- July 5, 2018
वादा ! जो निभाया— किसानों की आर्थिक आजादी पर कृषि मंत्री को हल और बाजरा भेंट
झज्जर——— देश में पिछले पचास सालों से किसानो की फसलों के दाम मनमाने तरीके से तय किए जाते थे। पांच-दस रुपए से लेकर, 100-50 रुपए तक बढ़ोतरी में सरकार की मनमर्जी चलती थी। किसी को किसान की आमदनी से कोई सरोकार नही था। चुनाव नजदीक होता तो 50-100 रुपए बढ़ा देते, दूर होता तो महज पांच या दस।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पचास प्रतिशत मुनाफे का फार्मूला तय कर दिया और देश के किसान को शोषणकारी मनमानी से आजादी मिली। फार्मूले की स्वीकार्यता किसानों की आर्थिक आजादी का पर्व है। साथ ही आगामी समस्त वर्षों के लिए उपज की बेहतर कीमतों की गांरटी हो गई।
यह विचार हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने व्यक्त किए। वे स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट को लागू कराने के आंदोलन के हिस्सेदार बने कार्यकर्ताओं का अभिनंदन व प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करत हुए झज्जर में बोल रहे थे।
एक दम सबसे बड़ी बढ़ोतरी
कृषि मंत्री ने कहा कि खरीफ की फसलों के मूल्य में यह अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी है और इस निर्णय से भारत के किसानों के खाते में प्रतिवर्ष 33,500 करोड़ रुपए अधिक जाएंगे। जिससे हरियाणा के किसानों को भी 1500 करोड़ रुपए का लाभ इस खरीफ की फसल पर मिलेगा लेकिन यह एकल लाभनहीं बल्कि आवृत्ति लाभ है जोकि हर फसल पर मिलने वाला है। अब फार्मूले के हिसाब से चलना होगा ।
मोटे अनाज, दलहन-तिलहन को अधिक लाभ
उन्होंने बताया कि वाणिज्यिक फसलों, दलहन व तिलहन को अच्छे दाम मिलने से फ़सल विविधिकरण को बढ़ावा मिलेगा। कपास की फसल पर 1130 रुपए की बढ़ोतरी के साथ किसनो को प्रति एकड़ 18080 रुपए की अतिरिक्त आमदनी होगी। मक्का की फ़सल पर 275 की बढ़ोतरी के साथ प्रति एकड़ 16500 रुपए का लाभ होगा। बाजरा किसानो की भी बल्ले-बल्ले करते हुए प्रति क्विंटल 525 रूपये की बढ़ोतरी होने से प्रति एकड़ 7875 रुपए का अतिरिक्त फायदा होगा। मूंग के किसानों को 1400 रुपए की बढ़ोतरी से 5600 रुपए का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। धान के लिए 200 रुपए की बढ़ोतरी से 5000 रुपए प्रति एकड़ अधिक आमदनी होगी।
हर अनाज की होगी खऱीद
धनखड़ ने कहा कि इस घोषणा के साथ सबसे सुंदर बात है कि हर फसल की खरीद का संकल्प। पहले दाम घोषित होते खरीद नही होती थी और किसान के लिए महज घोषणा रह जाती थी। मोदी सरकार ने सभी घोषित फसलों की खरीद का संकल्प लिया है। यह निर्णय किसानो की आर्थिक स्थिति मे वास्तविक बदलाव लाएगा व फसल विविधिकरण को यथार्थ में बदल देगा।
कांग्रेस स्वमीनाथन की चोर, मोदी ने निभाया वादा
धनखड़ ने कहा वर्ष 2004 मे सरकार बनने पर कांग्रेस सरकार ने प्रो. एमएस स्वमीनाथन के नेतृत्व मे किसान आयोग का गठन किया। स्वमीनाथन कमीशन ने अक्टूूबर 2006 मे अपनी रिपोर्ट मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को सौंप दी थी लेकिन लागू करने की बजाए कांग्रेस इस रिपोर्ट को दबाए बैठी रही।
2009 के चुनाव के समय एक नौटंकी प्रारंभ की और हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सम्मिलित कर स्वामीनाथन रिपोर्ट के क्रियान्वयन के लिए कमेटी बनाई। इस कमेटी ने भी दिसंबर 2010 मे अपनी रिपोर्ट सौंंप दी। जिसका परिणाम शून्य ही रहा। अपनी कमेटी की रिपोर्ट भी क्रियान्वित नहीं करवा पाए बेचारे भूपेंद्र सिंह हुड्डा।
कांग्रेस किसानों की बातें करती रही पर किसानों का भला कभी नही किया। उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि मोदी सरकार के इतने बड़े फैसले पर आज कांग्रेस व भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भजपा का आभार व्यक्त करना चाहिए।
कार्यकर्ताओं के पैरों के छालों की विजय, पसीने को मिला पुरस्कार ।
स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने वाले कार्यकर्ताओं व किसानों को वंदन करते हुए धनखड़ ने कहा कि साथियों आज यह आपके पैरों के छालों की विजय है। आपके बहाए पसीने का पुरुषार्थ है। मै वंदन करता हंू आप सबका आपने रेल रोक कर मुकदमे बनवाए, सैकड़ों किलोमीटर की पद यात्राएं की, गिरफ्तारियां दी, साइकिल यात्राएं की, कुर्ता उतार प्रदर्शन का हिस्सा बने। यह विजय है भारत के किसान की, परिश्रम के पसीने की।
इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड़, विधायक नरेश कौशिक, भाजपा नेता विक्रम कादियान, मार्केट कमेटी बेरी के चेयरमैन मनीष शर्मा, किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष बिजेंद्र मांडोठी, रविभान राठी, आनंद सागर, तेजपाल लुहारी, भंवर सिंह, सुनीता चौहान, सुनीता धनखड़, कमलेश अत्री, सुषमा रईया, सुशीला लांबा, संजीव कादियान, उमेश नंदवानी, झज्जर नपा के उपाध्यक्ष प्रवीण गर्ग, रोजगार गारंटी परिषद के सदस्य राय सिंह, प्रकाश धनखड़, अमित छनपाडिय़ा, अनिल शाहपुर, मीडिया प्रभारी नरेंद्र जाखड़, विजय कौशिक, चांद सिवाना, विकास बाल्मिीकी, दीपू माछरौली, दीपू चेयरमैन साल्हावास, सेठी चेयरमैन झज्जर, विजय रईया सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।