• February 7, 2018

भ्रष्टाचार पर सख्त सरकार -200 अधिकारी गिरफ्तार गृह मंत्री

भ्रष्टाचार पर सख्त सरकार -200 अधिकारी  गिरफ्तार गृह मंत्री

जयपुर—— गृह मंत्री श्री गुलाबचंद कटारिया ने विधानसभा में कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार के प्रकरणों में पुलिस के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने विगत चार वर्ष में पुलिस कार्मिकों के विरूद्ध रिश्वत के कुल 275 प्रकरण दर्ज किए।

श्री कटारिया ने प्रश्नकाल के दौरान विधायकों की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि ब्यूरो की ओर से पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज प्रत्येक प्रकरण में विधि सम्मत कार्रवाई की गई है।

दर्ज 275 प्रकरणों में से 171 प्रकरणों में 200 अधिकारियों-कार्मिकों को गिरफ्तार किया गया। 155 प्रकरणों में चालान एवं 6 प्रकरणों में अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किये गये। 114 प्रकरण अनुसंधान की विभिन्न प्रक्रियाओं में लम्बित है।

उन्होंने बताया कि इस अवधि में कांस्टेबल से उप निरीक्षक स्तर के 202 अधिकारियों-कार्मिकों एवं निरीक्षक से पुलिस अधीक्षक स्तर तक के 73 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। तीन पुलिस अधीक्षकों की गिरफ्तारी हुई और जेल में रहे।

गृह मंत्री ने कहा कि अलवर पुलिस अधीक्षक के खिलाफ बिन्दुवार लिखित में शिकायत मिलेगी तो तथ्यों एवं प्रमाणों के आधार पर जांच के पश्चात् आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

कार्रवाई करने की प्रक्रिया के संबंध में श्री कटारिया ने कहा कि एसीबी पूरे तथ्य एकत्रित करने के पश्चात् कार्रवाई करती है। प्रकरण दर्ज होने के बाद अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों को अधिकतम दो वर्ष एवं राज्य सेवाओं के अधिकारियों-कार्मिकों को अधिकतम तीन साल तक निलम्बित रखा जा सकता है। इस बीच समिति के निर्णय के आधार पर निलम्बन खत्म किया जा सकता है। कोर्ट के निर्णय के आधार पर विभिन्न स्तर की अंतिम कार्रवाई की जाती है।

उन्होंने बताया कि किसी पुलिस अधिकारी-कार्मिक के खिलाफ शिकायत मिलने या किसी तफ्तीश के दौरान जांच अधिकारी की ओर से हेराफेरी करने के तथ्य उजागर होने पर एसीबी कार्रवाई करती है। उन्होंने बताया कि किसी पुलिस अधिकारी-कार्मिक के खिलाफ 16 सीसी की कार्रवाई लम्बित होने पर फील्ड पोस्टिंग नहीं दी जाती है। गलती से फील्ड पोस्टिंग होने पर जानकारी मिलते ही तुरंत हटा दिया जाता है। 17-सीसी के तहत फील्ड पोस्टिंग से हटाने का प्रावधान नहीं है।

उन्होंने कहा कि दर्ज प्रकरणों में सजा दिलाने के प्रतिशत के हिसाब से राजस्थान देश में पहले स्थान पर है। पिछले चार साल में एसीबी ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किए गए अधिकारियों-कार्मिकों में से 47 फीसदी को सजा दिलवाई है। राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 12 प्रतिशत है।

इससे पहले विधायक ज्ञानदेव आहूजा के मूल प्रश्न के जवाब में श्री कटारिया ने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूराें के द्वारा विगत 4 वषोर्ं (वर्ष 2014 से 2017) में पुलिस विभाग के कुल 200 अधिकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। उन्होंने इसका विवरण सदन के पटल पर रखा।

उन्होंने बताया कि आलोच्य अवधि में पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध दर्ज कुल 275 प्रकरणों में से 155 प्रकरणों में चालान एवं 6 प्रकरणों में अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किये गये। 114 प्रकरण अनुसंधान की विभिन्न 5 प्रक्रियाओं में लम्बित है। श्री कटारिया ने ब्यूरो द्वारा की गई कार्रवाई का विवरण सदन की मेज पर रखा।

गृह मंत्री ने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा प्रत्येक प्रकरण में विधि सम्मत कार्रवाई की गई है। विगत 4 वषोर्ं में 200 पुलिस अधिकारी कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। 155 प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में विगत 4 वषोर्ं (वर्ष 2014 से 2017) में पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध दर्ज 275 प्रकरणों में से 171 प्रकरणों में गिरफ्तारी की गई है। गृह मंत्री ने इसका विवरण भी सदन के पटल पर रखा।

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