• January 10, 2016

मनवाखेड़ा : ग्राम्य परिवेश की तस्वीर बदलने जुटे ग्रामीण – डॉ. दीपक आचार्य उप निदेशक

मनवाखेड़ा : ग्राम्य परिवेश की तस्वीर बदलने जुटे ग्रामीण  – डॉ. दीपक आचार्य  उप निदेशक

सू०ज०वि० (उदयपुर) –स्वच्छ भारत मिशन एवं स्वच्छता अभियान से संबंधित तमाम गतिविधियों के प्रति व्यापक लोक चेतना जागृत करने और स्वच्छता से संबंधित आवश्यक उपायों को सुनिश्चित करने में मेवाड़ अंचल पीछे नहीं है। शहरों और ग्राम्यांचलों में स्वच्छता विषयक गतिविधियां निरन्तर आकार लेती और प्रसार पाती जा रही हैं।

उदयपुर शहर से सटी मनवाखेड़ा ग्राम पंचायत नेशनल हाईवे से कुछ ही दूरी पर स्थित है। कुल 1 हजार 122 परिवारों की आबादी वाला यह क्षेत्र हरी-भरी वादियों के बीच बसा है। प्रकृति ने इस पूरे क्षेत्र पर भरपूर रमणीयता लुटाई है लेकिन शहरीकरण और आधुनिक सरोकारों का मिला-जुला असर जनजीवन एवं परिवेश पर भी दिखता रहा है।Manwakheda Udaipur (2)

गंदगी और प्रदूषण जैसी स्थितियों का प्रभाव यहाँ भी रहा है। एक ओर नैसर्गिक सौन्दर्य से भरा-पूरा परिवेश है वहीं दूसरी ओर गांवों में मुहाने से लेकर अंदर तक जगह-जगह कचरे के ढेर तथा मलत्याग को देख कर उन सभी को अजीब लगता था जो क्षेत्र में भ्रमण पर, राज-काज के लिए या मेहमान के रूप में आते।

स्वच्छता के प्रति जागरुकता के वर्तमान दौर में क्षेत्र के ये हालात निराशाजनक थे। इसी दौरान विकास अधिकारी एवं पंचायत समिति के कार्मिकों की ओर से मनवाखेड़ा के निरीक्षण का कार्यक्रम रखा गया।

ग्रामीण अंचल की स्वच्छताहीन गतिविधियों को देख कर सभी ने एक स्वर से यह तय किया कि अब मनवाखेड़ा की तस्वीर बदलनी जरूरी है। पंचायत समिति के अधिकारियों एवं कार्मिकों की पहल पर मनवाखेड़ा में ग्रामीणों को इकट्ठा किया गया तथा यह समझाया गया कि प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर इस क्षेत्र में कूड़ा-करकट के ढेर, मल एवं प्रदूषण ठीक नहीें।

ग्रामीणों को जागृत करने के लिए यहां तक कह दिया गया कि जब तक ग्रामीण अपने क्षेत्र में घरों में शौचालयों का निर्माण नहीं करेंगे, ग्राम्य स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तब तक गांव में जल तक ग्रहण नहीं करेंगे।

ग्राम्य स्वच्छता के लिए आए सभी अधिकारियों एवं कार्मिकों तथा जागरुक लोगों ने स्थानीय सरपंच श्रीमती ललिता देवी एवं उनके ससुर श्री  भँवरजी डांगी के समक्ष यही संकल्प जताया और कहा कि ग्राम पंचायत में तभी जलपान करेंगे जब ग्रामवासी शौचालयोें का निर्माण करवाकर उनका उपयोग सुनिश्चित कर गांव को स्वच्छता की राह पर ले आएंगे।

अपने क्षेत्र के बारे में निराशाजनक व नकारात्मक छवि सामने आने की बात ग्रामीणों के हृदय में घर कर गई। यह ताना सभी को चुभ गया। गाँव की पहचान बदलने की बात ग्रामीणों को जँच गई। इसी समय स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत शौचालय निर्माण और ग्रामीण स्वच्छता गतिविधियों की कार्ययोजना तैयार की गई।

