• September 21, 2016

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग-कार्यक्रमों में गति लाने के निर्देश -पशुपालन सचिव

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग-कार्यक्रमों में गति लाने के निर्देश -पशुपालन सचिव

जयपुर—-पशुपालन सचिव श्री कुंजीलाल मीणा ने मंगलवार को शासन सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों को विभागीय कार्यक्रमों और योजनाओं के क्रियान्वयन में गति लाने के निर्देश दिए। 1

उन्होंने जिला स्तरीय अधिकारियों को एफएमडी टीकाकरण अभियान के लक्ष्यों को समय पर पूरा करने और ग्राम आयोजन में पशुपालकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। श्री मीणा ने नवम्बर माह में जयपुर में आयोजित होने वाले राजस्थान ग्लोबल एग्रीटेक मीट में अधिक से अधिक संख्या में पशुपालकों को लाने के निर्देश दिए।

सचिव श्री मीणा ने एफएमडी अभियान में कम प्रगति वाले जिलों के प्रभारी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान को इस बीमारी से हर हाल में मुक्त करना है, इसलिए इस अभियान को गंभीरता से लें।

इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान आरसीडीएफ के प्रबंध निदेशक श्री राजेश श्शर्मा, पशुपालन विभाग के निदेशक श्री अजय गुप्ता, राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शैलेष शर्मा, गोपालन विभाग के निदेशक श्री आर किशन उपस्थित थे।

जीवनवाहिनी———– डायल एन एम्बूलेंस सेवा की मॉनिटरिग को और अधिक सुदृढ़ करने एवं प्राप्त शिकायतों के त्वरित निवारण के लिये राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।

एम्बूलेंस सेवा में देरी होने या प्राप्त नही होने पर नियंत्रण कक्ष के फोन नम्बर 8764835255, 8764835255 पर शिकायत दर्ज करवायी जा सकती है।

जीवनवाहिनी के बेडे में शामिल 630 आपातकालीन 108-एम्बुलेंस, 588 जननी एक्सप्रेस एवं सीएचसी स्तर के राजकीय चिकित्सालयों में उपलब्ध लगभग 200 बेस एम्बुलेंस सहित कुल 1418 एम्बुलेंस आपातकालीन सेवायें उपलब्ध करवा रही हैं।

उन्होंने बताया कि टोल फ्री नम्बर 108 या 104 डायल करने पर इमरजेंसी 108 एम्बूलेंस सेवा, 104 जननी एक्सप्रेस एम्बूलेंस, चिकित्सकीय परामर्श एवं सामान्य चिकित्सकीय स्थिति में बेस एम्बूलेंस की सेवायें की जा सकती है।

मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री नवीन जैन ने बताया कि राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष में दो आयुष चिकित्सकों को तैनात कर शिकायत प्राप्त होने पर उसके त्वरित निवारण की व्यवस्था की गयी है।

उन्होंने बताया कि बेस एम्बूलेंस के अलावा अन्य सभी सेवायें निःशुल्क उपलब्ध हैं। सामान्य स्थिति में वृद्धजनों, महिलाओं इत्यादि को चिकित्सा कार्य में लाने-लेजाने के लिये बेस एम्बूलेंस की सुविधा निर्धारित दरों पर उपलब्ध करायी जा रही है।

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