- March 16, 2015
राजस्थान को सरसों स्टेट घोषित कराने का प्रयास – कृषि मंत्री
जयपुर -कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी ने कहा है कि राजस्थान को सरसों स्टेट घोषित करवाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि राज्य के सरसों स्टेट घोषित होने से सरसों उत्पादक किसानों और व्यापारियों को विशेष लाभ होगा।
श्री सैनी रविवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में अखिल भारतीय 36वीं रबी तेल तिलहन सेमीनार की अध्यक्षता कर रहे थेे। उन्होंने कहा कि देश में सरसों का सर्वाधिक उत्पादन राजस्थान में होता है, इसलिए राजस्थान को सरसों स्टेट घोषित करवाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भिजवाया जाएगा।
ऌउन्होंने कहा कि हमारी सरकार के गत कार्यकाल के दौरान सरसों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए हमने टारगेट 20 प्लस तय किया था, जिसमें एक हेक्टेयर में 20 क्विंटल सरसों के उत्पादन का लक्ष्य रखा था। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि राज्य के हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर और भरतपुर जिलों में हम अपने टारगेट के बहुत करीब पहुंच चुके हैं। उन्होंने हरित क्रांति, पीत क्रांति और श्वेत क्रांति के बाद अब कृषि क्षेत्र में नॉलेज कम मैनेजमेंट क्रांति की आवश्यकता पर बल दिया।
कृषि मंत्री श्री सैनी ने कहा कि राजस्थान अरण्डी, सरसों, मूंगफली, अलसी के साथ जैतून का न केवल उत्पादन करने वाला बल्कि जैतून की रिफायनरी स्थापित करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार जैतून की चाय का पेटेंट करवाने का भी प्रयास कर रही है। इस सेमीनार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आए प्रतिनिधि मौजूद थे।
सरसों में जीएम ट्रायल की अनुमति नहीं
कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी ने आश्वस्त किया राज्य में सरसों की फसल में जेनेटिक मॉडिफाइड फसलों के ट्रायल की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जेनेटिक इंजनीयिरिंग कमेटी के द्वारा सरसों के अधिक उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए राज्य के तीन जिलों में जीएम ट्रायल का विचार रखा था, लेकिन इसके दुष्प्रभावों की आशंका के चलते, राज्य सरकार ने इसकी अनुमति नहीं देने का फैसला लिया है।
अलसी के उत्पादन को दिया जाएगा बढ़ावा
कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि विश्व में अलसी की मांग लगातार बढ़ती जा रही है इसलिए राज्य सरकार ने अलसी के उत्पादन को बढ़ाने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि अलसी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को इसके मिनिकिट्स वितरित किए जाएंगे।