- January 2, 2017
वर्षांत समीक्षा-2016—– श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की उपलब्धियां एवं पहल
पेसूका ————- भारत सरकार दूरगामी संरचनागत सुधारों के माध्यम से परिवर्तन के लिए सुधार के दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है। रोजगार का सृजन सरकार की पहली प्राथमिकता है। बेरोजगारी वृद्धि के एक दशक के बाद केंद्र सरकार मूल विकास की रणनीति के लिए रोजगार लाने का काम कर रही है, मेक इन इंडिया के माध्यम से औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, स्किल इंडिया के माध्यम से रोजगार दक्षता को बढ़ाया जा रहा है और स्टार्ट अप इंडिया के माध्यम से नवाचार व उद्यमिता को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
श्रम एंव रोजगार मंत्रालय प्रत्येक श्रमिक की रोजगार सुरक्षा, वेतन सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। श्रम कानूनों के प्रवर्तन में पारदर्शिता व जवाबदेही लाने के साथ-साथ, मंत्रालय ने कामगारों के गौरव का एहसास व उसे स्थापित करने के लिए सामाजिक सुरक्षा और रोजगार के मार्ग व गुणवत्ता को बढ़ाने के प्रावधानों के माध्यम से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
अ.वैधानिक सुधार
· अधिलाभ भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2015 संसद के शीतकालीन सत्र में पारित हुआ और 1 जनवरी 2016 को अधिनियम संख्या 6 के रूप में भारत के राजपत्र, असामान्य में प्रकाशित होकर अप्रैल 2014 के पहले दिन से लागू हुआ।
· अधिलाभ भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2015 अनुच्छेद 2 (13) के अंतर्गत योग्यता की सीमा को 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 21 हजार रुपए करने और अनुच्छेद 12 के अंतर्गत गणना की अधिकतम सीमा को 3500 रुपए से बढ़ाकर 7000 रुपए करने या सरकार द्वारा निर्धारित अनुसूचित रोजगार के लिए वेतन इनमें से जो कोई भी अधिक हो की परिकल्पना करता है।
· मातृत्व लाभ (संशोधन) विधेयक, 2016, 11 अगस्त 2016 को राज्य सभा में पास किया गया इसके तहत मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 के अंतर्गत आने वाली महिलाओं का मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह किए जाने का प्रावधान। यह अवकाश महिला के दो जीवित बच्चों की जरूरी देखभाल के लिए है। इसके साथ ही सरोगेट माता के लिए 12 सप्ताह का अवकाश, बच्चे को गोद लेने वाली महिला के लिए रोजगार प्रदाता और कामगार की आपसी रजामंदी से घर से काम करने की सुविधा, 50 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले संस्थानों के लिए यह सुविधा देना आवश्यक है। इसके अलावा बच्चे की दैनिक देखभाल की सुविधा भी नियमों के अंतर्गत इस विधेयक में की गई है।
· कर्मचारी प्रतिपूर्ति अधिनियम 1923 के तहत कर्मचारियों के अधिकारों और दंड को मजबूत करने के लिए 9 अगस्त 2016 को लोकसभा में कर्मचारी प्रतिपूर्ति (संशोधित) विधेयक 2016 लोकसभा में पारित किया गया।
· 26 जुलाई 2016 को संसद में बाल श्रम (निषेध एंव नियमन) संशोधन विधेयक 2016 पारित किया गया। यह संशोधन विधेयक 14 साल से कम आयु के बच्चों से मजदूरी कराने को पूर्णतया निषेध बनाता है और इसमें उल्लंघन करने पर कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान है। संशोधन विधेयक बच्चे के शिक्षा के अधिकार को भी सुनिश्चित करता है। हालांकि, बच्चे पढ़ाई के बाद खतरनाक न माने जाने वाले अपने परिवार के काम में हाथ बंटा सकते हैं। 14 से 18 साल के किशोरों के लिए स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माने जाने वाले कामों को छोड़कर दूसरे कारोबार में कुछ शर्तों के साथ छूट मिल जाएगी।
