- August 7, 2023
मणिपुर : सांप्रदायिक झड़पों के दौरान महिलाओं के खिलाफ हिंसा के सभी मामलों की निगरानी करेगा: सर्वोच्च न्यायालय
नई दिल्ली, 7 अगस्त (रायटर्स) – भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि वह पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में मई के बाद से तीन महीने तक चली सांप्रदायिक झड़पों के दौरान महिलाओं के खिलाफ हिंसा के सभी मामलों की निगरानी करेगा।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ। चंद्रचूड़ ने कहा कि वह संघीय केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा जांच की जाने वाली यौन हिंसा की सभी शिकायतों की निगरानी के लिए एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को नियुक्त करेगी।
चंद्रचूड़ ने कहा, सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट करेंगे।
पिछले महीने कथित तौर पर बहुसंख्यक मैतेई पुरुषों की भीड़ द्वारा दो आदिवासी कुकी महिलाओं को नग्न कर घुमाए जाने के वीडियो सामने आए थे, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा हुई थी।
महिलाओं ने अपनी पुलिस शिकायत में कहा था कि बाद में उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया।
तब से महिलाओं को जानबूझकर हिंसा में निशाना बनाए जाने के कई अन्य मामले सामने आए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 180 से अधिक मौतें हुई हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
अदालत ने हिंसा से उभरे मानवीय मुद्दों पर गौर करने के लिए विभिन्न उच्च न्यायालयों से तीन सेवानिवृत्त महिला न्यायाधीशों की एक समिति भी बनाई है।
भारत के सबसे छोटे राज्यों में से एक, मणिपुर की आबादी लगभग 32 लाख है। मेइतेई, जिनकी आबादी 53% है, अधिक समृद्ध घाटी में रहते हैं, जबकि कुकी 16% आबादी के साथ बड़े पैमाने पर आसपास की पहाड़ियों में रहते हैं।
मई की शुरुआत में झड़पें शुरू होने के बाद से स्थिति तनावपूर्ण हो गई है, दोनों पक्ष बंकर खोद रहे हैं और एक-दूसरे को निशाना बनाने के लिए अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
कृष्ण कौशिक द्वारा रिपोर्टिंग; टोबी चोपड़ा और एंगस मैकस्वान द्वारा संपादन
थॉमसन रॉयटर्स ट्रस्ट सिद्धांत।