‘मुद्रास्फीति का दबाव काफी ज्यादा था और सरकार इसमें कमी लाना चाहती थी

‘मुद्रास्फीति का दबाव काफी ज्यादा था और सरकार इसमें कमी लाना चाहती थी

जेएसडब्ल्यू समूह के चेयरमैन सज्जन जिंदल ने कहा कि सरकार ने इस्पात पर निर्यात शुल्क मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिये लगाया था और अब इसमें नरमी दिखाई दे रही है। उन्होंने इस्पात के सामान पर निर्यात शुल्क हटाने के सरकार के कदम पर अपनी प्रतिक्रिया में यह बात कही।

जिंदल ने तीसरे इंडियन स्टील एसोसिएशन (आईएसए) के सम्मेलन में कहा, ‘‘मुद्रास्फीति का दबाव काफी ज्यादा था और सरकार इसमें कमी लाना चाहती थी। इसी कारण निर्यात शुल्क लगाया गया। उद्योग ने सरकार के कदमों का समर्थन किया।’’

उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति नीचे आई है और घरेलू बाजार के साथ-साथ वैश्विक बाजारों में भी इस्पात की कीमतों में भी सुधार हुआ है। हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने इस्पात उत्पादों और लौह अयस्क पर निर्यात शुल्क में कटौती कर शून्य कर दिया है। यह 19 नवंबर, 2022 से प्रभाव में आ गया। निर्यात शुल्क 21 मई को लगाया गया था। जेएसडब्ल्यू समूह इस्पात, सीमेंट, पेंट और बुनियादी ढांचा समेत अन्य क्षेत्रों से जुड़ा है।

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