दयाशंकर सिंह गिरफ्तार :: वरिष्ठ पदाधिकारी की गाड़ी पर हिंसक हमला अति-निन्दनीय :- सुश्री मायावती जी।

दयाशंकर सिंह गिरफ्तार :: वरिष्ठ पदाधिकारी की गाड़ी पर हिंसक हमला अति-निन्दनीय :- सुश्री मायावती जी।

नई दिल्ली, 29 जुलाई, 2016: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ कहा कि भाजपा अपने पूर्व वरिष्ठ पदाधिकारी दयाशंकर सिंह के दलित व महिला-विरोधी प्रकरण में लगातार हो रही किरकिरी व फ़ज़ीहत पर से लोगोें का ध्यान बांटने के लिये अब हिंसा पर भी उतर आयी है और इसी के तहत् ही उत्तर प्रदेश विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता व बी.एस.पी. के राष्ट्रीय महासचिव श्री नसीमउद्दीन सिद्दीक़ी की गाड़ी पर आज आगरा में हमला किया गया, जो अति-निन्दनीय है।images

सुश्री मायावती जी ने कहा कि श्री सिद्दीकी को नेता प्रतिपक्ष होने के नाते कैबिनेट मंत्री का दर्जा व उसी के अनुसार सरकारी सुरक्षा मिली हुई है और आज वे जब आगरा के दौरे पर थे तब भाजपा के लोगों ने क्षत्रिय समाज की आड़ में उनके काफिले पर हमला बोला व पत्थरबाजी की, जिससे वहाँ का पूरा माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस मामले में स्थानीय पुलिस की भूमिका काफी संदिग्ध रही, जिस कारण ही यह अप्रिय घटना घटी है।

वास्तव में आज की हिंसक घटना यह साबित करती है कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति कितना ज्यादा खराब है और साथ ही दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से माननीय इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ द्वारा कल इन्कार कर दिये जाने के बाद भाजपा कितनी ज्यादा बौखला गयी है कि अब हिंसा पर उतर आयी है।

दयाशंकर सिंह के घोर आपराधिक व जातिवादी मामले को भाजपा पहले से ही एक सोची-समझी राजनीतिक साजिश के तहत् यहाँ का साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने में लगी हुई है। हालांकि उत्तर प्रदेश विधानसभा आमचुनाव से पहले साम्पद्रायिक दंगे-फंसाद व साम्पद्रायिक धु्रवीकरण करके चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास, सपा सरकार की मिलीभगत से, भाजपा लगातार करती रही है, परन्तु प्रदेश की आमजनता उनके इस प्रकार के नापाक प्रयासों को लगातार विफल भी करती रही है, क्योंकि वह जान गयी है कि राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ की पूर्ति के लिये कराये जाने वाले इस प्रकार के दंगे-फंसाद में खासकर जान-माल का नुकसान नेताओं का नहीं बल्कि आमजनता व ग़रीबों का ही होता है और उन्हीं का जीवन बाद में नरक बनता है।

बी.एस.पी. प्रमुख ने कहा कि आगरा की आज की इस हिंसक घटना से भी सपा-भाजपा की आपसी मिलीभगत का पता चलता है। वर्ना बी.एस.पी के विरोध से पहले ही राज्य की सपा सरकार को तुरन्त ही दोषियों के खिलाफ सख़्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिये थी ताकि आगे ऐसी खतरनाक घटना ना घटित हो। लेकिन दयाशंकर सिंह प्रकरण के साथ-साथ आज की घटना में भी सपा सरकार का रवैया भाजपा से पूर्णतः मिलीभगत का ही प्रतीत होता है। बी.एस.पी. की मांग है कि सभी दोषियों के खिलाफ सपा सरकार तुरन्त ही सख़्त कानूनी कार्रवाई करके उन्हें जेल भेजे।

दयाशंकर सिंह गिरफ्तार ———– बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी के सम्बन्ध में आज यहाँ कहा कि उत्तर प्रदेश की पुलिस को पहले दिन से ही पूरी जानकारी थी कि दया शंकर सिंह कहाँ-कहाँ घूम रहा है, परन्तु फिर भी समाजवादी पार्टी की भारतीय जनता पार्टी के साथ मिली भगत की वजह से उसे गिरफ्तार नहीं किया गया और वो खुले आम घूमता रहा और सपा और भाजपा की इस मिली भगत का खुलासा इस बात से भी हो जाता है कि उसका इन्टरव्यू पत्रकार लेकर छापते रहे तथा वो खुद अपनी तस्वीरें खिंचवाकर सोशल मीडिया में और अखबारों में छपवाता रहा।

और अब इतने दिनों के बाद दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी बक्सर बिहार से जहाँ का वो मूल निवासी है, से की गयी है और शायद ये गिरफ्तारी आज भी न की जाती अगर माननीय उच्च न्यायालय ने कल दिनांक 28.07.2016 को दयाशंकर सिंह की रिट याचिका को सुनते वक्त सख्ती न दिखाई होती और दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इन्कार न किया होता।

बीजेपी एक तरफ तो दिखावे के लिये दयाशंकर सिंह को उसके पद से व पार्टी से कुछ समय के लिये हटाती है और वहीं दूसरी तरफ उसके अगले ही दिन से भारतीय जनता पार्टी सड़कों पर दयाशंकर सिंह के समर्थन व पक्ष में पार्टी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में उतर आयी है, कभी कुछ महिलाओं को आगे करके और कभी क्षत्रिय समाज के बैनर तले।

बी.एस.पी. केन्द्रीय कार्यालय,
4, गुरूद्वारा रकाबगंज रोड,
नई दिल्ली – 110001

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