· 29 जून 2016 को केंद्रीय मंत्रीमंडल ने मॉडल दुकानों और प्रतिष्ठान (रोजगार एवं सेवा शर्तों का नियमन) विधेयक 2016 पर विचार किया। मॉडल विधेयक एक विचारोत्तेजक कानून है और सहकारी संघवाद की भावना को ध्यान में रखकर ही इसे अंतिम रूप दिया जाना है। यह राज्यों को मॉडल विधेयक पर उनकी आवश्यकता के अनुसार बेहतर तालमेल बनाने की आजादी देता है। यह विधेयक उन दुकानों और प्रतिष्ठानों पर लागू होता है जहां पर दस या उससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं। विधेयक प्रतिष्ठानों को साल के 365 दिन खोलने की आजादी देता है। यदि किसी प्रतिष्ठान में रात में रुकने की व्यवस्था है तो वहीं पर महिलाएं रात में काम कर सकती हैं यह प्रावधान भी इस संशोधित विधेयक में किया गया है।
श्रम संहिताएं
6. द्वितीय श्रम आयोग ने श्रम कानूनों की 4 से 5 समूह में कार्यात्मक आधार पर संहिताकरण करने की सिफारिश की थी। वर्तमान में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय 43 श्रम कानूनों को 4 श्रम संहिताओं में करने के प्रावधानों पर काम कर रहा है।
· वैतनिक श्रम संहिता
· औद्योगिक संबधों की श्रम संहिता
· सामाजिक सुरक्षा व कल्याण की श्रम संहिता
· सुरक्षा एवं कार्य करने की स्थितियों की श्रम संहिता
ब. प्रशासनिक पहल /निर्णय
· सरकार ने केंद्र के अंतर्गत आने वाले सभी क्षेत्रों में काम करने वालों के लिए निम्ननतम वेतन में 42 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की। कृषि, गैर कृषि, निर्माण आदि सभी क्षेत्रों के लिए यह पहली बार था जब इसमें एक साथ बढ़ोतरी हुई हो। गैर कृषि क्षेत्र में सी श्रेणी क्षेत्र में काम करने वाले की मजदूरी को 246 रुपए दैनिक से बढ़ाकर 350 किया गया, बी श्रेणी क्षेत्र में 437 रुपए दैनिक और एक श्रेणी क्षेत्र के मजदूरों के लिए 523 रुपए दैनिक किया गया।
· राज्य कर्मचारी बीमा के लिए वेतन की अधिकतम सीमा को 15 हजार रुपए से बढ़ाकर 21 हजार रुपए किया गया।
· अप्रैल 2015 में प्रति शेयर आमदनी के अंतर्गत न्यूनतम पेंशन को संशोधित कर 1000 रुपए प्रति माह किया गया।
· अधिभार की अधिकतम सीमा को 3500 रुपए से बढ़ाकर 7000 रुपए किया और योग्यता की सीमा को 10000 रुपए से बढ़ाकर 21000 रुपए किया गया।
· कर्मचारी से जुड़े जमा के बीमा यानी ईडीएलआई को अधिकतम 3.6 लाख से बढ़ाकर 6.0 लाख किया गया।
· कर्मचारी भविष्य निधि पर दावे निपटान की सीमा को 30 दिन से घटाकर 20 दिन किया गया।
· पेंशन निकालने की वैकल्पिक आयु सीमा को 60 वर्ष से घटाकर 58 वर्ष किया गया। वह भी 4 प्रतिशत प्रोत्साहन के साथ।
· बंधक मजदूरों के पुनर्वास योजना को आर्थिक सहायता की प्रतिकात्मक मात्रा 20 हजार रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर संशोधित किया गया। जबकि, तस्करी, यौन शोषण और ट्रांसजेंडर से बचाए गए विकलांग, महिलाओं और बच्चों को 3 लाख रुपए दिए जाएंगे, आदेशों के अनुसार विशेष श्रेणी की महिलाओं और नाबालिगों को 2 लाख रुपए दिए जाएंगे। एक सामान्य बंघक मजदूर वयस्क को 1 लाख रुपए दिए जाएंगे।
· कर्मचारी राज्य बीमा योजना यानी ईएसआई के आवृत क्षेत्र को बढ़ाया जा रहा है ताकि पूरे देश में सामाजिक सुरक्षा के जाल को बढ़ाया जा सके।