गाँव के ही कारीगरों को नई तकनीक से शौचालय निर्माण की जानकारी दी गई। ग्रामीणों को ट्रिगरिंग विधा से स्वच्छता का पाठ पढ़ाया गया, खुले में शौच से होने वाली बीमारियों के बारे में विस्तार से बताया गया और स्वच्छता गतिविधियों को  युद्धस्तरीय अभियान के रूप में चलाने का आह्वान किया गया।

ग्रामीणों और ग्राम्यस्तरीय राज्यकर्मियों, जन प्रतिनिधियों और जागरुक लोगों ने कमर कस ली। दो माह में ही इसका असर सामने आने लगा। ग्राम पंचायत में ‘खुले में शौच से मुक्ति ’ अभियान जनता का अपना अभियान बन गया। अब घरों में शौचालय निर्माण का दौर लगातार जारी है। हर ग्रामीण संकल्पबद्ध है कि उसके घर में शौचालय जरूर हो ताकि घर वालों के बाहर खुले में शौच के लिए न जाना पड़े।

स्वच्छता अभियान की बहुद्देश्यीय गतिविधियाें को मूर्त रूप देने के लिए छोटे-छोटे विद्यार्थियों की ग्रामवार टीमें बनी। सभी राजकीय कर्मचारियों द्वारा शौचालय निर्माण एवं खुले में शौच मुक्ति को अपने राज-काज से जोड़ा जाकर सहयोग दिया गया। ग्राम पंचायत के वार्ड पंचों द्वारा प्रत्येक वार्ड में खुले में शौच से मुक्ति  और स्वच्छता की अलख जगाई गई।

ग्राम पंचायत में युवाओं की ऎसी जागरुक टीम तैयार हुई जो अल सुबह उठ कर इस अभियान को अंजाम देने में जुटने लगी। इस टीम का नेतृत्व ग्राम पंचायत के उपसरपंच श्री बंशीलाल मेघवाल और ग्राम सेवक पदेन सचिव श्री मोहनसिंह ने किया।

क्षेत्र में साफ-सफाई के प्रति जन जागरुकता बढ़ने के साथ ही गांव को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित करने के लिए ग्रामीणों की उत्सुकता गांव भर में लिखे गए स्लोगन्स और स्वच्छता अपनाने की चेतावनियों से साफ-साफ झलकने लगी है।

पूरे क्षेत्र में दीवारें स्वच्छता से संबंधित प्रेरणादायी वाक्य और संकल्प उद्घोष से भरी पड़ी है। गांव में स्वच्छता के प्रति स्वैच्छिक माहौल के चलते साफ-सफाई रहने लगी है और अब क्षेत्रवासियों का एक ही सपना है कि क्षेत्र ओडीएफ घोषित हो जाए, इसके लिए ग्रामवासी सामूहिक और समर्पित प्रयासों में जुटे हुए हैं। ग्राम्य स्वच्छता की दृष्टि से सड़क किनारे नाली निर्माण कार्य भी किया गया है।

व्यापक लोक जागरुकता और जन भागीदारी ने मनवाखेड़ा की तस्वीर बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। आज मनवाखेड़ा क्षेत्र स्वच्छता की डगर पर तेजी से बढ़ता जा रहा है। अब प्राकृतिक सौंदर्य के साथ मनवाखेड़ा क्षेत्र स्वच्छता में भी आगे बढ़ता जा रहा है।

ग्रामीण अंचलों में अब घरों में शौचालय बनाने का दौर तेजी पर है तथा खुले में शौच से मुक्ति का अभियान परवान पर है। इससे क्षेत्र में स्वच्छता गतिविधियाें का बेहतर माहौल बनने लगा है।

जिस तरह से ग्रामीणजन स्वच्छता के लिए  जुटे हुए हैं उसे  देख लगता है कि जल्द ही मनवाखेड़ा ग्राम पंचायत खुले में शौच मुक्त घोषित होगी और ग्रामीणों का संकल्प आकार लेगा। इस दिशा में भरसक प्रयासों का असर क्षेत्र में अच्छी तरह देखा जा सकता है।

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