- December 21, 2022
भारत सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष के रूप में घोषित :- मंत्री श्री जे.पी.दलाल
चण्डीगढ़ – हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे.पी.दलाल ने कहा कि भारत सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष के रूप में घोषित किया है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए प्रदेश में मोटे अनाज (मिलेट्स) की पौष्टिकता के महत्व बारे लोगों में जागरूक व किसानों को प्रशिक्षिण किया जाएगा। हरियाणा ऐसा राज्य है जो नवाचार करने में पीछे नहीं हटता।
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस मिशन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है। इसी दिशा में प्रदेश एक कदम आगे बढ़कर कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में मुख्य रूप से बाजरा फसल को ही मोटे अनाज के रूप में उगाया जाता है। आजीविका में बाजरा/ज्वार पोषक अनाज से अपार संभावनाएं हैं। यह गेहूं और चावल की तुलना में कम कार्बन अपशिष्ट के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद करता है।
श्री दलाल ने कहा कि पोषक-अनाज अंतर्राष्ट्रीय वर्ष 2023 को जन आन्दोलन बनाने बारे व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा और इन फसलों की पौष्टिक महता को जन-जन तक पहुँचाया जाए। इसके लिए कृषि विभाग में 2023 के लिए विशेष रूप से कार्यशालाओं गोष्ठी, मेले व प्रशिक्षण शिविरों के लिए विशेष योजना तैयार की जाएगी। ताकि इन फसलों को पी.डी.एस, मिड डे मील व अन्य राज्य की कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आम लोगों की खाद्य आदतों में शामिल किया जा सके।
डॉ खादर अली (मिलेट मैन ऑफ इंडिया) ने कहा कि मोटे अनाज (मिलेट्स) की पौष्टिकता के महत्व बारे लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है। पोषक-अनाज से काफी बिमारियां खत्म हो जाती है। उन्होंने बताया कि यह अनाज शरीर को पोषण देने और ठीक करने की क्षमता के लिए पहचाने जाते हैं। बड़ी मात्रा में फाइबर, खनिज और प्रोटीन से युक्त, ये अनाज पोषण का एक पावर हाउस हैं। जो प्रचलित जीवनशैली रोगों का इलाज और प्रबंधन कर सकता है जैसे कि मधुमेह, रक्त शर्करा, उच्च रक्तचाप, हाइपरथायरायडिज्म आदि है। उन्होंने कह कि भोजन में कोदरा, कंगनी, कुटकी, स्वंक, हरी कंगनी, ज्वार, बाजरा, रागी और चीना आदि का प्रयोग करना चाहिए। स्वस्थ भोजन बीमारियों को कंट्रोल करता है।
इस अवसर पर हरियाणा राज्य भंडारण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ शालीन, खेती विरासत मिशन से उमेंद्र दत्त सहित कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहें।