- November 3, 2016
शिक्षा समीक्षा के दौरे पर 10+2 स्कूल पर छापेमारी – मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल
चंडीगढ़- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल दिल्ली से चंडीगढ़ जाते हुए अचानक करनाल के कोहंड गांव में स्थित दस जमा दो के स्कूल में पहुंच गए।
स्कूल में व्यवस्था देखने पर अध्यापकों से पूछा के बच्चे बाहर क्यों घुम रहे हैं।
अध्यापकों ने बताया सर आधी छुट्टी का समय है। मुख्यमंत्री कक्षाओं की तरफ बढ़े तो बेटियां कॉमर्स की कक्षा में बैठी मिली और कक्षाओं को देखकर मुख्यमंत्री को अपने समय की याद आई। बचपन की यादोंं को सांझा करने के लिए बेटियों से शिक्षा और सामाजिक विषय पर सवाल भी पूछे। मुख्यमंत्री ने सवालों के बीच सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को भी परखा।
डिजिटल विषय से लेकर कौशल विकास, सामान्य ज्ञान से लेकर जनहित की कल्याणकारी योजनाओं तक कई सवाल पूछे। उन्होंने मोबाईल पर मैसेज डालने सम्बन्धी विषय को लेकर विद्यार्थियों से पूछा कि क्या उन्हें मैसेज करना आता है? तो कई विद्यार्थियों ने कहा यस, सर। इस पर मुख्यमंत्री बोले जिन्हें नहीं आता उन्हें भी सीख लेना चाहिए चूंकि यह आईटी का जमाना है और नई टैक्नॉलोजी का लाभ उठाएं और स्कूल में मोबाईल ना लेकर आएं।
मुख्यमंत्री इसके बाद साईंस रूम में गए और हाईड्रोजन के फार्मूले पर भी बच्चों से जानकारी ली। मुख्यमंत्री बेटियों से एक-एक करके गुरु की तरह सवाल पूछते नजर आए और बेटियों ने भी शिष्यों की तरह जवाब दिए।
बेटियां मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को अपने बीच पाकर गदगद् नजर आई। सीमा, रीना, योगेश और सचिन ने कहा कि मुख्यमंत्री को हम अब तक टेलीविजन पर ही देखते थे लेकिन जब मुख्यमंत्री हमारे बीच में पहुंचे तो हमारे आश्चर्य का कोई ठिकाना नहीं रहा और मुख्यमंत्री को अपने पास पाकर हमने स्वयं को गौरवान्वित महसूस किया।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने मिड-डे मिल के बारे में भी शिक्षकों से बात की तथा स्थिति के बारे में जानकारी ली और उन्होंने कहा कि बच्चों को मिड-डे मिल पूरी तरह साफ सुथरा और गुणवता पर आधारित होना चाहिए।
मुख्यमंत्री कोहंड के सरकारी स्कूल में लगभग बीस मिनट तक रहे और व्यवस्था पर पूरी जानकारी लेते रहे। जब तक मुख्यमंत्री करनाल जिला में रहे तब तक शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों के हल्क सूखे रहे।
अधिकारियों में इस कदर बैचैनी नजर आई कि कहीं मुख्यमंत्री कोई बड़ा सवाल ना पूछ लें।
मुख्यमंत्री ने मौके पर उपस्थित पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों और ग्रामीणों से कहा कि सरकारी स्कूल के साथ-2 सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई गई अन्य व्यवस्थाओं पर भी पूरा ध्यान रखें, सफाई व्यवस्था के साथ-2 बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान को भी पूरी तरह अमलीजामा पहनाएं।
सामाजिक हितों के संरक्षण और संवर्धन में बेटियों का कोई जवाब नहीं। गांव के लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल अब तक के ऐसे पहले मुख्यमंत्री है जिन्होंने गांव के स्कूल में आकर बच्चों के बीच बैठकर ना केवल बच्चों से शिक्षा विषय को लेकर संवाद किया बल्कि शिक्षा के स्तर को भी समझ लिया।