• December 20, 2016

राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में बौद्धिक राजधानी – मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे

राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में बौद्धिक राजधानी – मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे

जयपुर—मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि आने वाले समय में राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में भारत की बौद्धिक राजधानी बनकर उभरेगा। उन्होंने बताया कि राज्य में शिक्षा के अवसरों एवं संभावनाओं को तलाश कर देश-दुनिया से रूबरू करवाने के लिए अप्रेल 2017 में दो दिवसीय ’जयपुर फेस्टिवल ऑफ एजुकेशन’ का आयोजन किया जा रहा है, जो देश में अपने ढंग का पहला प्रयास होगा। dsc_1004

श्रीमती राजे सोमवार को नई दिल्ली के होटल हयात रेजिडेंसी में ’जयपुर फेस्टिवल ऑफ एजुकेशन‘ के कर्टेन रेजर कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह ग्लोबल आयोजन प्रतिष्ठित जेम्स एजुकेशन फाउंडेशन के साथ मिलकर किया जाएगा।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य हमारी भावी पीढ़ी एवं देश के भविष्य के सपनों को साकार करने के लिए और उनकी प्रतिभा एवं रचनात्मकता को तराशना तथा उनके आत्म विश्वास को मजबूती प्रदान करना है, ताकि देश-विदेश में उन्हें रोजगार के अच्छे अवसर मिल सकें। श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान देशभर में शिक्षा का हब बनकर उभर रहा है।

प्रदेश में 60 प्रतिशत जनसंख्या युवा है, जिनमें ग्लोबल स्तर पर छा जाने की क्षमता है। युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए राज्य सरकार एवं शैक्षिक संस्थाएं निरंतर प्रयासरत हैं। शैक्षणिक गतिविधियों में सुधार, ‘प्रशासनिक क्षमता का सुढ़ीकरण और प्रबंधन क्षमता को बढ़ाकर हम शैक्षिक जगत की समस्याओं के निराकरण के लिए कार्य कर रहे हैं।

श्रीमती राजे ने बताया कि हम ‘जयपुर एजुकेशन फेस्टिवल’ की शुरूआत कर शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं। जयपुर के बाद इसे राज्य के सभी सात संभागों पर भी आयोजित किया जाएगा। इससे राज्य के शिक्षा जगत एवं बच्चों को ग्लोबल शिक्षा प्रणाली एवं कार्यविधि से रूबरू होने के अवसर पैदा होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य में शिक्षा के उन्नयन और ढांचागत विकास के लिए लगातार कार्य कर रही है। जिसकी देश-विदेश में प्रशंसा हो रही है।

स्कूल, बच्चों एवं अध्यापकों के बीच आनुपातिक संतुलन बनाना हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है। प्रदेश की करीब दस हजार ग्राम पंचायतों में एक से बारहवीं कक्षा के स्कूलों को आदर्श विद्यालय के रूप में एकीकृत करने का कार्य भी किया जा रहा है।

राज्य में चल रहे करीब 10 हजार आदर्श विद्यालयों का जिक्र करते हुए श्रीमती राजे ने कहा कि इन स्कूलों को मॉडल स्कूलों के रूप में उभारा जा रहा है। यहां शिक्षक-अभिभावक बैठक (पीटीएम), आधारभूत सुविधाओं, खेल सुविधाओं आदि के बहुत अच्छे परिणाम देखने में आ रहे हैं। श्रीमती राजे ने कहा कि सरकार अपने न्यूनतम संसाधनों से राज्य में शिक्षा के आधुनिकीकरण के साथ ही कमजोरियों को ठीक करने में लगी हुई है। शिक्षा में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) से शैक्षिक विकास को गति देने पर ध्यान दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के लगातार प्रयासों से 2014 के बाद राज्य में 10 लाख विद्यार्थियों का रिकॉर्ड नामांकन हुआ है, वहीं अध्यापकों व शैक्षणिक स्टाफ के 60 प्रतिशत रिक्त पदों को भरकर 25 प्रतिशत तक लाया गया है। इसका परिणाम यह हुआ है कि 10वीं बोर्ड के परीक्षा परिणाम 58 प्रतिशत से बढ़कर 72 प्रतिशत तक की उत्साहवद्र्धक स्थिति तक पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में ‘शालादर्पण’ वेब पोर्टल के माध्यम से अध्यापकों के प्रमोशन एवं स्थानांतरण के प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने में हम सफल हुए हैं। dsc_1020

शिक्षा जगत में विश्वास का माहौल पैदा हुआ है। इस अवसर पर शिक्षा राज्यमंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान में पिछले तीन वषार्ें में सेवा शिक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ है। उन्होंने मरूभूमि को शिक्षा क्षेत्र में विश्वभर में अग्रणी करने के लिए किए प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि राजकीय विद्यालयों में नामांकन में जहां 12 लाख से अधिक की वृद्धि हुई है, वहीं राजस्थान के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों, ट्रक ड्राइवरों के बच्चों का चिकित्सा क्षेत्र में ऑल इंडिया स्तर पर चयन अपने आप में उदाहरण है।

श्री देवनानी ने प्रदेश में कक्षा 5 एवं 8 में मूल्यांकन परीक्षा की पहल करने, ‘राजश्री’ योजना के तहत बालिकाओं को प्रोत्साहित करने तथा मनरेगा के तहत विद्यालयों में खेल मैदान निर्माण जैसे कार्यों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती राजे के नेतृत्व में राजस्थान शिक्षा क्षेत्र में ‘ग्लोबल हब’ बनाने की ओर अग्रसर है।

जेम्स फाउंडेशन के ग्रुप चेयरमेन श्री अम्बरीश चंद्रा ने राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों की चर्चा की। उन्हाेंने कहा कि राजस्थान अब रंग-बिरंगी पगड़ियों वाले लोगों अथवा पर्यटन के क्षेत्र में ही अपनी पहचान नहीं बना रहा, वरन् शिक्षा के क्षेत्र में एक नए युग की ओर बढ़ रहा है। श्री चन्द्रा ने बताया कि फाउंडेशन द्वारा इस वर्ष दुबई में 6 व 7 मार्च को आयोजित होने वाले ग्लोबल टीचर्स प्राइड अवार्ड में राजस्थान के 10 श्रेष्ठ शिक्षकों को भी अवार्ड प्रदान किए जाएंगे।

इस अवसर पर जेम्स इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों ने गीत एवं नृत्य के कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर श्रीमती राजे ने जयपुर फेस्टिवल ऑफ एजुकेशन का लोगो भी जारी किया।

कार्यक्रम में सांसद श्री दुष्यंत सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री राजहंस उपाध्याय, शिक्षा सचिव श्री नरेश पाल गंगवार, सर्वशिक्षा आयुक्त श्री जोगाराम तथा प्रारंभिक शिक्षा निदेशक श्री पीसी किशन भी उपस्थित थे।

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