राष्‍ट्रीय कौशल विकास निगम और अमरीका के वाधवानी ऑपरेटिंग फाउंडेशन के बीच एमओयू

राष्‍ट्रीय कौशल विकास निगम और अमरीका के वाधवानी ऑपरेटिंग फाउंडेशन के बीच एमओयू
पेसूका ————————–  प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कौशल विकास और उद्यमियता के क्षेत्र में सहयोग के लिए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) राष्‍ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और अमरीका की वाधवानी ऑपरेटिंग फाउंडेशन (डब्‍ल्‍यूओएफ) के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर करने के लिए पूर्व व्‍यापी मंजूरी दे दी है। 

इस एमओयू से कौशल विकास को बढ़ावा देने और पारिस्थितिक तंत्र तैयार करने के साथ-साथ बहु कौशल संस्‍थानों तथा कौशल विश्‍वविद्यालय के जरिए देश में कौशल विकास पहलों को सहायता देने में मदद मिलेगी। इसके अलावा एमओयू से मुक्‍त स्रोत के जरिए उद्यमियता शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण योगदान की संभावना है, जिससे उद्यम और रोजगार सृजन में मदद मिलेगी।

एमओयू के तहत आपसी सहमति के कौशल एवं उद्यमियता विकास और पहलों की सेवाओं के लिए वाधवानी ऑपरेटिंग फाउंडेशन कम से कम 30 मिलियन डॉलर और अधिकतम 40 मिलियन डॉलर का योगदान करेगा। लेकिन तीन वर्ष के लिए प्रत्‍येक चिंहित और आपसी सहमति योजनाओं तथा पहलों में भारत सरकार का योगदान कुल नई लागत का अधिकतम 10 प्रतिशत होगा।

एमओयू की विशेषताएं निम्‍नलिखित हैं:- 

1. स्‍कूल और उच्‍च शिक्षा स्‍तर पर समर्थन और एकीकरण में सहायता: एनएसडीसी और डब्‍ल्‍यूओएफ के जरिए मंत्रालय स्‍कूलों और उच्‍च शिक्षा संस्‍थानों में अधिक संगठित और रचनात्‍मक तरीके से कौशल एकीकरण के लिए केंद्र और राज्‍य सरकार की पहलों में सहयोग करेगा। आवश्‍यकता के अुनसार राज्‍य या उससे नीचे के स्‍तर पर राज्‍य कार्यक्रम प्रबंधन इकाइयां (एसपीएमयू) स्‍थापित कर संसाधनों को संग्रह कर बड़े पैमाने पर सहायता उपलब्‍ध कराई जाएगी।

2. बहु कौशल संस्‍थानों और कौशल विश्‍वविद्यालयों के जरिए कौशल विकास: क्षेत्रीय कौशल परिषदों और एनएसडीसी की मदद से मंत्रालय बहु कौशल संस्‍थानों और कौशल वि‍श्‍वविद्यालयों की स्‍थापना करेगा। डब्‍ल्‍यूओएफ की राशि का उपयोग कार्यक्रम, संस्‍थान, पाठ्यक्रम और संकाय आदि तैयार करने में किया जाएगा। सभी पक्ष इस पहल की प्रगति की समीक्षा के लिए एक संयुक्‍त समिति गठित करेंगे।

3. उद्यमियता शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना: अगले तीन वर्षों में विश्‍वविद्यालयों/महाविद्यालयों में डब्‍ल्‍यूओएफ के मौजूदा उद्यमियता शिक्षा कार्यक्रमों का विस्‍तार किया जाएगा। इसमें योग्‍य और प्रशिक्षित उद्यमियता शिक्षकों और स्‍थानीय संकाय द्वारा उचित तरीके से आईसीटी आधारित ई-सामग्री के जरिए शिक्षण तथा बेहतरीन कार्य प्रणाली तक पहुंच बढ़ाने जैसे क्षेत्र शामिल है। इसके लिए कई क्षेत्रीय केंद्रों के साथ ही कुछ केंद्रीय केंद्रों के जरिए डिजाइनिंग सुविधा, निगरानी और आकंलन की सुविधा उपलब्‍ध कराई जाएगी।

4. कौशल विकास और रोजगार संतुष्टि को बढ़ावा: यह सभी पक्षों द्वारा चिंहित अन्‍य क्षेत्रों में एमओयू की अवधि के दौरान जीवंत नीति, वित्‍तीय पारिस्थितिक तंत्र और उद्योग-शैक्षिक-प्रशिक्षण प्रदाताओं के पारिस्थितिक तंत्र के जरिए किया जाएगा।

5. सभी पक्ष और अन्‍य हितधारकों के प्रतिनिधि राष्‍ट्रीय परियोजना कार्यान्‍वयन समिति (एनपीआईसी) का गठन करेंगे, जो सावधिक आधार पर एसपीएमयू के कार्यों की समीक्षा करेगी।

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