- January 7, 2018
राजस्थान–2018 — एक विहंगम दृष्टि— शैलेश कुमार
2017 :– वर्तमान में राजस्थान की आबादी — 75,984,317, सातवां घनी आबादी वाला राज्य।
जनसंख्या प्रतिशत लगभग:—–
हिंदू .. 90% ,मुस्लिम – 8 %, अनुसूचित जाति 70 % और जन जाति 20 %, राष्ट्रीय स्तर पर जनजातियों की संख्या दुगुना है।
भील और मीणों की सबसे ज्यादा आवादी है। सहरिया,डमरिया,गरासिया,लोहार प्रमुख समुदायों में से एक है।
भील बहुल क्षेत्र – चित्तौडगढ,उदयपुर और डूंगरपुर के दक्षिण भाग 39 % है।
राजस्थान के पूर्वी भाग जयपुर, अलवर, भरतपुर और कोटा गुर्जर बहुल क्षेत्र है।
राजस्थान में लिंगानुपात सबसे कम है — 1000 पुरूषों पर 926 महिलाऐं है।
साक्षरता दर 67.1 % है
ठाकुर देशराज के अनुसार 1931 में जाटों की जनसंख्या – 1142025 था।
राजपूतों की जनसंख्या — 633830 था। इस तरह राजपूत से दोगुना जाटों की आवादी है। 7 अप्रैल 2017 में राजस्थान के जयपुर में सबसे अधिक जाट आवादी 313609 है।
—- 50 विधान सभा क्षेत्र आरक्षित है — 150 विधान सभा क्षेत्र अनारिक्षत
वर्तमान में 163 सींटें बीजेपी के झोले में है ,
2018 चुनाव परिणाम :—
कांग्रेस :—— 60 , बीएसपी —– 5 , एनपीस — 6 , एनयूजेडपी — 8 ,
निर्दलीय — 11 — कुल —94 अगर यही स्थिति रही तो सरकार बनना मुश्किल है. कांग्रेस तिगुना छलांग इसलिए लगाएगी क्योंकि –पद्मावती विवाद ,फिर हिन्दू – मुस्लिम विवाद ,हिन्दुओं के बीच –दलित – बड़े जातियों के विरुद्ध बीजेपी पर वार और लोकसेवक विवाद तथा ललितमोदी प्रकरण ।
महाराष्ट्र के प्रकाश अंबेडकर को अगर बीएसपी ने भुनाने कि कोशिश की तो बीएसपी की सीटों मे इजाफा हो सकता है
अगर सरकार के विरुद्ध मतदान हुआ तो सत्ता दूर का ढोल बनकर रह जाएगा।
अब यह निर्भर करता है की विपक्षी मतदाताओं को कैसे इन्द्रजाल में फंसायें, इन्द्रजाल में कैसे फंसाया जाय इसमें विपक्षी अयोग्य है।
बीजेपी के बाण से ही बीजेपी को मारने का प्रयास होगा।
अगर बीजेपी सुधरने का प्रयास करें तो अभी स्थिति सुधर सक्ती है।