डिस्कॉम के 50 प्रतिशत बकाया उधार अधिग्रहण की समय-सीमा विस्तार

डिस्कॉम के 50 प्रतिशत बकाया उधार अधिग्रहण की समय-सीमा विस्तार
पेसूका———————-प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने उदय (उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना) के अंतर्गत डिस्कॉम के 30.09.2015 तक के बकाया ऋणों का 50 प्रतिशत राज्यों द्वारा लेने के लिए तथा जम्मू-कश्मीर राज्य द्वारा उधारी वहन करने के लिए समय-सीमा विस्तार को मंजूरी दे दी गई है।
उदय योजना बिजली वितरण कंपनियों के संचालन और वित्तीय स्थिति में कायाकल्प करने की योजना है। यह समय विस्तार पहले निर्धारित तिथि 31.03.2016 से एक वर्ष के लिए किया गया है। इस निर्णय से उदय योजना में पहले शामिल नहीं होने वाले राज्यों को शामिल होने का अवसर मिलेगा। 

उदय योजना के अंतर्गत अब तक 19 राज्यों ने इसमें शामिल होने की सहमति दी है। दस राज्यों राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब, बिहार, हरियाणा, गुजरात, उत्तराखंड तथा जम्मू और कश्मीर ने केन्द्र सरकार के साथ सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए है।

वर्ष 2015-16 में योजना में शामिल राज्यों द्वारा राज्यों की बकाया उधारी का 50 प्रतिशत तथा झारखंड और जम्मू और कश्मीर में सीपीएसयू के बकाया का 50 प्रतिशत उधारग्रहण के लिए 99,541 करोड़ रुपए का बॉंड जारी किया था। फिर 11,524 करोड़ रुपए के डिस्कॉम बॉंड जारी किए गए। वर्ष 2016-17 में उत्तर प्रदेश ने 14,801 करोड़ रुपए का बॉंड जारी किया।

उदय योजना में बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की वित्तीय स्थिति का कायाकल्प करने तथा पुर्नरुद्धार करने का प्रावधान है और यह योजना पुरानी समस्या का स्थायी समाधान सुनिश्चित करती है।

उदय योजना में बिजली क्षेत्र की पुरानी तथा भविष्य की समस्याओं के स्थायी समाधान की व्यवस्था है। यह बिजली योजना वितरण कंपनियों को अगले 2-3 वर्षों में बिना नुकसान के कारोबार करने का अवसर देती है। यह अवसर चार पहल से प्राप्त होते है।

—————–1. बिजली वितरण कंपनियों की संचालन क्षमताओं में सुधार 2. बिजली लागत मे कमी 3. दो वर्षों में राज्यों द्वारा 30 सितंबर, 2015 तक की बिजली वितरण कंपनियों की उधारी का 75 प्रतिशत वहन करने से बिजली वितरण कंपनियों की ब्याज लागत में कमी। शेष का मूल्य निर्धारण कम ब्याज दरों पर बॉंडों तथा ऋण के माध्यम से किया जाना 4. राज्य की वित्तीय स्थिति के अनुरूप बिजली वितरण कंपनियों के वित्तीय अनुशासन को लागू करना।

संचालन क्षमता में सुधार करने के स्मार्ट मीटर, ट्रांसफॉर्मर, मीटर उन्नयन उपाए आते हैं। ऊर्जा क्षमता उपायों में एलईडी बल्ब, कृषि पम्प, पंखे और एयर कंडिशनर आते हैं जो 22 से 15 प्रतिशत तक एटीएनसी घाटा कम कर सकते हैं और औसत राजस्व वसूली और आपूर्ति की औसत लागत की खाई को 2018-19 तक कम कर सकते हैं।

बिजली लागत में कमी का लक्ष्य सस्ते घरेलू कोयले की सप्लाई बढ़ा कर, कोल लिंकेज को तर्क संगत बनाकर, अक्षम से सक्षम संयंत्रों में कोयले की अदला-बदली करके जीसीवी के आधार पर कोयला मूल्य को तर्क संगत बनाकर, साफ तथा टूटे हुए कोयले की सप्लाई करके तथा ट्रांसमिशन लाइनों को तेजी से पूरा करके प्राप्त किया जा सकता है।

समय-सीमा के इस विस्तार के साथ राज्य बॉंड जारी करके 30 सितंबर, 2015 तक के बिजली वितरण कंपनियों की 75 प्रतिशत तक की उधारी वहन 31 मार्च, 2017 तक कर सकते हैं। इस स्वीकृति से उदय योजना में शामिल न होने वाले राज्यों को शामिल होने का अवसर मिलेगा और बिजली वितरण कंपनियों में सुधार की गति तेज होगी।

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