रोजगार मूलक कार्य संचालित

रोजगार मूलक कार्य संचालित

बैकुण्ठपुर  —-महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गांरटी योजना के तहत जिले में 188 करोड़ रूपये की विभिन्न रोजगार मूलक कार्य संचालित किये जा रहे है। इन कार्यो में जिले के 54 हजार से अधिक जरूरत पंद लोग सुगमता से रोजगार प्राप्त कर रहे है। उन्हें रोजगार के लिए कही भटकना नही पड रहा है। जिला प्रषासन द्वारा जरूरत मंद लोगो की मांग के आधार पर तत्काल उनके ग्राम में ही रोजगार मूलक कार्य प्रांरभ किये जा रहे है।

 कलेक्टर श्री एस प्रकाष ने आज यहॉ बताया कि राज्य शासन द्वारा जिले को सूखा ग्रस्त घोषित किया गया है। इसे देखते हुए महात्मा गांधी रोजगार गांरटी योजना के तहत जरूरत मंद लोगो को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जिले में 188 करोड़ रूपये की विभिन्न रोजगार मूलक कार्य संचालित किये जा रहे है। इन कार्यो में डबरी निर्माण, भूमि समतलीकरण, शौचालय निर्माण, तालाब गहरीकरण, तालाब निर्माण, नापेड टेंक निर्माण, स्टॉप डेम, मिटटी सड़क निर्माण कार्य, कुऑ निर्माण, नहर सुधार कार्य, एनीकट निर्माण, नर्सरी कार्य, कच्चा नाला बंधान आदि विभिन्न कार्य शामिल है।

कलेक्टर श्री प्रकाष ने बताया कि विकासखण्ड बैकुण्ठपुर में 24 करोड़ 52 लाख रूपये की एक हजार 509, विकासखण्ड मनेन्द्रगढ में 29 करोड़ 81 लाख रूपये की एक हजार 573 कार्य, विकासखण्ड खडगंवा में 47 करोड 49 लाख रूपये की दो हजार 556 कार्य, विकासखण्ड सोनहत में 39 करोड़ 19 लाख रूपये की तीन हजार 923 कार्य और विकासखण्ड भरतपुर में 47 करोड 68 लाख रूपये से अधिक की दो हजार 13 रोजगार मूलक कार्य संचालित किये जा रहे है।

कलेक्टर श्री प्रकाष ने बताया कि जिले के सूखा प्रभावित जरूरत मंद लोगो को रोजगार उपलब्ध कराने के उददेष्य से महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत साल में 150 दिन के स्थान पर अब 200 दिन रोजगार दिया जायेगा। उन्होनें बताया कि जिले के किसानों के भू-राजस्व तथा सिचांई उपकर को पूरी तरह माफ कर दिया गया है। इसी प्रकार आर.बी.सी 6-4 के प्रावधानो के तहत 33 प्रतिषत से ज्यादा हानि वाले असिंचित क्षेत्र के किसानों को 6 हजार आठ सौ रूपये हेक्टेयर तथा सिंचित क्षेत्र वाले किसानों को 13 हजार पॉच सौ रूपये प्रति हेक्टेयर की राहत राषि दी जा रही है।

उन्होनें बताया कि वर्ष 2015 में कृषि कार्य हेतु लिये गये ऋण के 75 प्रतिषत राषि को 15 मार्च 2016 तक जमा करने पर 25 प्रतिषत ऋण माफ किया जा रहा है। श्री प्रकाष ने बताया कि जो किसान ऋण नही पटा पाये है उन किसानों की अल्पअवधि ऋण को ब्याज रहित मध्यकालीन ऋण में परिवर्तन की गई है। श्री प्रकाष ने बताया कि 37 प्रतिषत तक आनावरी वाले सूख प्रभावित गांवो में ऋण को परिवर्तित कर 2015-16 में 30 प्रतिषत, वर्ष 2016-17 में 50 प्रतिषत और 2017-18 में 20 प्रतिषत वार्षिक ब्याज रहित किषतों में ऋण भुगतान की सुविधा प्रदान की गई है।

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