अ. जिन 165 जनपदों में कर्मचारी बीमा योजना पहले लागू थी उन्हें कवर करने के लिए सरकार ने कवरेज अधिसूचना जारी की है।
· कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अंतर्गत मातृत्व लाभ की सीमा को 12 सप्ताह से 26 सप्ताह का करने के लिए निर्णय लिया गया। बच्चा गोद लेने वाली माताएं भी मातृत्व लाभ लेंगी। इस आशय की अधिसूचना को कानूनी पुनर्निरीक्षण के लिए भेजा गया है।
· जिन जनपदों में कर्मचारी राज्य बीमा योजना आंशिक रुप से लागू है वहां दो साल के लिए कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम के अंतर्गत कर्मचारी और नियोक्ता के अंशदान को मौजूदा 1.75 प्रतिशत व 4.75 प्रतिशत से कम करके क्रमशः 1 प्रतिशत और 3 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया। इस आशय की अधिसूचना को 25 जुलाई 2016 को प्रकाशित किया जा चुका है।
· निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों के लिए ईएसआई कवरेज को बढ़ा दिया गया है। 1 अगस्त 2015 से निर्माण श्रेत्र के श्रमिक भी ईएसआई योजना का लाभ लेने के लिए आवृत किए जा चुके हैं।
· उत्तर-पूर्वी राज्यों अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर और अंडमान एवं निकोबार द्विप समूह में ईएसआई योजना की सामाजिक सुरक्षा के लाभों को बढ़ाया जा रहा है। मिजोरम और पोटब्लेयर में यह क्रमशः 1.12.2015 और 01.01.2016 से लागू कर दी गई है।
प्रौद्योगिकी के माध्यम से शासन सुधार
श्रम कानूनों के अनुपालन और प्रवर्तन में आसानी
केंद्रीय क्षेत्र में श्रम सुविधा पोर्टल
श्रम कानूनों के प्रवर्तन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने और अनुपालन में जटिलता को आसान बनाने के लिए 16.10.2014 को एक एकीकृत वेब पोर्टल श्रम सुविधा पोर्टल की शुरुआत की गई। इस पोर्टल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित सम्मिलित हैं……
· इकाइयों को अनोखी श्रमिक पहचान संख्या ;स्प्छद्ध आवंटित की गईं। 09.09.2016 तक 13.19 लाख श्रमिक पहचान संख्या आवंटित जा चुकी हैं।
· प्रतिष्ठानों द्वारा स्वयं सत्यापित और सरलीकृत सिंगल आॅनलाइन काॅमन एन्युअल रिटर्न भरा जा रहा है। 9 श्रम अधिनियम के अंतर्गत ईकाइयां अलग से रिटर्न भरने के बजाय सिर्फ एक संगठित ऑनलाइन रिटर्न भरेंगी।
· कंप्यूटराइज्ड सिस्टम के माध्यम से पारदर्शी श्रमिक निरीक्षण योजना, 09.09.2016 तक कुल 2,37,579 निरीक्षण नियत किए जा चुके हैं, इनमें से 2,20,945 निरीक्षणों को अपलोड किया जा चुका है।
· इस पोर्टल के प्रयोग से प्रतिष्ठान कर्मचारी राज्य बीमा निगम और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के लिए मासिक अंशदान रिटर्न जमा कर सकते हैं।
· 11 भाषाओं के विकल्प के साथ बहुभाषीय श्रम सुविधा पोर्टल।
श्रम सुविधा पोर्टल पर हालिया पहल
· कर्मचारी भविष्य निधि संगठन और कर्मचारी राज्य बीमा निगम के लिए कॉमन इलेक्ट्रॉनिक चालान कम रिटर्न की सुविधा।
· औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग के ई-बिज पोर्टल से एकीकरण के द्वारा 5 केंद्रीय श्रम अधिनियमों के अंतर्गत सामान्य पंजीकरण।
· खदान सुरक्षा महानिदेशालय के लिए खदान अधिनियम के अंतर्गत श्रम सुविधा पोर्टल पर रिटर्न भरने की सुविधा।
सेवा का बेहतर प्रतिपादनः
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन
1.सार्वभौम खाता संख्या (यूएएन):
