• June 10, 2015

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड की 35 वीं बैठक : राजस्थान को कई सौंगाते

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड की 35 वीं बैठक :  राजस्थान को कई सौंगाते

जयपुर – राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड (एन.सी.आर. प्लॉनिंग बोर्ड) की मंगलवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केन्द्रीय नगरीय विकास मंत्री श्री वैंकेया नायडू की अध्यक्षता में बैठक में राजस्थान को कई सौगाते मिली है जिनमें मुख्य रूप से राजस्थान उप क्षेत्रीय योजना का अनुमोदन, ”रीजनल रेपिड ट्रंाजिट सिस्टम कॉरिडोर’ का पुननिर्धारण करने के लिए एक समिति का गठन नेचुरल कनजर्वेशन जोन का निर्धारण ग्राउण्ड रियलिटी यानि मौके की स्थिति के अनुरूप रखने की पुर्नसमीक्षा आदि शामिल है।

नगरीय विकास मंत्री श्री राजपाल सिंह शेखावत ने बैठक में भाग लिया और बैठक में प्रभावी ढंग से राजस्थान का पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि एन.सी.आर. प्लानिंग बोर्ड ने पूर्व में रीजनल रेपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर के अन्तर्गत 160 कि.मी. प्रति घंटे की रफ्तार से दिल्ली-गुडगांव-रेवाड़ी-अलवर मार्ग पर बुलेट ट्रेन की तर्ज पर एक रेलगाड़ी चलाने की योजना प्रस्तावित की थी, जिसे व्यावहारिक रूप प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने पिछले एक वर्ष में इस मार्ग का पुर्ननिर्धारण करने के प्रयास तेज किए और तर्कसंगत ढंग से प्लॅानिंग बोर्ड के समक्ष यह बात रखी गई कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-आठ से सटे शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़ आदि क्षेत्र तेजी से औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र बनकर उभर रहे हैं  और कई देशी-विदेशी उद्योग यहां निवेश कर रहे है और यह सम्पूर्ण क्षेत्र एक ”औद्योगिक-हब’ के रूप में विकसित हो रहा है। ऐसी परिस्थिति में इस क्षेत्र को रेपिड ट्रांजिट सिस्टम में जोडऩे पर राजस्थान का और तेज गति से आर्थिक विकास संभव हो सकेगा।

श्री शेखावत ने बताया कि राजस्थान सरकार के इस तर्क को स्वीकार करते हुए एन.सी.आर. प्लानिंग बोर्ड ने दिल्ली-गुडगांव-रेवाड़ी-अलवर कॉरिडोर को अलवर तक प्रस्तावित किए जाने के अपेक्षा शाहजहांपुर से सोंतनाला रीको औद्योगिक क्षेत्र तक राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-आठ के समानांतर प्रस्तावित करने के लिए एक समिति का गठन करने का निर्णय लिया है।

उन्होंने बताया कि इस कॉरिडोर के विकसित होने से राजस्थान उप क्षेत्र में विकास कार्यों को एक नई दिशा मिलेगी, चूंकि इस क्षेत्र में वर्तमान में कोई ”रेल-लिंक’ उपलब्ध नही है जबकि इस क्षेत्र में शहरी विकास, आर्थिक- औद्योगिक और व्यवसायिक आदि गतिविधियां सबसे अधिक संख्या में हो रही है । इस कॉरिडोर के विकसित होने से वर्तमान राजमार्ग संख्या-आठ पर यातायात का दवाब भी कम होगा तथा भविष्य में उक्त कॉरिडोर को जयपुर तक प्रस्तावित करने की संभावनाएं भी रहेंगी।

श्री शेखावट ने बताया कि इस कॉरिडोर का निकट भविष्य में एन.सी.आर. की ”काउंटर मेगनेट सिटीÓÓ जयपुर तक विस्तार होने से राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली और जयपुर के मध्य 6 घंटे के बजाए मात्र दो घंटे का सफर संभव हो सकेगा। जिससे नागरिकों के समय एवं धन की बचत हो सकेगी। साथ

ही इस मार्ग के तहत् आने वाले नीमराना, बहरोड़, कोटपुतली-शाहपुरा आदि कस्बों को भी त्वरित रेल परिवहन का फायदा मिलेगा।

श्री शेखावत ने बताया कि बोर्ड की बैठक में राजस्थान उप क्षेत्रीय योजना का अनुमोदन होने से अलवर एवं भरतपुर जिलों के आर्थिक एवं चहॅुमुखी विकास को और अधिक गति मिलेगी। उन्होंने बताया कि यह योजना पांच वर्ष पूर्व तैयार होनी थी, लेकिन दुर्भाग्य से इसमें देरी हुई और वर्तमान सरकार ने पिछले एक वर्ष में न केवल इस योजना को तैयार करवाया, वरन् एन.सी.आर. प्लानिंग बोर्ड से इसका अनुमोदन भी करवाया गया है।

नेचुरल कनजर्वेशन जोन की चर्चा करते हुए श्री शेखावत ने बताया कि सेटेलाईट इमेजरी मौके की स्थिति के अनुरूप व्यावहारिक एवं सही नहीं होती, चूंकि यदि इसे मई-जून माह में लिया जाए तो भूमि बंजर दिखेगी और नदी-नालों, वन क्षेत्र और वन-अभ्यारण्य भी सूखे ही दिखेगें, जबकि यदि इन्हें अगस्त-सितम्बर माह में लिया जाए तो न केवल बंजर पहाड़ों पर हरियाली और नदी-नालों एवं वन अभ्यारण्यों में ‘वॉटर बॉडीज’ आदि भी दिखेगी।

