• April 10, 2015

राजस्‍थान विधानसभा का चतुर्थ सत्र :अनिश्चित काल के लिए स्‍थगित

राजस्‍थान विधानसभा का चतुर्थ सत्र :अनिश्चित काल के लिए स्‍थगित
एक सत्र में २०० घण्‍टे से अधिक विधान सभा की कार्यवाही
सदन में महत्‍वपूर्ण कार्यों का विवरण

जयपुर -राजस्‍थान विधानसभा का चतुर्थ सत्र गुरूवार को ७.५०.५४ बजे अनिश्चित काल के लिए स्‍थगित किया गया।

चौदहवीं राजस्‍थान विधान सभा का चतुर्थ सत्र, जो दिनांक २५ फरवरी, २०१५ से प्रारम्‍भ हुआ था, आज दिनांक ०९ अप्रैल, २०१५ को अनिश्चितकाल के लिये स्‍थगित हो रहा है ।

यह प्रथम अवसर है जब बजट सत्र में कुल २६ बैठकें हुई, जो पिछले २० वर्षों में सर्वाधिक है । मुझे माननीय सदस्‍यों को यह बताते हुए प्रसन्‍नता हो रही है कि ८ अप्रैल, २०१५ तक कुल १९३ घण्‍टे सदन की बैठक हुई, जो आज की कार्यवाही समाप्‍त होने तक लगभग २०० घण्‍टे पहुँच गई ।

दसवीं राजस्‍थान विधान सभा के चतुर्थ सत्र के पश्‍चात् यह प्रथम अवसर है जब कि एक सत्र में २०० घण्‍टे से अधिक विधान सभा की कार्यवाही चली । राज्‍य में हुई अत्‍यधिक ओलावृष्टि व बेमौसम की लगातार हुई वर्षा से किसानों की नष्‍ट हुई फसल की क्षति का आकलन किये जाने हेतु सत्र की महत्‍वपूर्ण बैठकों को स्‍थगित कर माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय ने समस्‍त माननीय सदस्‍यों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में जाने हेतु आग्रह किया। विधान सभा के इतिहास में यह भी प्रथम अवसर है जब रविवार, दिनांक २२ मार्च, २०१५ को भी सदन की बैठक रखी गई।

१- प्रश्‍न
इस सत्र में माननीय सदस्‍यों से कुल ६९३१ प्रश्‍न प्राप्‍त हुए, जिनमें से ६८८७ प्रश्‍न स्‍वीकृत किये गये। स्‍वीकृत प्रश्‍नों में तारांकित प्रश्‍न ३२१३ एवं अतारांकित प्रश्‍न ३६७४ हैं । कुल ४८६ तारांकित प्रश्‍न सूचीबद्ध हुए, जिनमें से ८७ प्रश्‍नों पर सदन में चर्चा हुई ।  इसी तरह ७३८ अतारांकित प्रश्‍न सूचीबद्ध हुए । श्री मोहनलाल गुप्‍ता, सदस्‍य, विधान सभा द्वारा आधे घण्‍टे की चर्चा भी उठाई गई।

२- प्रक्रिया के नियम-५० के अंतर्गत स्‍थगन प्रस्‍ताव
माननीय सदस्‍यों से प्रक्रिया के नियम – ५० के अंतर्गत १०१ स्‍थगन प्रस्‍तावों की सूचना प्राप्‍त हुई, जिनमें से राज्‍य सरकार को ५ प्रस्‍ताव उत्‍तर प्राप्ति हेतु प्रेषित किये गये, इनमें से ३ प्रस्‍तावों के उत्‍तर प्राप्‍त हो गये हैं तथा २ के उत्‍तर प्राप्‍त होने शेष
हैं ।

३६ माननीय सदस्‍यों ने स्‍थगन प्रस्‍तावों के माध्‍यम से अपने विचार रखे एवं २६ विषयों पर राज्‍य सरकार द्वारा स्थिति स्‍पष्‍ट की गई।

३- प्रक्रिया के नियम-२९५ के अंतर्गत विशेष उल्‍लेख के प्रस्‍ताव
माननीय सदस्‍यों से प्रक्रिया के नियम-२९५ के अंतर्गत प्राप्‍त २५४ विशेष उल्‍लेख की सूचनाएं सदन में पढ़ी गईं/पढ़ी हुई मानी गईं, जिनमें से ८४ सूचनाओं के संबंध में राज्‍य सरकार से जानकारी प्राप्‍त हुई ।

४- प्रक्रिया के नियम-१३१ के अंतर्गत ध्‍यानाकर्षण प्रस्‍ताव
उक्‍त नियम के अंतर्गत ४७० प्रस्‍तावों की सूचनाएं प्राप्‍त हुई, उनमें से १८३ के उत्‍तर राज्‍य सरकार से प्राप्‍त हो गये हैं । इनमें से ६  प्रस्‍ताव सदन में संबंधित मंत्री का ध्‍यान आकर्षित करने हेतु कार्य-सूची में सूचीबद्ध किये गये ।

५- महामहिम राज्‍यपाल महोदय के अभिभाषण पर धन्‍यवाद प्रस्‍ताव पर चर्चा
महामहिम राज्‍यपाल महोदय द्वारा दिनांक २५ फरवरी, २०१५ को सदन में अपना अभिभाषण दिया गया, जिस पर सदन में ४ दिन चर्चा हुई, जिसमें ४२ माननीय सदस्‍यों ने भाग लिया ।