· -एक सदस्य को बहु सदस्यीय पहचान के लिए एक अंब्रेला की तरह काम करने वाली सार्वभौम खाता संख्या (यूएएन) कार्यक्रम को 16 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया।
· कर्मचारी भविष्य निधि संगठन 31.08.2016 तक अपने 8.11 करोड़ सदस्यों को यूएएन आवंटित कर चुका है और लगभग 2.82 करोड़ सदस्य इसे अपने मोबाइल नंबरों पर सक्रिय कर इससे जुड़ी विभिन्न सेवाओं का लाभ ले रहे हैं।
2.प्रतिष्ठानों का ऑनलाइन पंजीकरण (ओएलआरई)
· व्यापार को आसान बनाने के सरकार के वादों के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने 30 जून 2014 को प्रतिष्ठानों के लिए भविष्य निधि कोड संख्या आवंटन के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा को शुरू किया।
· दिसंबर 2015 से कर्मचारी भविष्य निधि कोड संख्या के ऑनलाइन आवेदन कर सकता है और आवेदन के समय स्वयं डिजिटल हस्ताक्षर वाले दस्तावेज अपलोड करता है और तत्काल कोड संख्या प्राप्त करता है।
· ओएलआरई पोर्टल पर 31.08.2016 तक लगभग 1.36 लाख प्रतिष्ठान ऑनलाइन पंजीकरण प्राप्त कर चुके हैं।
3. सदस्यों को ऑनलाइन सुविधाएं:
· सितंबर 2015 में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ई-गवर्नेंस से एम-गवर्नेंस की ओर बढ़ा और एक मोबाइल एप्लीकेशन की शुरुआत की। अब तक 11.08 लाख सदस्य इस मोबाइल एप्लीकेशन को डाउनलोड कर चुके हैं।
· 01122901406 नंबर पर निशुल्क मिस्ड कॉल देकर सदस्य को परिकल्पित विवरण उपलब्ध करा दिए जाते हैं।
· 16 सितंबर 2015 से 09.09.2016 तक लगभग 3.12 करोड़ मिस्ड कॉल इस नंबर पर आ चुकी हैं।
· जिन सदस्यों ने अपना यूएएन संख्या सक्रिय कर लिया है उन्हें उनकी भविष्य निधि में मासिक अंशदान जमा के संबंध में निरंतर मिलते हैं। एक एमएमएस नियोक्ता को भी भेजा जाता है कि उन्होंने अब तक मासिक अंशदान या रिटर्न जमा नहीं किया है।
4. छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों को ई-पोर्टल पर लाया गया
छूट प्राप्त प्रतिष्ठान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अनुपालन तंत्र का बहुत बड़ा हिस्सा हैं और लगभग 3 लाख करोड़ जैसे बड़ी निधि का प्रबंधन करते हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अंशदान के मासिक रिटर्न जमा करने, निवेश और अन्य क्रियाकलापों के लिए ऑनलाइन सुविधा की शुरुआत की।
5.निष्क्रिय खोतों की सहायता डेस्क
सदस्यों के लिए उनके निष्क्रिय खातों का पता लगाने, उनसे धन आहरण करने और उन्हें वर्तमान खातों के साथ जोड़ने के लिए एक ऑनलाइन हेल्प डेस्क बनाई गई। अब तक ऐसे 65 हजार मामलों में मदद की जा चुकी है।
6.खातों का अद्यतनीकरणः
सदस्यों के खातों को अद्यतनीकरण या अपडेशन के लिए वित्तीय वर्ष के अंत में खातों में ब्याज जमा करने का एक नया तंत्र विकसित किया गया, 15 करोड़ से अधिक खातों में ब्याज जमा किया जा रहा है।
7. अंतर्राष्ट्रीय कर्मचारियों के लिए सुविधाएं:
केवल भारतीय कर्मचारियों के लिए ही नहीं बल्कि भारत में आने और बाहर जाने वाले कर्मचारियों के लिए भी सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन सुविधा शुरू की है।
8.ग्लोबल नेटवर्क संचालन केंद्र (जी-एनओसी):
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने राष्ट्रीय डाटा केंद्र में नेटवर्क संचालन केंद्र को शुरु किया है जो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सूचना प्रौद्योगिकी कामकाज को देखता है। यह समस्याओं के निवारण और बाहरी खतरों की पहचान और उन्हें रोकने के लिए बुनियादी स्थल होगा।
