विकास के लिए सुशासन का होना आवश्यक – न्यायमूर्ति एस.एस.कोठारी

विकास के लिए सुशासन का होना आवश्यक – न्यायमूर्ति एस.एस.कोठारी

जयपुर  ——————-लोकायुक्त न्यायमूर्ति एस.एस.कोठारी ने कहा कि विकास के लिए सुशासन का होना आवश्यक है और भ्रष्ट्राचार विहीन सुशासन के लिए प्रशासन का पारदर्शी होना भी जरूरी है।       

लोकायुक्त सोमवार को सिरोही जिले की पंचायत समिति आबूरोड के सभागार में अधिकाारियों एवं स्वंय सेवी संस्थाओं की बैठक को सम्बोधित कर रह थे। उन्होंने कहा कि  विकास की प्रगति के लिए भ्रष्ट्राचार विहीन सुशासन और प्रशासन का पारदर्शी होना अत्यन्त ही आवश्यक है और इसके लिए हम सभी को एक जुट होकर सकारात्मक रूख अपनाते हुए अपनी कार्य शैली में आवश्यक  बदलाव करना चाहिए ।DSCN5094(1)

उन्होंने कहा कि सत्यनिष्ठ व समर्पण से किया गया कार्य ही सेवा है इसलिए समय के साथ अधिकारी संवेदनशील होकर कार्य करें। आमजन के अधिकारों का हनन न हों और उनकी समस्या का समाधान त्वरित हों, जनता से प्राप्त शिकायतें शीघ्र ही निपटाई जाएं। उन्होंने कहा कि लोकायुक्त सचिवालय में प्राप्त होने वाले प्रकरणों पर अधिकारी तथ्यात्मक रिपोर्ट शीघ्र भिजवाना सुनिश्चित करें ताकि अग्रिम कार्यवाही की जा सके और परिवादी शीघ्रअतिशीघ्र न्याय मिल सके।          

लोकायुक्त ने कहा कि आज जनता में इस बात को लेकर आक्रोश है कि जनता के कार्यो को करने में सुविधा शुल्क देने पर ही काम होते है। ऎसे हालातों में जागरूक नागरिेकों एवं संगठनों को मुखदर्शक की भूमिका से हटकर इस व्यवस्था के विरूद्ध आवाज उठानी होगी।

राज्य में लोकायुक्त सचिवालय का यह प्रयास है कि लोग समय पर काम नहीं होने, नियमों की अवहेलना करके , निजी स्वार्थो को पूरा करने वालों के विरूद्ध खुलकर शिकायत करें ताकि सचिवालय इन मामलों में मजबूती से कार्य कर सके। उन्होंने कहा कि राज्य में लोकायुक्त को मजबूत बनाने के लिए उसमें कमियां है, उसमें सुधार के लिए भी जनता को सरकार का ध्यान दिलाना चाहिए ताकि राजस्थान में लोकायुक्त उडीसा, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश जैसा प्रभावी बन सके।               

उन्होंने कहा कि राज्य में बढ़ते भ्रष्ट्राचार से सभी को लड़ना होगा तभी विकास का पूरा बजट विकास  पर खर्च हो सकेगा। उन्होेंने कहा कि आज व्यक्ति सदा जीवन उच्च विचार की परम्परा को भूल कर अर्थ प्रदान बनने से वो भ्रष्ट्राचार की ओर बढ़ रहा है। उन्होेंने कहा कि समाज में भी हमेंं भ्रष्ट्राचार में लिप्त लोगों को मान सम्मान देने से पीछे हटाना पडेगा।

भ्रष्ट्राचार को बढावा देने में अकेली सरकार ही नहीं बल्कि जनता भी दोषी है, क्योकि वो अपने स्वार्थो के कारण उसका विरोध नहीं करती है। उन्होंने कहा कि हमें भ्रष्ट्राचार उन्मूलन का एक एजेन्डा बनाकर उसके लिए लडना होगा यह समय की मांग है। देश में ईमानदारों की कमी नहीं है लेकिन हमें सगंठित होकर ईमानदारी की पगडन्डी बनानी होगी।         

उन्हाेंने लोकायुक्त की कार्य प्रणाली पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रस्तावित पप्रत्र में 10 रूपये के शपथ पत्र के साथ शिकायते प्राप्त होने  पर लोकायुक्त उनकी जांच अपने स्तर पर करवाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की अनुशंषा भेजता है। उन्होंने उपस्थित नागरिकों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि लोकायुक्त में दर्ज होने वाले प्रकरणों के दबने की कोई संभावना नहीं है ।            

बैठक में जिला प्रमुख श्रीमती पायल परसरामपुरिया, उपखंड अधिकारी आबूपर्वत , पुलिस उपधीक्षक आबूपर्वत एवं समस्त अधिकारीगण मौजूद थे।

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