• November 13, 2014

भारत आसियान शिखर सम्मेलन : प्रधानमंत्री वक्तव्य के अंश

भारत आसियान शिखर सम्मेलन  : प्रधानमंत्री वक्तव्य के  अंश
> भारत की पूरब की ओर यात्रा म्यांमार की पश्चिमी सीमा से शुरू होती है।

> मेरी सरकार के पहले छह महीनों में हमने, पूरब के देशों के साथ संबंधों को बड़ी संजीदगी के साथ बढ़ावा दिया है।

> हमने आसियान के साथ संबंधों को भी समान महत्व दिया है।

> समूचा एशिया-प्रशांत क्षेत्र एकीकरण और सहयोग के लिए बेताब है।

> आसियान समुदाय भारत का पड़ोसी है। आसियान के सदस्य देशों के साथ प्राचीन समय से ही हमारे व्यापारिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, कला और परम्परागत संबंध रहे हैं।

> आसियान और भारत के युवाओं में भारी जोश और उत्साह है तथा इनमें बुद्धिमता तथा प्राचीन सभ्यताओं की महती समझ है।

> हम दोनों ही इस क्षेत्र में संतुलन, शान्ति और स्थायित्व बढ़ाने में और ज्‍़यादा सहयोग करने को उत्सुक हैं।

>  हमने मजबूत और व्यापक रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी है।

> भारत की ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’ अब ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ में बदल चुकी है।

लेकिन अपनी बात समाप्त करने से पहले मैं भारत-आसियान संबंधों को मजबूत बनाने में मार्गदर्शन देने के लिए समन्‍वयक देश ब्रुनेई के महामहिम सुल्तान हसन-अल-बोलकिया को धन्यवाद देना चाहता हूं। मुझे विश्वास है कि अगले समन्‍वयक देश के रूप में वियतनाम इन संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में अपना पूरा सहयोग देगा।

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