उन्होंने बताया कि एन.सी.आर.प्लानिंग बोर्ड ने राजस्थान सरकार के इस आग्रह पर सैद्घांतिक रूप से सहमति व्यक्त की है कि पर्यावरणीय सुरक्षा कानून 1986 और राजस्थान राजस्व रिकॉर्ड के मौका की वस्तु स्थिति के अनुसार रिवाईज्ड रीजनल प्लॉन-2021 में राज्य से गुजरने वाले अरावली पर्वत श्रृंखलाओं के बहुत बड़े क्षेत्र, वन और वन अभ्यारणों, जलाशयों, नदी-नालों आदि को शामिल करते हुए सम्पूर्ण क्षेत्र के लिए नेचुरल कनजर्वेशन जोन का निर्धारण किया जाये।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (नगरीय विकास) श्री अशोक जैन और मुख्य टाऊन प्लॅानर श्री जे.बी. जाखड़ भी मौजूद थे।

एन.सी.आर. प्लांनिग बोर्ड द्वारा अनुमोदित राजस्थान उप क्षेत्रीय योजना की प्रमुख विशेषताए:

शहरी केन्द्र:

राजस्थान उप क्षेत्रीय योजना के प्रावधानों के अनुसार अलवर एवं भिवाड़ी को क्षेत्रीय केन्द्र मानते हुए मास्टर प्लान तैयार किये गये है। शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़ को एकल नगरीय समूह के रूप में रखा गया है और इसी के अनुसार मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इसके अतिरिक्त राजगढ़ एवं खैरथल के मास्टर प्लान तैयार किये गये है। इस क्षेत्र में नई टाउनशिप तिजारा (औद्योगिक) एवं नई टाउनशिप किशनगढ़बास (संस्थानिक) प्रस्तावित की गई है।

औद्योगिक:

ग्रेटर भिवाड़ी को मुख्य औद्योगिक केन्द्र तथा शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़ को एक मुख्य औद्योगिक क्षेत्र के रूप में राष्ट्रीय राजमार्ग-8 पर प्रस्तावित किया गया है। इनके अतिरिक्त अन्य औद्योगिक शहर अलवर एवं तिजारा है।

खनन:

राजस्थान उप क्षेत्रीय योजना में ग्रेनाइट, डोलोमाइट, क्र्वाटस, लाइम स्टोन, सोप स्टोन, लौह अयस्क आदि के खनन को बढ़ावा देने की परिकल्पना की गई है।

यातायात:

(अ) सड़कें

रेवाड़ी-धारूहेडा-भिवाड़ी-पलवल को जोड़ते हुए एक क्षेत्रीय एक्सप्रेस वे प्रस्तावित किया गया है।

नीमराना-भिवाड़ी सम्पर्क सड़क

एक अन्य एक्सप्रेस-वे दिल्ली से जयपुर के लिए प्रस्तावित किया गया है।

राजस्थान उप क्षेत्र के जिला अलवर में स्थित सड़कों के राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राज्य राजमार्गो के स्तर के अनुसार सड़कों का उन्नतिकरण किया जाना प्रस्तावित किया गया है।

रीजनल रेपिड ट्रांजिट सिस्टम

रीजनल रेपिड ट्रांजिट सिस्टम के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़ से अलवर तक प्रस्तावित किये जाने की अपेक्षा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-आठ के समानान्तर सोतनाला रीको औद्योगिक क्षेत्र तक प्रस्तावित किये जाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर भी भिवाड़ी से होते हुए प्रस्तावित किया गया है।

एयरपोर्ट:

एक नया ग्रीन फिल्ड एयरपोर्ट तहसील कोटकासिम जिला अलवर में प्रस्तावित किया गया है।

ट्रांजिट ओरियन्टेड डवलपमेंट:

ट्रांजिट ओरियन्टेड डवलपमेंट के अन्तर्गत नीमराना एवं अलवर में दो मुख्य लॉजिस्टिक हब प्रस्तावित किये गये हैं।

पर्यावरण:

अरावली पर्वत श्रृंखला के संरक्षण हेतु विस्तार से प्रस्ताव दिये गये हैं।

सरिस्का वन्यजीव अभ्यारण्य के संरक्षण हेतु कई प्रस्ताव दिये गये हैं।

नदी, नाले जलाशय जैसे सिलीसेड एवं साहबी नदी के विकास के विभिन्न प्रस्ताव दिये गये हैं।

विरासत एवं पर्यटन:-

राजस्थान उप क्षेत्रीय योजना में सभी विरासत एवं पर्यटन संबंधी स्थलों को संरक्षित रखे जाने हेतु योजना बनाई गई है।

केन्द्र सरकार द्वारा बाला किला, नीमराना किला एवं कांकेरी किलों को संरक्षित रखे जाने हेतु नीति अनुमोदित की गई है।

अलवर-सरिस्का-डीग-भरतपुर-धौलपुर-करौली-सवाईमाधोपुर को ब्रीज मेवात पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित किये जाने का प्रस्ताव दिया गया है।

अन्य

राजस्थान उप क्षेत्रीय योजना के नॉलेज हब, स्किल डवलपमेंट सेंटर, आईटी एवं बायोटेक हब, शैक्षणिक, स्वास्थ्य तथा आवासन आदि के भी कई प्रस्ताव दिये गये है।

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