• February 9, 2018

राष्ट्रीय लोक अदालत —2160 मामलों की होगी सुनवाई

राष्ट्रीय लोक अदालत —2160 मामलों की होगी सुनवाई

प्रतापगढ़ (सतीश साल्वी)———-सस्ता, शीघ्र एवं सुलभ न्याय आमजन को आसानी से मिल सके इसके मध्यनजर जिले भर की सभी न्यायालयों में एक साथ 2 हजार से अधिक मामलों का आपसी राजीनामा वार्ता के माध्यम से निपटारे हेतु राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होगा।

इस अवसर पर प्राधिकरण की ओर से जानकारी देते हुए बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजेन्द्र सिंह के कुशल मार्ग-निर्देशन में लोक अदालत ऐसी धारा, न कोई जीता न कोई हारा की तर्ज पर जिले भर की समस्त न्यायालयों में चिन्हित प्रि-लिटीगेशन और लम्बित प्रकरणों को समाहित करते हुए शमनीय दाण्डिक अपराध, अंतर्गत धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम, बैंक रिकवरी मामलें, एम.ए.सी.टी. मामलें, पारिवारिक विवाद, श्रम-विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले, बिजली व पानी के बिल (चोरी के अलावा), मजदूरी, भत्ते और पेंशन भत्तों से संबंधित सेवा मामले, अन्य सिविल मामले (किराया, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा दावे एवं विनिर्दिष्ट पालना दावे) कुल 2160 मामलों को राजीनामा के माध्यम से निपटाने हेतु गठित की गई कुल चार राष्ट्रीय लोक अदालत बैंचों द्वारा निपटारा किया जावेगा।

जिला मुख्यालय हेतु गठित राष्ट्रीय लोक अदालत बैंच-प्रथम की अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष जिला एवं सेशन न्यायाधीश- राजेन्द्र सिंह की अध्यक्षता एवं सदस्य पुखराज मोदी-अभिभाषक, बैंच-द्वितीय की अध्यक्षता विशिष्ठ न्यायाधीश- अ.जा/अ.ज.जा.(अनिप्र)-अमित सहलोत एवं सदस्य कमलसिंह गुर्जर अभिभाषक, बैंच-तृतीय की अध्यक्षता मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-सुन्दरलाल बंशीवाल एवं आशीष चतुर्वेदी अभिभाषक तथा बैंच-चतुर्थ की अध्यक्षता अति0सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्टेªट- जयश्री मीणा एवं सदस्य ललिता गांधी अभिभाषक की सहभागिता में लोक अदालत की भावना से मामलों की सुनवाई करेगी।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष‘-जिला एवं सेशन न्यायाधीश- राजेन्द्रसिंह ने राष्ट्रीय लोक अदालत के इस आयोजन को आम जन के हितार्थ पुनीत एवं पावन कार्यक्रम निरूपित करते हुए विवादों को आपसी सहमति व समझाईश से निपटाने हेतु राष्ट्रीय लोक अदालत के इस अनुठे आयोजन में शामिल होकर अपने विवादों का निपटारा कराने के सुनहरे मौके का लाभ उठाने के साथ-साथ समस्त पदाधिकारीगण से लोक अदालत के माध्यम से अधिकाधिक प्रकरणों का निस्तारण कराने में सहयोग की अपील की।

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