भारत के कृषि मंत्री और पीपल्‍स रिपब्‍लिक ऑफ चाइना के कृषि मंत्री के साथ बैठक

भारत के कृषि मंत्री और पीपल्‍स रिपब्‍लिक ऑफ चाइना के कृषि मंत्री के साथ बैठक

माननीय कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह जी ने पीपल्‍स रिपब्‍लिक ऑफ चाइना के कृषि मंत्री श्री हैन चांगफू और उनके प्रतिनिधिमंडल का भारत के वर्तमान दौरे पर स्‍वागत किया। माननीय मंत्री जी ने कहा कि “भारत चीन के साथ अपने संबंधों को अत्‍यधिक प्रमुखता देता है और चीन के साथ मैत्रीपूर्ण व सहयोगपूर्ण संबंधों को विकसित करने के लिए वचनबद्ध है। आपके देश के राष्‍ट्रपति ने हाल ही में भारत का दौरा किया तथा इस दौरे ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों को नया आयाम दिया है।”

माननीय कृषि मंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में दोनों देशों के संबंध मजबूत हुए हैं। उच्‍च स्‍तरीय राजनैतिक विचार-विमर्श व आर्थिक पारस्‍परिक वार्ताओं में बढ़ोतरी हुई है और दोनों देशों ने बहुपक्षीय गतिविधियों से संबंधित उच्‍च स्‍तरीय विचार-विमर्श भी जारी रखा है। दोनों देशों ने शांति व संपन्‍नता के लिए कार्यनीतिक व सहकारी सहभागिता स्‍थापित की है। हमारे देश विश्‍व में सर्वाधिक विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में एक है और हमारे संबंध क्षेत्रीय, वैश्‍विक व कार्यनीतिक रूप से महत्‍वपूर्ण हैं।

माननीय मंत्री जी ने जानकारी दी कि वर्ष 2006 में दोनों देशों के बीच कृषि के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए गए थे लेकिन उसमें अभी तक ज्‍यादा प्रगति नहीं हुई है। दोनों देशों को समझौता ज्ञापन के क्षेत्राधिकार में सहयोग बढ़ाने के लिए नई परियोजनाएं चिन्‍हित करने के लिए मिलकर कार्य करना होगा और नियमित रूप से संयुक्‍त कार्य दल की बैठक का आयोजन करना होगा।

माननीय मंत्री जी ने कहा कि दोनों देशों ने “शेयरड विजन फॉर 21 सेन्‍चुरी” दस्तावेज़ पर हस्‍ताक्षर किए है जो एकरूपता एवं क्षेत्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्दों पर कार्य करने की इच्‍छा को दर्शाता है। दोनों देश बहुपक्षीय संस्‍थानों की स्‍थिति एवं कार्यों एवं जलवायु परिवर्तन, खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा जैसे मुद्दों पर कार्य कर रहे हैं।

वर्ष 2013-14 के दौरान भारत ने रूपये 2,68,000 करोड़ मूल्‍य के कृषि उत्‍पादों का निर्यात किया। इस अवधि के दौरान चीन से 304.31 मिलियन अमेरिकी डालर का कृषि निर्यात हुआ। चीन अन्‍य देशों से कृषि वस्‍तुओं का आयात करता है यद्यपि भारत में चीन को इन वस्‍तुओं के निर्यात करने की क्षमता है। दोनों देश द्विपक्षीय व्‍यापार को बढ़ाने के लिए मिलकर कार्य कर सकते हैं। पशुधन उत्‍पादों, बासमती एवं गैर बासमती चावल, ताज़े फल एवं सब्ज़ियों के व्‍यापार की व्‍यापक संभावना है।

माननीय मंत्री जी ने कहा कि कृषि एवं अन्‍य जिंसों के द्विपक्षीय व्‍यापार को बढ़ाने के लिए दोनों देशों को स्‍वच्‍छता एवं पादप स्‍वच्‍छता से संबंधित समस्‍याओं का समाधान करने की आवश्‍यकता है जिस पर संतोषजनक विचार-विमर्श किया जा रहा है। उन्‍होंने आशा की कि सभी शेष स्‍वच्‍छता एवं पादप स्‍वच्‍छता से संबंधित समस्‍याओं का समाधान शीघ्रता से किया जाएगा।

माननीय मंत्री जी ने कहा कि दोनों देशों ने सामान्‍य हितों के अन्‍योन्‍य क्रियाओं सहित पड़ोसी संबंधों को बेहतरीन ढ़ंग से निभाया है और आशा करता हूं कि आज की बैठक हमारे द्विपक्षीय संबंध विशेष कर कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों में मजबूत करेगी। मैं आपके एवं आपके प्रतिनिधिमंडल के सुखद प्रवास की कामना करता हूं।

माननीय मंत्री जी ने जानकारी दी कि चीन के कृषि मंत्री के साथ ब्राजील में पहले भी मुलाकात हो चुकी है और G-20 में भी उनसे मुलाकात होगी और उसमें भी कृषि क्षेत्र से संबंधित तथ्‍यों पर चर्चा की जाएगी।

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