• November 16, 2022

‘भूकंप क्लीनिक’ :: बिहार सेसमिक जोन-4

‘भूकंप क्लीनिक’  :: बिहार सेसमिक जोन-4

बिहार सरकार ने अब हर जिले में एक ‘भूकंप क्लीनिक’ खोलने का फैसला किया है. राजधानी पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में ‘भूकंप क्लीनिक’ खुल भी चुके हैं.

भूकंप को लेकर बिहार को सेसमिक जोन-4 के तहत रखा गया है.

ऐसे में भूकंप क्लीनिक में एनडीआरएफ की टीमें भूकंप की मॉक ड्रिल कर लोगों को इसके खतरे से आगाह कर रही है. भूकंप से कैसे बचें, इसकी ट्रेनिंग भी देती है. भूंकप क्लीनिक में आप कैसे मकान बनाएं, भूंकप में क्षतिग्रस्त मकानों को दोबारा कैसे बनाएं और भूकंप के समय आप कैसे अपनी जान बचाएं जैसे महत्वपूर्ण सलाह दी जाती है.

बिहार में शुरू हुआ भूकंप क्लीनिक

इन भूंकप क्लीनिकों में एक पूर्ण मकान का निर्माण कराया गया है. इस क्लीनिक में दो तरह के मकान बनाए गए हैं. एक मकान ईंट और सीमेंट से बना है तो दूसरा बांस और फूस के साथ-साथ स्टील के चादर से बना है. इन दोनों मकान को एक ही परिसर में बनाया गया है. इन दोनों मकानों के अंदर ही लिखा गया है कि आप अपना मकान कैसे बनाएं कि भूकंप का कोई असर नहीं हो.

हर जिले में खुलेंगे एक भूकंप क्लीनिक

भूकंप क्लीनिक में इंजीनियर ईंट और सीमेंट से बने मकान के बारे में बताते हैं कि मकान का प्लींथ कैसे होना चाहिए, पीलर की गहराई कितनी होनी चाहिए, सरिया का साइज और इ्स्तेमाल कैसे किया जाए साथ ही वेंटिलेशन की व्यवस्था किस तरह होनी चाहिए. इसी तरह बांस के घरों के बारे में भी यहां बताया जाता है कि आप भूकंप के दौरान इसे कैसे सुरक्षित रखें और मकान बनाने का तरीका कैसा होना चाहिए.

भूकंप क्लीनिक में आपको यह सिखाया जाएगा

भूकंपरोधी मकानों का कंसल्टेंसी देने वाले सिविल इंजीनियर अनिल कुमार न्यूज -18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं. ‘भूकंप को लेकर पहले से भविष्यवाणी करने वाला कोई यंत्र अभी तक मेरे जानकारी में भारत में सामने नहीं आया है. हां, हमलोग सेसमिक जोन के आधार पर मकानों की मजबूती के लिए लोगों को सलाह और आगाह करते रहते हैं.

बिहार को सेसमिक जोन-4 के तहत रखा गया है. अगर यहां 7.5 की तीव्रता का भूकंप आ जाए तो इससे भारी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे में मकान बनाते समय कई बातों का ख्याल रखना पड़ता है.’

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