- December 4, 2014
शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों के विकारों के उपचार, रोकथाम और जल्द निदान के लिए प्रतिबद्ध -मंत्री श्री जे.पी. नड्डा
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के बाल रोग विभाग द्वारा आयोजित बच्चों में मानसिक-विकास विकार संबंधी तीन दिवसीय कार्यशाला के समापन दिवस पर श्री जे.पी.नड्डा ने उक्त विचार व्यक्त किए। इस कार्यशाला को यूनिसेफ और नॉर्वे-भारत साझेदारी पहल के सहयोग से आयोजित किया गया था। उल्लेखनीय है कि आज अंतर्राष्ट्रीय विकलांगजन दिवस भी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत सरकार मानसिक एवं शारीरिक विकास में विलंब, बौद्धिक अक्षमता, प्रमस्तिष्क पक्षाघात, ऑटिज्म, अतिक्रियाशीलता विकार, सीखने की अक्षमता, दृष्टिबाधिता और श्रवणबाधिता जैसे प्रमुख विकारों की रोकथाम के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत में लगभग 10 प्रतिशत बच्चे विकास विलम्बता से पीड़ित हैं, जिनके लिए स्थायी विकलांगता का जोखिम बना हुआ है। इस अवसर पर स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के प्रशिक्षण के लिए श्री नड्डा ने मोबाइल फोन आधारित एक माइक्रोसाइट की शुरूआत भी की।
भारत में यूनिसेफ के प्रतिनिधि श्री लुई जॉर्जेस ने इस संदर्भ में यूनिसेफ द्वारा किए जाने वाले प्रयासों का ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों के लिए विशेष स्कूल बनाए जाने चाहिए, जिनमें निपुण और संवेदनशील अध्यापकों द्वारा उन्हें पढ़ाया जाना चाहिए। भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रतिनिधि सुश्री नाता मेनाब्डे ने कहा कि यह मुद्दा समाज के सभी वर्गों के लिए प्रासंगिक है। इसके अलावा भारत में नॉर्वे के राजदूत श्री इविंड होम ने कहा कि बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान में मातृत्व और प्रसव बाद शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में नॉर्वे-भारत साझेदारी पहल के तहत सराहनीय काम किया जा रहा है।