- December 31, 2014
राजस्थान के प्रमुख शहरों को नियमित विमान सेवाओं से जोड़ा जाए
जयपुर- पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री श्रीमती कृष्णेन्द्र कौर Óदीपा’ ने केन्द्र सरकार से देश-विदेश में पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रदेश के प्रमुख शहरों और दूरस्थ क्षेत्रों को नियमित विमान सेवाओं से जोडऩे को आग्रह किया है।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में मंगलवार को केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री श्री अशोक गजपति राजू प्रजापति की अध्यक्षता में आयोजित राज्यों के नागर विमानन मंत्रियों की बैठक में भाग लेते हुए श्रीमती दीपा ने कहा कि राजस्थान की पर्यटन के विश्व मानचित्र पर अपनी अलग ही पहचान है, लेकिन प्रदेश में पर्याप्त संख्या में वायु सेवाएं उपलब्ध नहीं होने से एक ओर जहां देश-विदेशी पर्यटकों को असुविधा हो रही है वहीं इससे होने वाली आमदानी से भी प्रदेश को वंचित होना पड़ रहा है।
श्रीमती दीपा ने राज्य के प्रमुख पर्यटन नगरों जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, उदयपुर, कोटा, बीकानेर के मध्य नियमित विमान सेवाएं प्रारंभ करवाने का अनुरोध करते हुए मांग की कि इन हवाई मार्गो पर विमान संचालन पर होने वाले व्यय (वॉयबिलिटी फंड गेप) को केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा वहन करने के लिए एक छह वर्षीय कार्य योजना बनाई जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि राजस्थान के तकरीबन हर जिले में हवाई पट्टियां विकसित की गई हंै। इनमें से 16 ऐसी हवाई पट्टियां हंै जिन पर व्यावसायिक दृष्टि से विमान सेवाएं प्रारंभ की जा सकती है। उन्होंने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि ऐसी 16 हवाई पट्टियों पर विमान सेवाओं का संचालन शुरू करवाने के लिए महानिदेशक, नागरिक उड्डयन से वांछित लाइसेंस जारी करवाए जाएं।
उन्होंने कहा कि जयपुर के अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से और भी देशों के लिए विमान सेवाएं शुरू करवाई जानी चाहिए। इसी प्रकार उदयपुर एवं जोधपुर हवाई अड्डों का भी अन्तरराष्ट्रीय सेवाओं के लिए सुदृढ़ीकरण करवा कर अन्तरराष्ट्रीय सेवाएं प्रारंभ करवाई जाए।
श्रीमती दीपा ने बताया कि जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर एवं कोटा आदि हवाई अड्डों के विस्तार, सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण के साथ-साथ इन स्थानों को हवाई सेवाओं के विस्तृत नेटवर्क से जोडऩे को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
पर्यटन राज्यमंत्री ने निजी विमान सेवा प्रदाता कम्पनियों द्वारा मनमाने तरीके से किराये वसूल करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने का मुद्दा उठाते हुए केन्द्र सरकार से अनुरोध किया कि वे निजी विमान सेवाओं के लिए एक नियामक तंत्र बनायें, ताकि देशी-विदेशी पर्यटकों एवं यात्रियों को महंगे ]टिकट क्रय करने की मजबूरी से निजात मिल सके।
उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार ने ऐविएशन टरबाईन फ्यूअल (ए.टी.एफ.) पर वेट की राशि को बीस प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। साथ ही राज्य में उपलब्ध हवाई बेड़े के माध्यम से एयर टैक्सी सेवा भी प्रारंभ की गई है तथा अपने स्तर पर अन्य प्रयास भी किए जा रहे हैं। इससे प्रदेश में विमानन सेवाओं को और अधिक बेहतर एवं सुचारू रूप से संचालित करने में मदद मिलेगी।
बैठक में राजस्थान के सामान्य प्रशासन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के प्रमुख सचिव श्री अजीत कुमार सिंह और निदेशक, नागरिक उड्डयन श्री सुनील भाटी भी मौजूद थे।
केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री ने की राजस्थान की प्रशंसा
बैठक में केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री डॉ. महेश शर्मा ने राजस्थान की बहुरंगी कला और संस्कृति, वैभवशाली इतिहास और पर्यटन आकर्षण की प्रशंसा की और कहा कि राजस्थान जैसे पर्यटन समृद्घ राज्य में हवाई सेवाओं का विस्तार होना बहुत जरूरी है।