राज्य वन्य जीव मण्डल की बैठक: – मुख्यमंत्री

राज्य वन्य जीव मण्डल की बैठक: – मुख्यमंत्री

जयपुर – मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य पक्षी गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) के अस्तित्व को बचाने के लिए बहुत गम्भीर है और इसके लिए स्थानीय स्तर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक प्रयास किए जाएंगे। श्रीमती राजे राज्य वन्य जीव मण्डल की शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोडावण पक्षी के संरक्षण के लिए सहयोग व संसाधन उपलब्ध कराने के लिए केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर को पत्र लिखकर आग्रह किया जाएगा। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, वित्तीय संस्थानों व फंडिंग एजेन्सियों को भी सहयोग के लिए आमंत्रित किया जाएगा ताकि तेजी से विलुप्त हो रहे इस पक्षी का अस्तित्व बचाया जा सके। गौरतलब है कि दुनियाभर में गोडावण की कुल संख्या लगभग सौ है और उनमेें से तीन चौथाई राजस्थान में प्रवास करते हैं।

बैठक में गोडावण के संरक्षण के लिए डेजर्ट नेशनल पार्क (डीएनपी) की वर्तमान स्थिति व संरक्षण योजना पर एक प्रस्तुतीकरण भी दिया गया। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वन्य जीव मण्डल के विशेषज्ञ सदस्यों के साथ वन, राजस्व तथा अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों का एक दल शीघ्र ही डीएनपी क्षेत्र का दौरा कर हालात की समीक्षा करे और गोडावण के संरक्षण के लिए कार्य योजना तैयार करे।

रणथम्भौर नेशनल पार्क में टाइगर सफारी प्रोजेक्ट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य कोर एरिया में पर्यटन गतिविधियों का दबाव कम करना है। उन्होंने इसके लिए विस्तृत कार्य योजना शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए। बैठक में वन क्षेत्रों के आस-पास बसे गांवों व कस्बों के युवाओं को पर्यावरण-अनुकूल आजीविका  के अवसर उपलब्ध कराने के लिए बनाई गई ”वन-धन” योजना के क्रियान्वयन और ग्रीन सिटीज के विकास पर सहमति व्यक्त की गई।

श्रीमती राजे ने स्कूलों में वाइल्ड लाइफ क्लब बनाने, वन एवं वन्य जीव संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने में निजी कम्पनियों के सी.एस.आर. फण्ड का उपयोग करने व पर्यावरण संरक्षण की विभिन्न योजनाओं में स्थानीय लोगों को सहभागी बनाने को कहा।

बैठक में जयपुर मेगा ट्यूरिज्म सिटी, केवलादेव नेशनल पार्क, भरतपुर में स्थित फॉरेस्ट लॉज तक वाहनों के आवागमन की अनुमति, भरतपुर व अन्य जिलों की झीलों में कैटफिश की समस्या से निजात पाने और नीलगाय से फसलों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए गुजरात में किए जा रहे प्रयासों का अध्ययन करने को स्वीकृति दी गई।

बैठक में वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री राजकुमार रिणवा, विधायक श्रीमती दीया कुमारी और श्री मानसिंह, मुख्य सचिव श्री सी.एस. राजन, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री ओ.पी. मीणा, प्रमुख शासन सचिव श्री पी.एस. मेहरा व श्री अशोक सिंघवी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक एवं प्रधान मुख्य वन्य जीव संरक्षक श्री एस.एन. सिंह, प्रधान मुख्य वन्य जीव संरक्षक श्रीमती सविता आनन्द, वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, राज्य वन्य जीव मण्डल के विशेषज्ञ सदस्य व विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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