ट पार्टी के पदाधिकारियों से ली और बाढ़ के बाद बढ़ रही बीमारियों के खतरे के प्रति सरकार को सचेत किया। बैठक में सुश्री मायावती जी ने ख़ासकर उत्तर प्रदेश की सपा सरकार व केन्द्र की भाजपा सरकार की जातिवादी व जनविरोधी नीतियों एवं ग़लत कार्यकलापों के बारे में उन कुछ जरूरी बातों का फिर से जिक्र किया, जो उन्होंने अपनी चारों महारैलियों में कही थी।

विकास के इक्का-दुक्का कामों को आनन-फानन में अब चुनाव से पूर्व पूरा कराकर उसका श्रेय लेने का प्रयास किया जा रहा है जबकि उनमें ज्यादातर कामों की शुरुआत बी.एस.पी. के शासनकाल में ही हो गयी थी। बाकी के विकास के जिन कामों का दावा सपा सरकार द्वारा किया जा रहा है वे काम केवल कागजों पर व सरकारी विज्ञापनों में ही नजर आते हैं और इन मदों का ख़र्च होने वाला धन घोर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है।

सपा सरकार से त्रस्त उत्तर प्रदेश की जनता को, केन्द्र में भाजपा की सरकार से भी काफी ज्यादा निराशा हुई है। लोग गुस्से में हैं कि केन्द्र की श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने उनकी कोई सुध नहीं ली है और अपने वायदे के मुताबिक उनके ’अच्छे दिन’ लाने का वायदा निभाने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है।

भाजपा का यह सोचना ग़लत है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा का अगला आम चुनाव केवल सपा सरकार की ग़लत व जातिवादी नीतियों एवं कार्यकलापों के मुद्दे पर ही होगा, बल्कि इसके साथ-साथ यह आमचुनाव प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की ग़़रीब, किसान व मज़दूर-विरोधी तथा बड़े-बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठों की अंधसमर्थक नीतियों के मुद्दे पर भी होगा।

उन्होंने कहा कि आज पूरे सूबे में आमजनता की भावना जितनी ज़्यादा प्रदेश की सपा सरकार के अराजक, भ्रष्टाचार एवं जंगलराज आदि के खिलाफ है, उतनी ही केन्द्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की वादाख़िलाफी से भी दुखी हैै, जिनके ही लम्बे-चौड़े लोक-लुभावन वायदों के बहकावे में आकर यहाँ की जनता ने भाजपा के गठबंधन को लोकसभा की 80 सीटों में से 73 सीटें दे दी थी और केन्द्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत की पहली सरकार बनवायी थी। अब प्रदेश के लोग अपने आपको काफी ठगा-ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

भाजपा ने सपा से संघर्ष करने के बजाय उससे मिलीभगत करके प्रदेश की आमजनता के हित व कल्याण के विरूद्ध काम करना शुरू कर दिया और यहाँ की जनता से किये गये वायदे के विरूद्ध काम करते हुये राष्ट्रपति शासन लगाकर उत्तर प्रदेश को व्यापक भ्रष्टाचार व जंगलराज से बचाने में विफल रही है।

भाजपा उत्तर प्रदेश में एक ‘‘लीडरलेस‘‘ पार्टी है जिसमें दूसरी पार्टियों से लाये गये, ’आया राम, गया राम’ की कहावत को चरितार्थ करने वाले लोगों की भरमार हो गयी है। प्रदेश की जनता ऐसे ‘आया राम, गया राम‘ वाली नेतृत्व विहीन पार्टी पर कैसे भरोसा कर सकती है।

कांग्रेस पार्टी की हालत् का सवाल है तो इस पार्टी की यहाँ हालत इतनी ज़्यादा ख़राब हो चुकी है कि अब इस पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं को अपनी पार्टी के अस्तित्व (पहचान) को बचाने के लिए यहाँ आये दिन अपनी ’रथयात्रा, पदयात्रा व खाटयात्रा’ आदि के ज़रिये पूरे प्रदेश की सड़कों की ख़ाक छाननी पड़ रही है, फिर भी जनता उस पार्टी पर कोई ध्यान नहीं दे रही हैं।

उत्तर प्रदेश की सपा सरकार की ग़लत नीतियों व भ्रष्ट कार्यकलापों का उल्लेख करते हुये बी.एस.पी. प्रमुख सुश्री मायावती ने कहा कि सपा के परिवार के दर्जनों लोग किसी-ना-किसी रूप में राजनीति में शामिल है तथा उन सबके अपने-अपने स्वार्थ हैं और ऐसे में सपा परिवार की आपसी घमासान, कलह व गम्भीर विवादों की समय-समय पर आने वाली खबरें चुनाव के समय ज्यादातर जनता का ध्यान बाँटने के लिये ड्रामेबाजी के रूप में होती है, फिर भी अगर इसमें सच्चाई है तो प्रदेश व यहाँ की जनता के व्यापक हित में सपा परिवार के मुखिया श्री मुलायम सिंह यादव को पुत्रमोह त्याग कर सक्रिय राजनीति से तुरन्त सन्यास ले लेना चाहिये।

बी.एस.पी. स्टेट कार्यालय,
12, माल एवेन्यू, लखनऊ।

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