माँ नर्मदा लिंक अलीराजपुर उदवहन सिंचाई परियोजना का भूमि-पूजन

माँ नर्मदा लिंक अलीराजपुर उदवहन सिंचाई परियोजना का भूमि-पूजन

कम वर्षा तथा सिंचाई सुविधाओं के अभाव से जूझते आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विकास का ठोस आधार देने की अभूतपूर्व पहल की है। जिले को सालाना 55 हजार हेक्टेयर सिंचाई देने वाली माँ नर्मदा लिंक अलीराजपुर उदवहन सिंचाई परियोजना का भूमि-पूजन मुख्यमंत्री

 

अतिथि
  • कार्यक्रम में सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान, श्रम मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य, नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री श्री लाल सिंह आर्य विशिष्ट अतिथि होंगे।

  • विधायक श्री नागर सिंह चौहान, श्री माधोसिंह डावर, श्री शांतिलाल बिलवाल, सुश्री निर्मला भूरिया, श्री कलसिंह भाबर, जिला पंचायत अध्यक्ष अलीराजपुर श्रीमती अनीता चौहान और जिला पंचायत अध्यक्ष झाबुआ सुश्री कलावती भूरिया कार्यक्रम में विशेष अतिथि होंगे।

 

 गुरूवार 13 अगस्त को करेंगे। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित की जाने वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिये 582 करोड़ 80 लाख रुपये की स्वीकृति शासन ने दी है।

भौगोलिक स्थिति के कारण सिंचाई से वंचित अंचलों में नर्मदा का जल पहुँचाने की मुख्यमंत्री की कार्य-योजना के फलस्वरूप अलीराजपुर जिले को यह सौगात मिल सकी है। परियोजना के जरिये जिले में नर्मदा-हथिनी नदी के संगम स्थल के निकट रोलीगाँव के पास से 10 क्यूमेक्स नर्मदा जल 240 मीटर तक उदवहन किया जायेगा। 46 कि.मी. राईजिंग मेन, 120 कि.मी. ग्रेविटी मेन तथा लगभग 346 कि.मी. माईनर, सब माईनर वितरण प्रणाली से उदवहन होकर ढाई हेक्टेयर रकबे तक कनेक्शन मिल सकेगा। यहाँ से किसान ड्रिप तथा स्प्रिंकलर व्यवस्था से सीधे सिंचाई कर सकेंगे। आदिवासी अंचल की यह ऐसी पहली परियोजना है जहाँ किसान को अपने खेत तक पाईप से जल उपलब्ध होगा। इसके पहले 40 हेक्टेयर तक के रकबे पर कनेक्शन मिल पाता था। प्रथम बार इसे खेत तक ले जाने की व्यवस्था की गई है।

उल्लेखनीय है कि झाबुआ जिले से अलग होकर वर्ष 2008 में अस्तित्व में आये अलीराजपुर जिले की आबादी का मुख्य व्यवसाय खेती है। जिले में कुल कृषि योग्य रकबा लगभग 1 लाख 75 हजार हेक्टेयर है। वर्तमान में कुओं, छोटे तालाबों आदि से 36 हजार हेक्टेयर ही सिंचित हो पाता है। परियोजना पूरी होने पर जिले की सोंडवा, अलीराजपुर, जोबट, भाभरा एवं कट्ठीवाड़ा तहसील के 46 गाँवों को सिंचाई का लाभ मिलेगा। किसान वर्ष में दो से तीन फसल का उत्पादन ले सकेंगे। इस प्रकार परियोजना की 35 हजार हेक्टेयर क्षमता से वार्षिक सिंचाई का रकबा 55 हजार हेक्टेयर तक बढ़ जायेगा। ड्रिप / स्प्रिंकलर से जल उपयोग की दक्षता बढे़गी और बेहतर उत्पादन होगा। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने परियोजना को 36 माह में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। मुख्यमंत्री जिले के झण्डाना नामक स्थान पर परियोजना के भूमि-पूजन के बाद सोंडवा में आदिवासी कृषक सम्मेलन में भी भाग लेंगे।

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