६- आय-व्‍ययक अनुमान वर्ष २०१५-२०१६ पर सामान्‍य वाद-विवाद एवं अनुदानों की

   मांगों पर विचार
दिनांक ०९ मार्च, २०१५ को आय-व्‍ययक अनुमान वर्ष २०१५-२०१६ सदन में उपस्‍थापित किया गया, जिस पर ४ दिन सामान्‍य वाद-विवाद हुआ,

जिसमें  ५९ माननीय सदस्‍यों ने भाग लिया । विभिन्‍न विभागों से संबंधित १९ अनुदानों की मांगों पर सदन में चर्चा हेतु ८ दिवस नियत किये गये ।  अनुदान की मांगों पर ३६८९  कटौती प्रस्‍तावों की सूचना प्राप्‍त हुई, जिसमें से ३३३४ कटौती प्रस्‍ताव सदन में प्रस्‍तुत किये गये एवं ३५५ कटौती प्रस्‍ताव अग्राह्य किये गये। अनुदानों की मांगों पर विभिन्‍न तिथियों को हुई चर्चा में कुल १८५ सदस्‍यों ने भाग लिया ।

७- विधायी कार्य
वर्तमान सत्र में कुल  २४ विधेयक पुर:स्‍थापित किये जाकर २३ विधेयक सदन द्वारा पारित किये गये एवं एक विधेयक प्रवर समिति को निर्दिष्‍ट किया गया। विधेयकों पर माननीय सदस्‍यों से कुल ३४० संशोधन प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए, जिनमें से ३६ अग्राह्य किये गये तथा ३०४ संशोधन ग्राह्य किये गये।

गत सत्र में प्रवर समिति का निर्दिष्‍ट राजस्‍थान भूमि अर्जन विधेयक, २०१४ का प्रतिवेदन सदन में उपस्‍थापित किया गया । गत सत्र में पारित राजस्‍थान राज्‍य राजमार्ग विधेयक, २०१४ माननीय राज्‍यपाल महोदय द्वारा पुनर्विचार के लिये लौटाया गया, इसे सदन द्वारा पुन: पारित किया गया ।

८- पर्ची के माध्‍यम से उठाये गये विषय
प्रतिदिन शून्‍यकाल में माननीय सदस्‍यों को ज्‍वलंत समस्‍याओं और विभिन्‍न जनहित के मुद्दे उठाने का अवसर उनके द्वारा दी गई पर्चियों आदि के आधार पर दिया गया,  ८७ माननीय सदस्‍यों को उनके द्वारा दी गई पर्ची के आधार पर बोलने का अवसर प्रदान किया गया ।

यहां यह भी उल्‍लेख करना है कि पर्ची के माध्‍यम से उठाये जाने वाले विषयों पर राज्‍य सरकार की ओर से उत्‍तर दिया जाना आवश्‍यक नहीं है, फिर भी पर्ची के माध्‍यम से उठाये गये ७९ विषयों पर तत्‍काल राज्‍य सरकार द्वारा स्थिति स्‍पष्‍ट की गई ।

९- याचिकाएं
सदन में ७१ याचिकाएं माननीय सदस्‍यों द्वारा उपस्‍थापित की गई ।

१०- विभिन्‍न समितियों के प्रतिवेदनों का उपस्‍थापन

सत्र में विभिन्‍न समितियों के कुल ६२ प्रतिवेदन सदन में उपस्‍थापित किये
गये ।

११. सदाचार समिति का गठन
नियम समिति के द्वितीय प्रतिवेदन में की गई सिफारिश की अनुपालना में राजस्‍थान विधान सभा के प्रक्रिया नियमों में सदाचार समिति के गठन का प्रावधान किया गया ।

१२. प्रदेश में हुई ओलावृष्टि  एवं बिजली की स्थिति पर विचार

माननीय अध्‍यक्ष ने प्रदेश में बेमौसम की वर्षा तथा ओलावृष्टि से किसानों की नष्‍ट हुई फसल की गंभीरता को देखते हुए दिनांक १६ मार्च, २०१५ को प्रश्‍नकाल स्‍थगित कर इस विषय पर चर्चा की गई, जिसमें १०० माननीय सदस्‍यों ने चर्चा में भाग लिया। किसी एक विषय पर पूर्व में कभी भी इतनी बड़ी संख्‍या में माननीय सदस्‍यों ने चर्चा में भाग नहीं लिया ।

राज्‍य में बिजली की स्थिति पर दिनांक ३१ मार्च, २०१५ को सदन में विचार हुआ, जिसमें २९ माननीय सदस्‍यों ने भाग लिया।

अन्‍त में मैं सभापति तालिका के सदस्‍यों को उनके द्वारा सहयोग देने पर धन्‍यवाद देना चाहूँगा । मैं माननीय मुख्‍यमंत्री जी, नेता प्रतिपक्ष, संसदीय कार्य मंत्री एवं विभिन्‍न दलों के नेताओं, मुख्‍य सचेतक तथा सभी माननीय सदस्‍यों का उनके द्वारा सदन के कार्य संचालन में दिये गये सहयोग के लिये अत्‍यन्‍त आभारी हूँ ।

इस अवसर पर मैं विधान सभा के अधिकारियों, कर्मचारियों को उनके द्वारा सत्र कार्य में दिये गये सहयोग एवं पुलिस विभाग के समस्‍त अधिकारियों तथा कर्मचारियों को भी सत्र के दौरान उपलब्‍ध कराई गई सुरक्षा व्‍यवस्‍था के लिये धन्‍यवाद देना चाहूँगा । इसके साथ ही सभा की कार्यवाही के संचालन में राज्‍य सरकार के समस्‍त विभागीय प्रतिनिधियों द्वारा दी गई सहायता के लिये भी उनको धन्‍यवाद देना चाहता हूँ ।

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