9.कर्मचारी भविष्य निधि संगठन का विश्लेषण अनुपालन एवं निगरानी तंत्रः
· इस सॉफ्टवेयर का शुभारंभ 16.02.2016 को किया गया।
· जो प्रमुख नियोक्ता कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के साथ पंजीकृत नहीं हैं, वे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन व सरकारी विभाग के साथ पंजीकृत कर जरूरी संपर्क विवरणों को अपलोड करेंगे जो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के लिए जांच को उपलब्ध होंगे।
10.सोशल मीडिया
सदस्य कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को सोशल मीडिया प्लेटफार्म www.facebook.com/socialepfo and www.twitter.com/socialepfo पर भी खोज सकते हैं।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम:
कर्मचारी राज्य बीमा योजना-कर्मचारी राज्य बीमा निगम-ईएसआईसी (श्रम एवं रोजगार मंत्रालय) एक सामाजिक सुरक्षा संगठन है जो बीमारी में आकस्मिक व्यय, प्रसव, अपंगता, काम के दौरान घायल होने पर मृत्यु होने पर लाभार्थियों को व्यापक मेडिकल देखभाल और नगद लाभ उपलब्ध कराता है।
31.03.2015 तक बीमित व्यक्तियों की संख्या 2.03 करोड़ है और लाभार्थियों की संख्या का आंकड़ा 7.89 करोड़ है। ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज कोयंबटूर 02.02.2016 को तमिलनाडु राज्य सरकार के सपुर्द कर दिया गया है।
· ईएसआईसी प्रत्येक राज्य में दो आदर्श अस्तपाल गोद लेने के लिए सुलझाए जा चुके हैं।
· निजी सार्वजनिक साझेदारी यानी पीपीपी मॉडल पर विभिन्न स्तरों के अस्पताल कैंसर का पता लगाने/इलाज की सुविधा, हृदय संबंधी बीमारियों के इलाज की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं।
· टेलीमेडिसिन सुविधा के अभ्यास के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है जो अगले तीन महीनों में शुरू होने की संभावना है।
· औषधालयों के उच्चीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है, ईएसआईसी भवनों में 24 औषधायलों को 30 बिस्तर के अस्पताल तक उच्चीकृत करने के लिए चिन्हित किया जा चुका है। ये अस्पताल चौबीसों घंटे सेवाएं उपलब्ध कराएंगे।
· पैथोलॉजिकल एवं एक्स-रे सुविधा भी पीपीपी मॉडल पर सभी औषधालयों में प्रदान की जाएगी। 30 नवंबर 2015 से दिल्ली के सभी औषधालयों में पैथोलॉजिकल सुविधा शुरू की जा चुकी है। दिल्ली/नोएडा क्षेत्र में प्रयोगशाला और ईसीजी सेवा शुरू की जा चुकी है।
· प्रत्येक राज्य में मातृ एवं शिशु देखभाल चिकित्सालयः कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने प्रत्येक राज्य में मातृ एवं शिशु देखभाल चिकित्सालय स्थापित करने के मानदंडों को तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया है।
द. आयुषः ईएसआईसी चिकित्सालय एलोपैथिक इलाज के साथ-साथ आयुष यानी एवाईयूएसएच (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी) के अंतर्गत भी इलाज प्रदान करते हैं।
ई. सार्वजनिक रोजगार सेवाओं का परिवर्तन
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वर्ष 2016 में डीजीई के क्रियाकलाप व उपलब्धियां
ए. नेशनल कॅरियर सर्विस (एनसीएस) -सार्वजनिक रोजगार सेवा मंच
