- June 16, 2016
भारत-घाना संबंधों में प्रगाढ़ता, नवीनता लाना जरूरी- राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा एक प्रज्जवलित दीए के समान है, जो मार्ग प्रशस्त करता है और कई लोगों के जीवन में प्रकाश लाता है। उन्होंने घाना के युवाओं से उनकी शिक्षा और ज्ञान को अपने राष्ट्र और समाज सेवा में समर्पित करने का आग्रह किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि इस महान राष्ट्र की आगामी पीढ़ी और डॉ. क्वामे नूरुमाह के विरासत के वारिस अपने राष्ट्र को गौरवान्वित करेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रति वर्ष घाना के 250 सरकारी और अर्द्ध सरकारी अधिकारी भारत में प्रशिक्षण लेते हैं जबकि करीब 20 छात्र पूर्णकालिक छात्रवृत्ति पर स्नातक, स्नाकोत्तर और पीएचडी करते हैं। उन्होंने घोषणा की कि घाना के मानव संसाधन की क्षमता को पहचानते हुए भारत सरकार ने घाना के लिए सीटों का आवंटन बढ़ाकर 300 आईपीईसी स्लॉट करने और अन्य भारतीय योजनाओं के तहत वार्षिक छात्रवृत्ति की संख्या बढ़ाकर 40 करने का निर्णय लिया है।
राष्ट्रपति ने इस महान विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों से पिछले वर्ष भारत- अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन में भारत द्वारा घोषित छात्रवृत्तियों और प्रशिक्षण के अवसरों का लाभ उठाने का आग्रह किया। भारत-अफ्रीका संबंध बढ़ाने की क्षमता काफी बढ़ी है, जिसमें कृषि, जैव प्रौद्योगिकी और अपने देश से संबंधित अन्य विषयों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान शामिल है।