- August 27, 2017
राजस्व विभाग के काम-काज की समीक्षा—कलेक्टर मो.कैसर अब्दुल हक
कोरबा—(छत्तीसगढ)——कलेक्टर मो.कैसर अब्दुल हक ने जिले के राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय कामकाज की समीक्षा की। उन्होने कहा कि राजस्व अधिकारी अपने क्षेत्रोें का नियमित भ्रमण करें, अधिकारियों का सम्बन्ध आम जनता ग्रामीण व किसानो से जुड़ा होता है इसलिए सभी अधिकारी और मैदानी कर्मचारी मुस्तैदी से ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए आम जनता की समस्याओं से रु-ब-रु होकर त्वरित निराकरण करना सुनिश्चित करे।
कलेक्टर ने एसडीएम एवं तहसीलदारो से पटवारियो को उनके निर्धारित मुख्यालय में उपस्थिति सुनिचिश्त करने के निर्देश दिए। जिलाधीश ने अल्प वर्षा तथा सूखे की स्थिति निर्मित होने की आशंका के मद्देनजर इससे निपटने के लिए अभी से कार्य योजना तैयार करने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए। जिले में बरसाती नालों पर निस्तारी के लिए नाला बंधान का कार्य भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
कलेक्ट्रोरेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक के दौरान उन्होने अधिकारियों से विवादित-अविवादित नामांतरण के प्रकरण बंटवारा, सीमांकन ,रेल कारीडोर परियोजना का मुआवजा भुगतान की जानकारी इसके अलावा भू-अर्जन के प्रकरणों की जानकारी ली। इस अवसर पर एसडीएम कोरबा नेपाल सिंह नौरोजी, कटघोरा अभिषेक अग्रवाल, पोड़ीउपरोड़ा अखिलेश साहू, सभी तहसीलदार ,नायब तहसीलदार एवं राजस्व निरीक्षक उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर ने भू- अर्जन, न्यायालयीन प्रकरणों, सीमाकंन के प्रकरणों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होने जिले में शासकीय भूमि पर किसी भी प्रकार के अतिक्रमण होने पर उसे हटाने कि कार्यवाही करने के लिए राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया। बैठक में इसके अलावा खसरा,बी-वन नकल प्रदाय, व्यक्तिगत वन अधिकार मान्यता पत्र वितरण की समीक्षा की।
कलेक्टर ने अपील संबंधित आवेदनों के निराकरण तथा विवादित मामलों का भी समय पर निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा बैठक में धारा 170 (ख), भू-अर्जन, अभिलेखों का अद्यतीकरण, भू-राजस्व एवं विभिन्न करों की वसूली की स्थिति, पंचायत उपकर, शाला भवन उपकर, डायवर्सन, टैक्स वसूली, आरसीसी की वसूली आदि विषयों की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए।
राजस्व पुस्तक परिपत्र भाग 6-4 के प्राकृतिक आपदा से संबंधित पीड़ित परिवार को मुआवजा राशि के प्रकरण शीघ्र तैयार करने निर्देश दिए। प्रकरण तैयार करते समय अधिकारी अपनी संवेदनशीलता का परिचय दें। कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि मैदानी क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता की जांच अवश्य करें।