- December 11, 2014
वित्त मंत्रालय: 7 से 8 प्रतिशत अधिक वृद्धि दर : हर वर्ष लगभग 50 लाख नौकरियों के सृजन के लिए ढांचागत सुधार आवश्यक
नई दिल्ली – केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री जयंत सिन्हा ने कहा है कि भारत के पास वृद्धि के लिए अब तक दोहन न की गई अपार क्षमता है, जिससे आगामी 10 वर्ष में अमरीका जैसा देश पाँच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। उन्होंने कहा कि 7 से 8 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित करने के साथ-साथ प्रत्येक वर्ष में कम से कम 50 लाख नौकरियां सृजित करने के लिए हमें सघन ढांचागत सुधारों की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि भारत के लिए वृद्धि का वैकल्पिक मॉडल विकसित किए जाने की आवश्यकता है, जिसमें बाजार के अनुरूप उद्यमशीलता की पहल, अधिक निजी निवेश की गुंजाइश और लोकतांत्रिक व्यवस्था में मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था शामिल होगी।
आज दो दिन के 2014 दिल्ली आर्थिक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए श्री सिन्हा ने और अधिक कृषि उत्पादकता के लिए बिजली और सिंचाई सुविधाएं प्रदान करने पर ध्यान केन्द्रित किए जाने पर बल दिया। दो दिन के सम्मेलन का विषय है – ”भारत में ढांचागत सुधार और विकास”
सिंगापुर के वित्त मंत्री और उप-प्रधानमंत्री श्री थर्मान शमुंगारतनम ने सम्मेलन में प्रमुख भाषण दिया। उन्होंने कहा कि भारत में अत्यधिक प्रतिभावान व्यक्ति हैं, जिनमें वैज्ञानिक, सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ, शिक्षाविद्, उद्यमी शामिल हैं। लेकिन यहां अन्य स्पर्धी देशों के मुकाबले मध्यम और निचले स्तर पर अंतर है। उन्होंने कहा कि भारत को तेजी से अपने प्रतिस्पर्धी देशों का मुकाबला करना होगा। विद्युत विभाग के स्वतंत्र प्रभार मंत्री श्री पीयूष गोयल ने पहले पूर्ण सत्र में ”बुनियादी ढांचे और विकास” विषय पर अपने विचार व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि उच्च और सतत् विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए नीति निर्धारकों, नीति क्रियान्वयनकर्ताओं और निजी उद्यमियों समेत सभी पक्षों की मानसिकता में परिवर्तन लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार कोयला खण्डों, लौह अयस्क और अन्य खनिजों समेत प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन में पारदर्शिता और ईमानदारी पर ध्यान केन्द्रित कर रही है।