- August 10, 2018
राज्य के लोग बिजली के क्षेत्र में किए गए कार्य से संतुष्ट हैं :- मुख्यमंत्री
*** 38 जिलों में से 17 जिलों में हर इच्छित व्यक्ति के घर तक बिजली पहुंच–ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव
*** 2012 में राज्य को करीब 1751 मेगावाट बिजली आपूर्ति हो रही थी, वहीं 2018 के जुलाई माह तक 5008 मेगावाट की बिजली आपूर्ति हो रही है
*** जर्जर तारों को बदलने के लिए 3000 करोड़ रुपए की योजना का शुभारंभ
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पटना ——— :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज विद्युत भवन परिसर में 7522.38 करोड़ रुपए की योजनाओं का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास, उद्घाटन एवं लोकार्पण किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इसी परिसर में फिर तीन माह के बाद हमलोग ऊर्जा विभाग के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उपस्थित हुए हैं। ऊर्जा विभाग अपने कामों को जितनी तेजी से कर रहा है, उससे हम सबको काफी प्रसन्नता हो रही है। राज्य के अधिक से अधिक लोग बिजली के क्षेत्र में किए गए कार्य से संतुष्ट हैं।
6 वर्ष पूर्व 15 अगस्त 2012 को मैंने ऐतिहासिक गाॅधी मैदान में झंडोतोलन के बाद अपने भाषण के दौरान कहा था कि अगर बिजली की स्थिति में सुधार नहीं कर पाए तो 2015 के चुनाव में वोट नहीं मांगेंगे। इन छह वर्षों में बिजली के क्षेत्र में तेजी से काम हुआ है। हर गांव एवं हर टोले तक बिजली पहुंच गई है। जैसा कि ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि 38 जिलों में से 17 जिलों में हर इच्छित व्यक्ति के घर तक बिजली पहुंचा दी गई है। इन 17 जिलों में से 10 जिले उत्तर बिहार के हैं और 7 जिले दक्षिण बिहार के हैं। सात निश्चय में से एक निश्चय हर घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है, जो कि इस वर्ष के अंत तक पूर्ण होना है, इस संबंध में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव ने भी आश्वस्त किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम 2005 में सत्ता संभाले थे, उस समय बिजली की आपूर्ति लगभग 700 मेगावाट थी, इसमें से कुछ बिजली नेपाल को और कुछ रेलवे को उपलब्ध कराई जाती थी। 15 अगस्त 2012 को बिजली के संबंध में जो बातें मैंने कही थी, उस दौरान राज्य को करीब 1751 मेगावाट बिजली आपूर्ति हो रही थी। वर्ष 2018 के जुलाई माह तक 5008 मेगावाट की बिजली आपूर्ति हो रही है। बिजली के क्षेत्र में आज हम इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग को सुझाव देते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को बिजली बिल समय पर उपलब्ध कराएं। पहले लोगों को बिजली बिल समय पर नहीं मिलता था, जो बिजली का बिल मिलता था, उसमें भी काफी गड़बड़ियाॅ रहती थीं। अब इस क्षेत्र में तेजी से काम हुआ है और स्थिति में सुधार हो रहा है।
अब स्पॉट बिलिंग की व्यवस्था की जा रही है, जिससे समय पर बिजली बिल का भुगतान हो रहा है। इससे विद्युत विभाग की आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है। पिछले वित्तीय वर्ष में 8000 करोड़ रुपए की आमदनी इस विभाग को हुई थी। ए0टी0 एंड सी0 (एग्रिगेट टेक्नीकल एंड काॅमर्शियल) लॉस 40 प्रतिशत से घटकर अब 33 प्रतिशत हो चुका है। इसे 25 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। ऊर्जा विभाग इसके लिए संकल्पित है। सारी चीजों को समय पर उपलब्ध कराकर इस लक्ष्य को घटाकर 10 प्रतिशत तक कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने खजाने से अनुदान देकर उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत पहुंचा रही है। राज्य सरकार अनुदान के रुप में प्रति यूनिट कितना खर्च कर रही है, उसकी जानकारी इस बिल में रहती है। इससे उपभोक्ताओं को राज्य सरकार द्वारा मिलने वाली अनुदान राशि के बारे में जानकारी तो मिलती ही है साथ ही उनके ऊपर नैतिक दबाव बनता है कि अनावश्यक रुप से वे बिजली की खपत ना करें। इससे राज्य के लोगों में सामाजिक चेतना का भी विकास होगा।
