- September 8, 2015
मीणा और मीना दोनों ही अनुसूचित जनजाति
जयपुर – सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरूण चतुर्वेदी ने सोमवार को शिक्षा संकुल स्थित मदरसा बोर्ड के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में मीणा और मीना विवाद पर सरकारी पक्ष स्पष्ट करते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में मीणा और मीना दोनों को ही अनुसूचित जनजाति मानते हुए जाति प्रमाण पत्र जारी किये जा रहे हैं। इसमें किसी प्रकार की कोई रोक नहीं है।
डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से यह भ्रामक प्रचार किया जा रहा है कि राज्य सरकार ने मीणा और मीना समाज के छात्रों के अनुसूचित जनजाति के सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक लगा रखी है यह सरासर गलत है।
उन्होंने कहा कि इस भ्रामक प्रचार को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य सरकार की स्थिति को स्पष्ट किया जाये। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इस आशय का पत्र 23 दिसम्बर, 2014 को समस्त जिला कलेक्टरों को जारी किया है जिसमें स्पष्ट किया है कि अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में किसी प्रकार का रद्दोबदल नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में राजस्थान उच्च न्यायालय में दायर याचिका नं. 13978-2013 में राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव ने जो शपथ पत्र प्रस्तुत किया है उसमें भी मीणा व मीना के संबंध में अपना यह दृष्टिकोण स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर यह भी स्पष्ट किया गया है कि वर्तमान में अनुसूचित जनजाति को दिया जा रहा आरक्षण पूर्ववत की तरह जारी है तथा मीणा और मीना दोंनो को ही राज्य सरकार के स्तर पर सभी प्रयोजनार्थ अनुसूचित जनजाति की मान्यता है।
डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि आज सांसद श्री हरिश मीना व विधायक श्री ललित कुमार मीना, श्री ओमप्रकाश हुडला सहित अनेक विधायक मुख्यमंत्री से मिले थे। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस तरह के भ्रम को दूर करने का निवेदन किया है। मुख्यमंत्री ने इस तरह के भ्रामक प्रचार से दूर रहने के लिए कहा है।
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