मंत्रालय देश में सार्वजनिक रोजगार सेवाओं में बदलाव और मजबूत बनाने के लिए जीवंत मंच की तरह नेशनल कॅरियर सेवा लागू कर रहा रहा है। एनसीएस पोर्टल (www.ncs.gov.in) सूचना प्रोद्यौगिकी का प्रयोग से रोजगार संबंधी सेवाएं मसलन, नौकरी मिलान, कॅरियर परामर्श, कौशल विकास कोर्स, प्रशिक्षुता आदि उपलब्ध कराकर नौकरी चाहने वालों, नियोक्ताओं और अन्य हितधारकों को एक मंच पर लाता है। इसमें 52 क्षेत्रों के 3600 से ज्यादा व्यवसायों में कॅरियर कोष शामिल है। लगभग 3.71 करोड़ से ज्यादा उम्मीदवार, 14.8 लाख प्रतिष्ठान एनसीपी पोर्टल पर पंजीकृत हैं और ये अब तक 3.25 लाख रिक्तियां भर चुके हैं।
युवाओं को रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और उन्हें बेहतर बनाने के लिए उभरते जॉब पोर्टल, प्लेसमेंट संगठनों और संस्थानों से करार किए गए हैं। सरकारी रिक्तियों के संबंध में भारत सरकार उन्हें एनसीएस पोर्टल पर डालने को अनिवार्य बना चुकी है। एनसीएस कार्यक्रम गुणवत्तापरक रोजगार सेवाएं देने के लिए 100 आदर्श करियर केंद्र भी स्थापित करने में लगा हुआ है और ये केंद्र राज्यों और संस्थानों के सहयोग से स्थापित किए जा रहे हैं। सभी रोजगार कार्यालयों को एनसीएस पोर्टल के साथ जोड़े गए हैं ओर ये निरंतर स्तर पर रोजगार मेलों का आयोजन करते हैं।
बी. कार्यबल की रोजगारपरकता बढ़ाना
डीजीई अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों को व्यवसायिक मार्गदर्शन व परामर्श सेवाएं व कंप्यूटर कोर्स के प्रशिक्षण के लिए 24 नेशनल कॅरियर सर्विस सेंटर चलाता है। पिछले 2 सालों में लगभग 3.8 लाख अ.जा/अ.ज.जा उम्मीदवारों व्यवसायिक मार्गदर्शन व परामर्श प्रदान किया जा चुका है। 33 हजार उम्मीदवार सचिवीय प्रैक्टिस आशुलिपि/टंकन का अभ्यास कर चुके हैं, 4300 उम्मीदवार विशेष कोचिंग योजना कर चुके है और 7800 उम्मीदवारों ने कंप्यूटर प्रशिक्षण कोर्स किया है।
24 अनुसूचित जाति/जनजाति नेशनल कॅरियर सेंटर एनसीएस पोर्टल के साथ एकीकृत हैं। इसके अतिरिक्त 21 नेशनल कॅरियर सर्विस सेंटर निशःक्तजनों के लिए प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। पिछले 2 सालों में लगभग 69 हजार निशःक्तजनों की सहायता की गई और 24 हजार का विभिन्न संगठनों पुनर्वास किया गया है।
सी. प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरपीवाई)
मंत्रालय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में पंजीकृत नियोक्ताओं नए रोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना को लागू कर रही है। इस योजना के अंतर्गत नए रोजगार के लिए सरकार 3 साल के लिए 8.33 प्रतिशत ईपीएस अंशदान अदा करेगी। कपड़ा क्षेत्र में भी सरकार नियोक्ता का 3.67 प्रतिशत ईपीएफ अंशदान का भुगतान करेगी।
एफ. नगदी रहित लेनदेन के लिए वेतन बैंक खाता खोलना
वेतन का नगदी रहित लेनदेन संबंधी अभियान को 26 नवंबर को शुरू करने के लगभग एक महीने के भीतर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय एक बड़े प्रयास के अंतर्गत 30 लाख 40 हजार कर्मियों को बैंकिंग पहुंच में लाने में कामयाब हुआ है।
यह भी नोट किया जा सकता है कि 25.68 करोड़ जनधन खाते पहले से ही खोले जा चुके हैं। इसके लिए 26 दिसंबर की संध्या तक 1,08,179 शिविरों का आयोजन करके 38,40,873 खाते खोले जा चुके हैं।
एफ. श्रमिकों की शिक्षा
दत्तोपंत थेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास परिषद
(सीबीडब्ल्यूई) के माध्यम से मंत्रालय द्वारा श्रमिक शिक्षा योजना चलाई जा रही है जो अपने आप में एक कल्याणकारी योजना है। मंत्रालय के निर्देशानुसार सीबीडब्ल्यूई 1/1/2015 से डीबीटी लागू कर चुका है।