- September 23, 2017
मछली पालन आर्थिक स्वावलंबन
छत्तीसगढ़ ——————-महिलाएं स्वसहायता समूह बनाकर रोजगार के नित नए साधन अपना रही हैं। कोरबा जिले के पुटीपखना पंचायत की महिलाएं भी गांव के दो तालाबों में मछली पालन कर आर्थिक रूप से स्वावलंबी हो गईं हैं। वहां की महिलाओं ने पांच एकड़ एवं सात एकड़ के दो अलग-अलग तालाबों में अपने बूते मछली पालन कर महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की है।
हमर छत्तीसगढ़ योजना में अध्ययन भ्रमण पर आए कोरबा जिले के पुटीपखना पंचायत के सरपंच श्री चन्द्रप्रताप पोर्ते बताते हैं कि उनके गांव की जय मां मातिन दाई महिला स्वसहायता समूह ने पिछले साल से दो तालाबों में मछली पालन का काम शुरू किया है। इस समूह में 12 महिलाएं हैं जिसकी अध्यक्ष श्रीमती फुलबसिया पेंद्रो है। समूह की अधिकांश महिलाएं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की हैं। सरपंच श्री पोर्ते बताते हैं कि मत्स्य पालन विभाग से मछली पालन व्यवसाय के बारे में जानकारी मिलने पर पिछले साल नवम्बर में समूह की महिलाओं ने इसका प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण के बाद महिलाओं ने दो बड़े तालाबों जिसमें एक का रकबा पांच एकड़ और दूसरे का सात एकड़ है, में मछली पालन शुरू किया।
पुटीपखना के सरपंच श्री चन्द्रप्रताप पोर्ते बताते हैं कि महिलाओं को उनके इस व्यवसाय में स्थानीय मछली पालन विभाग का लगातार सहयोग और मार्गदर्शन मिल रहा है। मछली पालन शुरू करने के लिए समूह को छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक से ऋण भी मिला है। इस व्यवसाय से महिलाओं को आर्थिक लाभ के साथ ही परिवार के लिए भरपूर प्रोटीनयुक्त आहार मिल रहा है।
श्री पोर्ते कहते हैं कि आदिवासी बाहुल्य उनके इलाके में भोजन में मछली बहुत पसंद की जाती है। महिला समूह के इस काम से गांववालों की जरूरत भी पूरी हो रही है और महिलाओं को अच्छी आमदनी भी हो रही है।