- April 13, 2015
शिक्षा मनुष्य को मानवीय मूल्य सिखायें
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शिक्षा ऐसी हो, जो मनुष्य को मानवीय मूल्य सिखायें। शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज नई शिक्षा नीति पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ज्ञान असीमित है तथा खोज और अनुसंधान से लगातार बढ़ रहा है। शिक्षा जीवन मूल्य, परंपरा, संस्कार और जीवन के बारे में दृष्टिकोण देती है। परिपूर्ण मानव जीवन के बारे में पश्चिमी और भारतीय संस्कृति में अन्तर है। पश्चिमी संस्कृति में भौतिक सुखों पर जोर है जबकि भारतीय संस्कृति में शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा के सुख की बात कही गयी है। शिक्षा ऐसी हो, जो मनुष्य को संपूर्ण जीवन जीने में मदद करे। मनुष्य जब मानवीय मूल्यों को सीखताहै तब संपूर्ण जीवन जीता है। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में सभी धार्मिक ग्रंथों की अच्छी शिक्षा देनी चाहिये। कार्यक्रम अध्यक्ष विद्या भारती संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. गोविन्द प्रसाद शर्मा ने कहा कि शिक्षा समाज को दिशा देती है और प्रभावित करती है। शिक्षा अगली पीढ़ी तक ज्ञान को पहुँचाने का माध्यम है। वर्तमान शिक्षा पद्धति में सामाजिक समस्याओं का समाधान नहीं मिलता। यदि शिक्षा ज्ञान का सृजन नहीं करती है तो समाज का विकास अवरूद्ध हो जाता है। शिक्षा व्यक्ति और राष्ट्र का निर्माण करती है। शिक्षा सांस्कृतिक मूल्यों से जुड़ी होना चाहिये। विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की इस राष्ट्रीय कार्यशाला में संस्थान के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. ललित बिहारी गोस्वामी, राष्ट्रीय मंत्री श्री अवनीश भटनागर और श्री शिव कुमार शर्मा भी उपस्थित थे। |