उन्होंने कहा कि 2018-19 में राज्य सरकार 3137 करोड़ रुपए की राशि इस मद में अनुदान के रुप में खर्च करेगी। राज्य सरकार बिजली आपूर्ति के मद में विद्युत कंपनियों को होने वाले घाटे को अपने बजट से अनुदान देकर भरपाई करती है। धीरे-धीरे यह अनुदान घट रहा है और होने वाले घाटे में कमी आ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के जर्जर तारों को बदलना भी एक महत्वपूर्ण कार्य है। तार के गिरने से होने वाली मौत काफी मर्माहत होती है। पुराने एवं जर्जर तारों को बदलने के लिए 3000 करोड़ रुपए की योजनाओं का शुभारंभ पहले ही किया जा चुका है। इस कार्य को पूर्ण करने के लिए विभाग ने तीन वर्ष का लक्ष्य रखा है। मैं आपलोगों से कहना चाहता हूं इस महत्वपूर्ण कार्य को दो साल में ही पूर्ण करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में सुखाड़ की संभावित परिस्थितियों से निपटने के लिए की गई समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कृषि क्षेत्र के लिए विद्युत की दर को 96 पैसे से घटाकर 75 पैसे कर दिया गया है। स्टेट ट्यूबवेल के लिए कॉमर्शियल दर की जगह कृषि क्षेत्र के दर 75 पैसे को लागू किया गया है।
किसानों को डीजल सब्सिडी 50 रुपए प्रति लीटर की दर से दी जा रही है। किसानों के हित के लिए यह सब कार्य किए जा रहे हैं। एग्रीकल्चर फीडर का निर्माण कराया जा रहा है। बताया गया है कि 120 फीडर का निर्माण कराया जा चुका है। 231 शक्ति उपकेंद्रों में से 69 का निर्माण कराया जा चुका है। इसे 2019 के मार्च तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। अगर आपलोग इस लक्ष्य को प्राप्त करते हैं तो पुरस्कृत किये जायेंगे।
40 प्रतिशत महिला अभियंतागण संचरण कंपनी में काम कर रही हैं। उन्हें आवास एवं बुनियादी सुविधाएं फीडर केंद्र पर उपलब्ध हो सके इसके लिए राज्य योजना मद से सरकार मदद करेगी। कृषि कार्य हेतु 1312 पृथक कृषि फीडर का निर्माण मार्च 2019 तक पूर्ण करने का आपने जो वचन दिया है, मुझे यकीन है आप उस पर खरा उतरेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एन0टी0पी0सी0 को कांटी, नवीनगर एवं बरौनी विद्युत कारखाना सुपुर्द कर चुकी है। इससे पावर जेनेरेशन का काम और बेहतर ढंग से हो सकेगा और राज्य में बिजली की आपूर्ति एन0टी0पी0सी0 के द्वारा कम दर पर लोगों को उपलब्ध हो सकेगा। हमारी सरकार पर्यावरण एवं प्रकृति के संरक्षण के प्रति सतर्क है। लखीसराय के कजरा में 250 मेगावाट के उत्पादन एवं भागलपुर के पीरपैंती में 235 मेगावाट के उत्पादन के लिए सौर ऊर्जा पार्क का निर्माण कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा आपलोग फील्ड में जाइये, उस दौरान नई-नई चुनौतियां मिलेंगी और उम्मीद है आपलोग उसका समाधान भी करेंगे। हम भी यात्रा करते हैं ताकि योजनाओं की जमीनी हकीकत का पता चले और उसको बेहतर ढंग से कार्यान्वित करने एवं नई योजनाओं को बनाने में मदद मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को विकास का लाभ मिल रहा है, न्याय के साथ विकास के पथ पर बिहार अग्रसर है। बिहार अपने गौरवशाली अतीत को फिर से प्राप्त करेगा, इसमें आप युवाओं की बड़ी भूमिका होगी।
विद्युत भवन-I स्थित भूतल में नवनिर्मित सभागार का भी उद्घाटन किया। पुस्तकालय स्थित
ऑडियो-विजुवल रुम में लघु वृत्तचित्र का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम के दौरान वर्ष 2018 बैच के नवनियुक्त अभियंता सौरभ कुमार एवं अपूर्वा अग्रवाल द्वारा फीडबैक प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया गया। विद्युतीकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अभियंताओं, विभिन्न ऊर्जा एजेंसियों के अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान हर घर बिजली योजना की अब तक की यात्रा पर एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रिमोट के जरिए 109 पॉवर सब स्टेशन के अंतर्गत नवनिर्मित पी0एस0एस0 एवं संचरण प्रक्षेत्र की योजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन एवं लोकार्पण किया।
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, ऊर्जा मंत्री श्री विजेंद्र प्रसाद यादव,
प्रधान सचिव ऊर्जा श्री प्रत्यय अमृत ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, बिहार विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष श्री एस0के0 नेगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, साउथ बिहार पॉवर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष श्री आर0 लक्ष्मणन,नार्थ बिहार पॉवर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष श्री संदीप के0आर0,प्रधान लेखाकार श्री नीलोत्पल गोस्वामी,जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री बाला मुरुगन डी0, जिलाधिकारी श्री कुमार रवि सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण, विभिन्न कंपनियों के निदेशकगण, अभियंतागण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा सांसदगण, विधायकगण, विधान पार्षदगण, अन्य प्रतिनिधिगण एवं जिलाधिकारीगण भी इस कार्यक्रम से जुड़े रहे।