- June 23, 2016
वस्त्र एवं परिधान क्षेत्र : निर्यात बढ़ावा देने के लिए विशेष पैकेज
अधिकांश नई नौकरियां महिलाओं को मिलने की संभावना है क्योंकि परिधान उद्योग लगभग 70% महिलाओं को रोजगार प्रदान करता है। इस प्रकार यह पैकेज महिला सशक्तिकरण के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन में सहायक होगा।
घोषित किए गए पैकेज की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं :
क. कर्मचारी भविष्य निधि योजना में सुधार
• भारत सरकार 15000 रु. प्रतिमाह से कम आय वाले परिधान उद्योग के नए कर्मचारियों को प्रथम तीन वर्षों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि योजना के नियोक्ता अंशदान का समग्र 12 % वहन करेगी।
• वर्तमान में प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरपीवाई) के अंतर्गत सरकार द्वारा पहले ही नियोक्ता के अंशदान का 8.33% प्रदान किया जा रहा है। वस्त्र मंत्रालय आगामी 3 वर्षों में कर्मचारी के अंशदान का 3.67% अतिरिक्त प्रदान करेगी जो 1170 करोड़ रु. की राशि होगी।
• ईपीएफ 15000 रु. प्रतिमाह से कम आय वाले कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक बनाया जाएगा।
• इससे कामगारों के हाथ में और पैसे आएंगे तथा औपचारिक क्षेत्र में रोजगार संवर्धन भी होगा।
ख. ओवर टाइम सीमा में वृद्धि करना
• आईएलओ मापदंडों के अनुरूप कामगारों के लिए ओवर टाइम घंटे प्रति सप्ताह 8 घंटे से अधिक नहीं होगा।
• इससे कामगारों की आय में वृद्धि होगी ।
ग. निर्धारित अवधि रोजगार की शुरूआत
• उद्योग की मौसमी प्रकृति को देखते हुए, परिधान क्षेत्र के लिए निर्धारित अवधि रोजगार की शुरूआत की जाएगी।
• कार्य के घंटों, मजदूरी, भत्ते और अन्य सांविधिक देयताओं के संबंध में एक निर्धारित अवधि कामगार को स्थायी कामगार के बराबर समझा जाएगा।
घ. ए-टफ्स के अंतर्गत अतिरिक्त प्रोत्साहन
• यह पैकेज रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के रूप में संशोधित टफ्स के अंतर्गत परिधान क्षेत्र के लिए सब्सिडी को 15 % से बढ़ाकर 25 % करके इनपुट से आउटकम आधारित प्रोत्साहन तक लाकर नई संभावनाएं उपलब्ध कराएगा।
• इस योजना की एक मुख्य विशेषता संभावित नौकरियों का सृजन होने के पश्चात ही सब्सिडी प्रदान करने की होगी।
ङ. बढ़ी हुई शुल्क प्रतिदाय कवरेज
• अभी तक रिफंड नहीं की गई राज्य लेवियों का रिफंड करने के लिए लागू की गई नई योजना अपनी तरह का एक पहला कदम होगी।
• इस कदम से राजकोष पर 5500 करोड़ रु. का भार आने की संभावना है किन्तु इससे विदेशी बाजारों में भारतीय निर्यातों की प्रतिस्पर्धात्मकता में काफी वृद्धि होगी।
• इनपुट पर अदा किए गए घरेलू शुल्क के लिए ऑल इंडस्ट्री रेट पर अग्रिम प्राधिकार योजना के अंतर्गत फैब्रिक का आयात करने पर भी ड्रॉबैक प्रदान किया जाएगा।
च. आयकर अधिनियम की धारा 80जेजेएए के दायरे को बढ़ाना
• परिधान उद्योग की मौसमी प्रकृति को देखते हुए आयकर अधिनियम की धारा 80 जेजेएए के अंतर्गत परिधान उद्योग के लिए 240 दिन के प्रावधान में ढ़ील देते हुए 150 दिन किया जाएगा।
एसएस – 3098