- December 28, 2021
राज्य स्तरीय पुलिस कंट्रोल-रूम और डॉयल-100 वाहन
अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने बताया है कि मध्यप्रदेश पुलिस का राज्य स्तरीय पुलिस कंट्रोल-रूम और डॉयल-100 वाहन द्वितीय चरण में एडवांस टेक्नालॉजी से समुन्नत होंगे। उन्होंने बताया कि डॉयल-100 के द्वितीय चरण वर्ष 2021 से 2027 की अवधि में एडवांस टेक्नालॉजी का उपयोग किया जाकर और अधिक बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराई जायेंगी।
एसीएस डॉ. राजौरा ने बताया कि एफआरवी (फर्स्ट रिस्पांस व्हीकल) वाहनों की संख्या 1000 से बढ़ाकर 1200 की गई एवं निविदा अवधि में वाहनों की संख्या 2000 तक बढ़ाने की सीमा निर्धारित की गई है। डॉयल-100 सेवा का वर्तमान डाटा सेन्टर, स्टेट डाटा सेन्टर में शिफ्ट करने का प्रावधान किया जा रहा है। सभी एफआरवी में डेशबोर्ड कैमरा और स्टॉफ के लिये बॉडी वार्न कैमरे का प्रावधान किया गया है। इन कैमरों का लाइव फीड कन्ट्रोल रूम से लाइव देखा जा सकेगा।
द्वितीय फ़ेज़ में वॉइस कॉल के अतिरिक्त एसएमएस एवं सोशल मीडिया पैनिक बटन (नॉन वॉइस प्लेटफार्म) से जानकारी प्राप्त होने पर त्वरित रूप से एफआरवी को भेजने में सुविधा होगी। नागरिकों के लिए सभी आपात सेवाओं पुलिस, फ़ायर, एम्बुलेंस के लिए एक एकीकृत मोबाइल ऐप्लीकेशन की सुविधा प्रदान की जायेगी।
डॉ. राजौरा ने बताया कि पुलिस अधिकारियों की सतत् निगरानी के लिये पृथक से मोबाइल एप का प्रावधान भी किया जा रहा है। डॉयल-100 सेवा का अन्य नागरिक सेवाओं जैसे अग्निशमन, सीसी टीव्ही, सेफ सिटी सर्विलांस सिस्टम, सीसीटीएनएस एवं वल्लभ भवन स्थित सिचुएशन रूम के साथ इंटीग्रेशन का प्रावधान होगा। कॉल मॉस्किंग सुविधा भी मिलेगी।
एफआरवी से सम्पर्क की सुविधा, कॉलर और एफ़आरवी के मध्य हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग की सुविधा (इस सुविधा के द्वारा एफआरवी स्टाफ के पास कॉलर का नम्बर नहीं जायेगा, बल्कि एक वर्चुअल नम्बर आयेगा, जिस पर इवेंट के ओपन रहते एफआरवी स्टॉफ कॉलर से सम्पर्क कर सकेगा। यही प्रक्रिया जब कॉलर को पुलिस स्टॉफ से बात करनी होगी तब अपनायी जायेगी, जिससे कॉलर की निजता की गोपनीयता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।) सभी एफआरवी वाहनों विशेषकर शहर एवं हाइवे पर ड्यूटीरत वाहनों के लिए स्ट्रेचर का प्रावधान, ताकि सड़क दुर्घटना की स्थिति में घायल व्यक्ति को अधिक कुशलता से हॉस्पिटल पहुँचाया जा सके।
डॉ. राजौरा ने बताया कि मध्यप्रदेश पुलिस राज्यस्तरीय पुलिस कन्ट्रोल रूम कॉल-टेकर सीट संख्या 80 प्रति शिफ्ट से बढ़ाकर 100 प्रति शिफ़्ट एवं डिस्पेचर संख्या 24 प्रति शिफ़्ट से बढ़ाकर 40 प्रति शिफ्ट करने का प्रावधान किया गया है। निविदा अवधि में इनकी संख्या और अधिक बढ़ाने की सीमा निर्धारित की गई है। जीआईएस मैप का उन्नयन, कॉलर की लोकेशन की शुद्धता में सुधार के लिये प्रायवेट मैप प्रोवाइडर की सेवाएँ लेने के लिये प्रावधान किया गया है, जिससे उन्नत मैप तैयार किया जा सके। साथ ही कॉलर की लोकेशन में अधिक शुद्धता परिलक्षित हो सके।