- October 16, 2015
मास्टर प्लान : चौथ माता मंदिर का विकास
जयपुर – राजस्व एवं देवस्थान मंत्री श्री अमराराम चौधरी ने कहा सवाई माधोपुर जिले का चौथ माता मंदिर प्राचीनतम एवं ऐतिहासिक मंदिर है। यहां आने वाला प्रत्येक यात्री एवं पर्यटक को शान्ति मिले तथा यहां स्वर्ग जैसा वातावरण महसूस करे इसके लिए स्वर्ग जैसा वातारण मिलने का सपना शीघ्र पूरा होगा। उन्होंने कहा कि सरकार का मुख्य ध्येय प्राचीन धरोहरों एवं मंदिरों का विकास करना है। इसके लिए सुझाव प्राप्त कर मास्टर प्लान तैयार किया जायेगा। जिसके अन्तर्गत यात्रियों को मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा।
श्री चौधरी गुरूवार को सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा स्थित ट्रस्टी धर्मशाला में आयोजित चौथ माता मंदिर के विकास हेतु सुझाव प्राप्त करने सम्बन्धी बैठक में उपस्थित लोगों एवं अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश के नक्शे में परिवर्तन होगा। उन्होंने रेवन्यू के सम्बन्ध में कहा कि पेट्रोल पम्प के जमीनों के आवंटन सम्बन्धी प्रकरणों में रूकावट नहीं आवे अपितु नियमानुसार सरलीकरण के आधार पर जमीन का आवंटन किया जावे, रेगिस्तानी व पहाड़ी क्षेत्रों में नये गांव के प्रस्ताव नियमानुसार सरकार को भिजवायें ताकि उन पर कार्यवाही की जा सके।
राजस्व मंत्री ने कहा कि गांव के गरीबों के लिए न्याय आपके द्वार अभियान चलाकर राहत प्रदान की। उन्होंने बताया राज्य सरकार की इस अनूठी पहल के तहत प्रदेश में 21 लाख राजस्व प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह लखावत ने कहा कि सरकार चौथ माता मंदिर सहित राज्य के करीब 11 धार्मिक स्थल एवं प्रसिद्घ मंदिरों के विकास के लिए कृत संकल्प है। जिनके विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मन्शा के अनुसार चौथ माता मंदिर के सर्वांगीण विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार कर चीफ टाउन प्लानर के डीपीआर के मुताबिक विकास कार्य करवाये जायेंगे। जिससे चौथ माता के दर्शन के लिए आने वाले यात्रियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि चौथ का बरवाड़ा में आने वाले यात्रियों, दर्शनार्थियों व स्थानीय लोगों को पहले से बेहतर सुविधाएं मिले इसके लिए सभी का सहयोग जरूरी है। उन्होंंने कहा कि जो सुझाव प्राप्त किए गए हैं। उन्हें आमजन के समक्ष प्रस्तु किए जायेंगें ताकि उन सुझावों में कटौती अथवा नये सुझाव को शामिल किया जा सके।
इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि व संबंधित अधिकारियोंं ने भी विचार व्यक्त किये।