मध्यप्रदेश में शिक्षा पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा पद्धति

मध्यप्रदेश में शिक्षा पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा  पद्धति

संदीपकपूर/हितेन्द्र भदौरिया——————————— मध्यप्रदेश में शिक्षा का पाठ्यक्रम बदला जायेगा। प्रदेश में विज्ञान, इतिहास और संस्कृति के साथ  नैतिक शिक्षा पर केन्द्रित ऐसी शिक्षा पद्धति अपनायेंगे, जिससे चरित्रवान पीढ़ी तैयार हो। यह घोषणा मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वामी अवधेशानंद जी के शिविर में की। श्री चौहान यहाँ सपरिवार भागवत कथा सुनने पहुँचे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्राचीन काल से भारत में संतों द्वारा शिक्षा दी जाती रही है। हम उसी प्रकार की शिक्षा पद्धति अपनाना चाहते हैं, जिससे इंसान को इंसान बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि अगले साल यह पाठ्यक्रम अमल में लाया जायेगा। नये पाठ्यक्रम में उपनिषद्, गीता तथा अन्य सभी धर्मों के ग्रंथों की खूबियाँ समाहित की जायेगी।

श्री चौहान ने प्रदेश में ‘आनंद मंत्रालय’ गठित करने की बात भी दोहराई। आनंद मंत्रालय में योग, ध्यान, निष्काम कर्मयोग जैसे विषय शामिल किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि विकास के मायने केवल सड़क, पुल-पुलियाँ और अन्य अधोसंरचनागत कार्य नहीं अपितु पूरी जनता का जीवन सफल एवं सार्थक होना है। आनंद मंत्रालय इन्हीं सब खूबियों पर केन्द्रित रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रालय का गठन सभी धर्मों के संत समाज के मार्गदर्शन में किया जायेगा। सभी वर्गों और धर्मों के अनुयायियों को गुणवत्तापूर्ण जीवन देना इस मंत्रालय का ध्येय होगा।

नर्मदा-क्षिप्रा के एक किलोमीटर के दायरे में होगा वृहद वृक्षारोपण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने घोषणा की कि नर्मदा-क्षिप्रा नदियों के दोनों किनारों के एक किलोमीटर के दायरे में आम जनता के सहयोग से वृहद स्तर पर फलदार पौधे लगाये जायेंगे। जब तक पौधे बड़े होकर फल नहीं देने लगेंगे, तब तक सरकार संबंधित किसानों को मुआवज़ा देगी। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण से पर्यावरण सुधार के साथ जल-संरक्षण होगा और नर्मदा-क्षिप्रा का जल-स्तर भी बढ़ेगा। श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजना की तरह कालीसिंध, पार्वती तथा अन्य नदियों को भी लिंक किया जायेगा।

प्रदेश में ऋषि खेती पद्धति अपनायेंगे

मुख्यमंत्री ने रासायनिक उर्वरकों से खेतों की उर्वरा शक्ति पर पड़ रहे विपरीत प्रभाव पर चिन्ता जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश में ऋषि खेती अर्थात जैविक खेती पद्धति को बढ़ावा दिया जायेगा।

प्रदेश की उन्नति के लिए मार्गदर्शन लेने आया हूँ

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वामी अवधेशनंद जी से आग्रह किया कि मैं यहाँ आपसे प्रदेश की उन्नति के लिए मार्गदर्शन लेने आया हूँ। उन्होंने सदबुद्धि बनी रहने और सन्मार्ग पर चलते रहने का आशीर्वाद चाहा।

मुख्यमंत्री ने भी सपरिवार किया गरबा

आश्रम में मुख्यमंत्री सपरिवार भागवत कथा सुनने पहुँचे थे। कथा में पूरा पंडाल गरबा की धुन पर थिरक रहा था। मुख्यमंत्री सपरिवार खूब थिरके।

थिंक टैंक बनाकर देंगे मार्गदर्शन- स्वामी अवधेशानंद जी

स्वामी अवधेशानंद जी ने मुख्यमंत्री द्वारा की गई रचनात्मक पहलों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आनंद मंत्रालय के गठन और नया शिक्षा पाठ्यक्रम तैयार करने में सभी धर्मों के संत-समाज को शामिल कर थिंक टैंक बनाया जायेगा। ऋषि खेती के लिए भी मार्गदर्शन दिया जायेगा। थिंक टैंक में वैज्ञानिकतकनीकी विशेषज्ञ, शिक्षाविद् और कृषि विशेषज्ञ शामिल किये जायेंगे। स्वामी जी ने कहा कि आनंद मंत्रालय की संकल्पना अन्य राज्यों के लिए आदर्श स्थापित करेगी।

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