- April 14, 2017
वीणा वादक पंडित विश्व मोहन भट्ट‘पद्म भूषण’—चित्रकार प्रसिद्ध श्री तिलक गीताई ‘पदम् श्री’
जयपुर———– राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने राजस्थान के विश्व विख्यात मोहन वीणा वादक पंडित विश्व मोहन भट्ट को कला एवं संगीत के क्षेत्र में ‘पद्म भूषण’ एवं किशनगढ़ शैली के चित्रकार प्रसिद्ध श्री तिलक गीताई को कला एवं पेंटिगं के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए ‘पदम् श्री’ सम्मान से सम्मानित किया है।
राष्ट्रपति भवन में गुरूवार को आयोजित भव्य पद्म अलंकरण समारोह में देश की प्रसिद्ध हस्तियों को पद्म सम्मान प्रदान कियेे। इनमें राजस्थान की यह दो विभूतियां भी शामिल थी। जयपुर जिले में 27 जुलाई, 1950 को जन्में पंडित भट्ट का संगीत के प्रति बचपन से ही रुझान था।
मैहर घराने की संगीत परंपरा से जुड़े श्री भट्ट ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने माता पिता पं. मनमोहन भट्ट, चंद्रकला भट्ट और बड़े भाई पं. शशि मोहन भट्ट से प्राप्त की। बाद में उन्हें भारत रत्न पं. रवि शंकर ने भी अपना गंडा बंध शागिर्द बनाया।
संगीत उनकी पीढ़ियों और पूर्वजों में तीन सौ वषोर्ं से स्थापित और प्रवाहमान है। उनकी पीढियां महान संगीत साधक संगीत सम्राट तानसेन एवं स्वामी हरिदास से जुड़ी रही हैं। यही कारण रहा कि वे छोटी उम्र से ही संगीत के प्रति समर्पित हो गए। पंडित विश्व मोहन भट्ट की मोहनवीणा की सांगीतिक प्रतिष्ठा विश्व के लगभग नब्बे देशों तक पहुंच चुकी है। राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा प्रसिद्ध चित्रकार श्री तिलक गिताई को पदम्श्री सम्मान से सम्मानित किया।
श्री गिताई को किशनगढ़ शैली में बनाए गए रागमाला चित्रों के लिए पहचाना जाता है। इनकी पुस्तक दी रागमाला मिसिंग लिंग से प्रेरित होकर देश एवं विदेश में कई कलाकारों और शोधकर्ताओं ने इसे अपने शोध कायोर्ं में शामिल किया।
श्री गिताई की एकल चित्र प्रदर्शनी जिनेवा के मशहूर संग्रहालय म्यूजियम दी इथेनोग्राफी में लगातार दस महीने तक आयोजित की गई। इसके अलावा वे विश्व के एक दर्जन से अधिक देशों में अपनी सोलो एग्जीबिशन के जरिए कला के अंतर्राष्ट्रीय फलक पर खासी पहचान बना चुके हैं।