- February 28, 2019
‘म्हारा गांव जगमग गांव’ – योजना के तहत अभी तक 3205 गांवों में 24 घण्टे बिजली
चण्डीगढ़———- – केन्द्रीय बिजली तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री आर.के.सिंह की अध्यक्षता में गुरुग्राम में देशभर के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के बिजली तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों व सचिवों का दो दिवसीय सम्मेलन आज सम्पन्न हो गया।
इस सम्मेलन में हरियाणा का प्रतिनिधित्व परिवहन मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार ने किया।
श्री पंवार ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य देशभर के ऐसे सभी गांवों में बिजली पहुंचाना है जो अब तक बिजली से वंचित थे। इसके अलावा, इस सम्मेलन का उद्देश्य बिजली आपूर्ति तंत्र का आधुनिकीकरण करना, लाइन लॉसिस को कम करना और बिजली बोर्डों के घाटे को कम करना भी है। उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान बिजली के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले राज्यों को सम्मानित भी किया गया।
मंत्री ने बताया कि हरियाणा में बिजली सम्प्रेषण तथा आपूर्ति तंत्र के आधुनिकीकरण की दिशा में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। भारत सरकार के 24×7 बिजली देने के लक्ष्य के साथ प्रदेश में ‘म्हारा गांव जगमग गांव’ को योजना के तहत अभी तक 3205 गांवों में 24 घण्टे बिजली दी जा रही है।
राज्य के छ: जिलों (अम्बाला, पंचकूला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, सिरसा एवं फतेहाबाद के प्रत्येक गांव में 24 घंटे बिजली दी जा रही है।
सौभाग्य योजना के अंतर्गत सभी घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य पूरा किया जा चुका है।
श्री पंवार ने बताया कि भारत सरकार की उदय योजना के तहत प्रदेश की दोनों वितरण कम्पनियों-उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने निर्धारित समय सीमा में लक्ष्य प्राप्त कर लिए हैं।
एटी एण्ड सी लॉसिस जो वर्ष 2015-16 में 30.02 प्रतिशत थे, वर्ष 2017-18 में कम हो कर 20.29 प्रतिशत रह गए। इसीप्रकार, दोनों वितरण कम्पनियों ने उदय योजना में निर्धारित समय से दो वर्ष पहले की वित्तीय टर्न अराउंड प्राप्त कर लिया और वर्ष 2017-18 में 412.34 करोड़ रुपये का मुनाफा अर्जित किया। वर्ष 2017-18 में दोनों वितरण कम्पनियों का पूरे भारत में 42 में से 10वां और 13वां रैंक था। उन्होंने बताया कि दोनों वितरण कम्पनियों का 55 से भी ज्यादा राजस्व ऑन लाइन भुगतानों से आने लगा है।
इसके अतिरिक्त, हरियाणा देश का ऐसा राज्य है जो उपभोक्ताओं के डिजिटल भुगतानों के लिए सभी चार्जिज वहन करता है। ईईएसएल द्वारा प्रदेश में 10 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। गुरुग्राम में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 1600 करोड़ रुपये में से 850 करोड़ रुपये के कार्य का अनुबंध किया जा चुका है। इसके अलावा, केन्द्र सरकार से 780 करोड़ रुपये की मांग की गई है।
उन्होंने बताया कि आईपीडीएस और डीडीयूजीजेवाई के अंतर्गत लगभग 700 करोड़ रुपये के कार्य भारत सरकार की तय समय सीमा में 31 मार्च तक पूरे किए जाएंगे। उजाला योजना के तहत 1.55 करोड़ एलईडी बल्बों का वितरण हो चुका है। वर्ष 2018-19 में हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम का सम्प्रेषण घाटा 2.084 प्रतिशत रहा, जो पूरे देश में न्यूनतम था।
उन्होंने बताया कि एचपीजीसीएल द्वारा पानीपत में 24 नवम्बर, 2016 को 10 मैगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना चालू की गई। इसके अलावा, यमुनानगर व फरीदाबाद में निर्माण एवं परिचालन आधार पर 57 मैगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं लगाने के लिए उचित कार्यवाही की जा रही है।
श्री पंवार ने बताया कि राज्य में वर्ष 2016-17 व 2017-18 के दौरान किसानों को 750 सोलर पम्प (2 एचपी और 5 एचपी) 90 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाए गए। इस वित्त वर्ष में राज्य सरकार द्वारा किसानों को 54.60 करोड़ रुपये की अनुदान राशि से 2300 पम्प 75 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
सरकार द्वारा नाबार्ड से ऋण लेकर 1696 करोड़ रुपये की लागत से 50,000 सोलर पम्प (3 एचपी से 10 एचपी) लगाने की परियोजना शुरू की जा रही है, जिसके प्रथम चरण में 15,000 पंप और दूसरे चरण में 35000 पंप लगाए जाएंगे। प्रथम चरण में 502 करोड़ रुपये की लागत से 15,000 पंप लगाने के लिए नाबार्ड द्वारा 357.50 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया है। परियोजना पूरी होने पर 238 मैगावाट ग्रीन एनर्जी का उत्पादन होगा।
इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार द्वारा बिजली के पम्पों पर दी जाने वाली अनुदान राशि को कम करने और किसानों की आय को बढ़ाने के उद्देश्य से 25 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से करनाल और यमुनानगर जिलों में एक-एक फीडर के कुल 468 पम्पों को सौर ऊर्जा चालित कर ग्रिड के साथ जोडऩे का पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इस प्रोजेक्ट में किसानों को सोलर पम्प मुफ्त दिए जाएंगे और सिंचाई की जरूरत न होने पर उत्पादित बिजली ग्रिड में डाली जाएगी जिसके लिए किसानों को एक रुपया प्रति यूनिट की दर से भुगतान किया जाएगा। इससे तीन मैगावाट हरित ऊर्जा का उत्पादन होगा।
श्री पंवार ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में ऊर्जा संरक्षण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य में सभी सरकारी भवनों, उद्योगों और व्यावसायिक संस्थानों में एलईडी लाइटों के प्रयोग को अनिवार्य किया गया है। अभी तक सरकारी भवनों में लगभग 1.25 लाख एलईडी लाइटें लगाई जा चुकी हैं। भवन निर्माण में ऊर्जा संरक्षण के लिए प्रदेश में व्यवसायिक भवनों के लिए ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता (ईसीबीसी) अनिवार्य की गई है। इसके लिए विभाग में एक विशेष ईसीबीसी सैल भी बनाया गया है। करनाल, बावल, नांगल चौधरी और हथीन क्षेत्र के गांवों में ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 1.25 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता से नौ वॉट के एलईडी बल्ब 20 रुपये प्रति बल्ब की रियायती दरों पर वितरित किए जा रहे हैं। इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रति घर दो एलईडी बल्ब दिए जा रहे हैं जिससे लगभग एक लाख 15000 परिवार लाभान्वित होंगे।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की निदेशक श्रीमती रेणु फुलिया तथा उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के चेयरमैन-सह-प्रबंध निदेशक तथा दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के चेयरमैन श्री शत्रुजीत कपूर ने भी सम्मेलन में हिस्सा लिया।